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पुणे के अस्पताल में एकदिन में डॉक्टरों ने किया 5 अंग प्रत्यारोपण 

एक डोनर से दिल, फेफड़े, लिवर, किडनी, पैंक्रियाज ने 5 मरीजों को नया जीवन दिया

पुणे। टीम डिजिटल : पुणे के एक अस्पताल के डॉक्टरों ने एक ही दिन में 5 अंग प्रत्यारोपण (organ transplant) की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया है। डॉक्टरों ने एक डोनर से प्राप्त दिल, फेफडे, लिवर और किडनी और पैंक्रियाज से 5 मरीजों को नया जीवन मिला।
डॉ. डी. वाई. पाटिल मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (Dr. D.Y. Patil Medical College, Hospital & Research Center) में जटिल अंग प्रत्यारोपण सर्जरी की सफलता ने 52 वर्षीय पुरुष रोगी को हृदय प्रत्यारोपण, 39 वर्षीय महिला रोगी को फेफड़े के प्रत्यारोपण, 53 वर्षीय पुरुष रोगी को लीवर प्रत्यारोपण, 35 वर्षीय- किडनी और अग्न्याशय प्रत्यारोपण और गुर्दा प्रत्यारोपण के माध्यम से 5 मरीजों को नई जिंदगी मिली। सर्जरी एक ही दिन एक ही छत के नीचे सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
डीवाई पाटिल अस्पताल के ट्रस्टी डॉ. यशराज पाटिल के मुताबिक  “हम परिवार द्वारा लिए गए बहादुर और निस्वार्थ निर्णय के लिए आभारी हैं। जिस प्रियजन को उन्होंने खो दिया था, वह अब भी उन पांच जिंदगियों में जी रहा है, जिन्हें उसने बचाया है। हमारे अंग प्रत्यारोपण केंद्र का संचालन हमारे अत्यधिक कुशल और अनुभवी प्रत्यारोपण विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। उनकी विशेषज्ञता, हमारी विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ-साथ अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे ने हमारे अस्पताल में किए गए कई सफल अंग प्रत्यारोपण के ट्रैक रिकॉर्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
 डॉ डी वाई पाटिल विश्वविद्यालय की प्रो चांसलर डॉ भाग्यश्री पाटिल ने कहा, “यह घटना बताती है कि अंग दान सबसे अच्छा दान है और आज इस परिवार ने समाज के सामने एक नया रोल मॉडल स्थापित किया है।”
 डॉ. डी. वाई. पाटिल विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. पी. डी. पाटिल ने कहा, “हम परिवार के दुख को साझा करते हैं। ईश्वर उन्हें इस दुर्दशा से बाहर निकलने की शक्ति दे।” उन्होंने आगे अंगदाता के परिजनों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “अंग दान और प्रत्यारोपण के बारे में नागरिकों में जागरूकता बढ़ाना एक उत्साहजनक बात है, लेकिन अंगों की आवश्यकता वाले रोगियों की संख्या और अंग दाताओं की संख्या के बीच अभी भी एक बड़ा अंतर है। इसलिए अंगदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।”
 अस्पताल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी, डॉ. मनीषा करमरकर ने कहा, हम मानते हैं कि अंगदान मानवता को प्रदान की जाने वाली दयालुता का अंतिम कार्य है। डॉक्टरों, नर्सों और चिकित्सा पेशेवरों की हमारी अत्यधिक कुशल टीम ने, हमारी अत्याधुनिक तकनीक के साथ मिलकर, हमें इन पांच अंग प्रत्यारोपण सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा करने में सक्षम बनाया है। हम उस युवा लड़के के प्रति आभार व्यक्त करते हैं जिसने अपने अंगों का दान किया है और उस परिवार के लिए जिन्होंने दुःख के समय में अंगदान के लिए निस्वार्थ भाव से सहमति दी है। उनके साहस और निस्वार्थता ने हमारे लिए दूसरों की जान बचाना संभव बना दिया है और हम वास्तव में उनके योगदान से अभिभूत हैं।”
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