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जोड में दर्द हो तो इन चीजों को न खाएं

जोड में दर्द हो तो इन चीजों को न खाएं, जोडों में दर्द की समस्या कई तरह की बीमारियों में होती है लेकिन ऐसी ज्यादातर बीमारियों का उपचार और परहेज में काफी समानताएं होती है। भोजन में भी कुछ खास खाद्य पदार्थों के परहेज की सलाह खासतौर से आयुर्वेद और नेचुरोपैथी चिकित्सा में दी जाती है।


रेड मीट :

जोडों में दर्द वाले मरीजों को रेड मीट को अपने आहर से निकाल देेने में ही भलाई है क्योंकि इसमें इंफ्लामेशन बढाने वाले गुण होते हैं। इसे खाने से कॉलेस्ट्रॉल की भी मात्रा बढती है। जिससे दूसरी बीमारियों के शुरू होने का खतरा रहता है। आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि रेड मीट खाने से शरीर का वात बिगड जाता है। जिससे दर्द में और भी बढोत्तरी होने की संभावनरा बनी रहती है। दर्द वाले लोगों को इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि उनके उपचार में अधितर पेन किलर का ही इस्तेमाल किया जाता है। जिसके कारण उनका लिवर और किडनी दोनोंं की कार्यक्षमता पर बोझ बना रहता है। दूसरी ओर दर्द के कारण ऐसे लोगों की मूवमेंट कम हो जाती है। इसकी वजह से भी बॉडी डिटाक्सिफिकेशन सिस्टम सामान्य तरीके से काम नहीं कर पाता। ऐसे में रेड मीट खाना समस्या पैदा कर सकता है क्योंकि यह आसानी से पचता भी नहीं है और लिवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों पर बोझ बढता है।

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प्रेासेस्ड फूड :

जोडों में दर्द वाले मरीजों को जितना हो सके प्रोसेस्ड फूड के इस्तेमाल से बचना चाहिए। प्रोसेस्ड फूड विशेषतौर से पैकेटबंद खाद्य पदार्थ को कहते हैं। जिसे इस्तेमाल के लिए लंबे समय तक प्रीजर्व कर के रखते हैं। लंबे समय तक पैकेट के अंदर खाद्य पदार्थ खराब न हो इसके लिए इनमें कई तरह के केमिकल युक्त प्रीजर्वेटिव्स का भी प्रयोग किया जाता है। ध्यान देने वाली बात है कि इन पदार्थों में सामन्य से अधिक चीनी और शूगर की मात्रा भी हो सकती है, जो सीधेतौर पर स्वास्थ्य के लिए नुकसान पैदा कर सकता है। ये सभी दर्द बढाने वाले गुणों से भरपूर होते हैं।

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ग्लूटेन युक्त भोजन :

बहुत ही कम लोग यह जानते हैं कि आर्थराइटिस या रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीजों के शरीर में ग्लूटेन की मात्रा बढ जाती है। ऐसे में अगर ग्लूटेन युक्त भोजन कर लिया तो समस्याएं बढ सकती है। इससे आपका पाचन तंत्र भी गडबड हो सकता है। साथ ही इससे इंफ्लामेशन भी बढता है।

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