Face Bumps : कई बार चेहरा छूने से भी होता है दर्द
नई दिल्ली।टीम डिजिटल : Face Bumps : चेहरे की इस समस्या से पाएं निजात- बारिश के मौसम में उमस और गर्मी लोगों की परेशानी का सबब बन जाती है। त्वचा पर होने वाली चिपचिपाहट झेलना मुश्किल होने लगता है लेकिन उनकी समस्या और अधिक बढ जाती है, जिनके चेहरे पर Face Bumps उभर आते हैं। हालात कई बार ऐसे हो जाते हैं कि चेहरे को छूने से ही दर्द का अनुभव होने लगता है।
हालांकि, इस समस्या को लेकर लोगों का अनुभव एक दूसरे से भिन्न भी हो सकता है। Face Bump की समस्या केवल चेहरे तक ही सीमित नहीं रहती। कई लोगों के चेहरे के अलावा उनकी पीठ, हाथ और पेट के आसपास के हिस्सों में भी यह उभर जाता है। ऐसे में हर कोई प्रभावित व्यक्ति इस समस्या से निजात पाना चाहता है। यहां हम इस समस्या का कारण और निवारण दोनों ही बता रहे हैं।
फेस बम्प्स के प्रकार (types of face bumps)
एक्ने बम्प्स (acne bumps)
यह चेहरे पर बंद रोमछिद्रों या तैलीय त्वचा के कारण मुहांसे के तौर पर उभर सकते हैं। छोटे लाल उभार इसकी पहचान हैं। जो बाद में पपड़ी का निर्माण भी करने लगती है।
छोटे उभरे हुए तिल (small raised mole)
किसी पुराने त्वचा स्थिति के कारण तिल उभर सकते हैं। यह पिगमेंटेशन से कनेक्ट होते हैं।
त्वचा पर उभरे हुए मस्से (skin warts)
सामान्य तौर पर इसका रंग गहरा भूरा या काला हो सकता है। देखने में यह पपडी की तरह नजर आती है।
मिलिया जैसे सफेद स्किन बम्प्स (white skin bumps like milia)
ये चेहरे पर होने वाले छोटे और सफेद दाने होते हैं। इनमें केराटिन भरा होता है। बच्चों में पसीने की ग्रंथियों का अत्यधिक विकास मिलिया का मुख्य कारण होता है। ए
कॉमेडोन (comedones)
चेहरे पर ये एक्ने बम्प्स जैसा ही दिखते हैं। सामान्य तौर पर यह समस्या संक्रमण की वजह से होती है।
सिस्ट (cyst)
चेहरे पर त्वचा के नीचे छोटे-छोटे बम्प्स सिस्ट के बनने की वजह साबित हो सकते हैं। इन्हें अनदेखा करने से त्वचा वृद्धि की मौजूदगी सीधे तौर पर किसी बड़ी स्वास्थ्य परेशानी से भी संबंधित हो सकती है।
रैशेज (rashes)
चेहरे पर शेविंग बम्प्स और चकत्ते का होना भी एक आम समस्या है। यह समस्या ज्यादातर शेविंग के दौरान त्वचा कटने से होती है।
अन्य समस्याएं (other causes of bumps)
- मेलेनोमा
- केराटोसिस पिलारिस
- रेशेदार पपल्स
- नेवी
Also Read : Amazing Facts in Hindi: बढती हुई उम्र पर विज्ञान लगाएगा लगाम !
फेस बम्प्स से ऐसे बचें (how to avoid face bumps)
त्वचा की नियमित सफाई
धूल और गंदगी की वजह से त्वचा के पोर्स बंद हो जाते हैं। जिसके कारण बम्प्स उभरते हैं। विशेषज्ञ इस स्थिति से बचने के लिए क्लींजर के उपयोग की सलाह देते हैं। इसके प्रयोग से त्वचा से अतिरिक्त तेल, गंदगी और पसीना निकल जाता है। त्वचा में अगर जलन या सूजन की समस्या हो तो विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। पहले क्लीन्जर को त्वचा पर टेस्ट जरूर करें, ताकि उससे होने वाले रियक्शन या एलर्जी को परखा जा सके।
नियमित मॉइस्चराइज़ करें
चेहरे की सफाई के बाद त्वचा को मॉइस्चराइज़ करें। मॉइस्चराइजर आयल फ्री और गैर-कॉमेडोजेनिक होना चाहिए। इसका मतलब यह है कि इससे आपके त्वचा की पोर्स खुली रहेगी। मॉइस्चराइजिंग जलन की वजह से होने वाले बम्प्स की समस्या को नियंत्रित करता है। इसके अलावा त्वचा में हाइड्रेशन बनाए रखता है। इससे त्वचा को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
केमिकल पीलिंग
केमिकल पील विभिन्न प्रकार की त्वचा संबंधित समस्याओं में फायदेमंद है। इससे बम्प्स, दाग-धब्बे, धूप से होने वाली क्षति, पिंपल्स आदि का उपचार किया जाता है। समस्या का समाधान तैयार करने के लिए यूएस एफडीए-अनुमोदित रासायनिक अवयवों (जैसे अल्फा हाइड्रॉक्सिल एसिड) का उपयोग किया जाता है। इन्हें त्वचा विशेषज्ञ चेहरे पर अप्लाई करते हैं। इससे त्वचा की ऊपरी परत को पील किया जाता है। इसके अलावा यह त्वचा संबंधित अन्य कई समस्याओं का समाधान करता है। साथ ही स्वस्थ कोशिकाओं की तादाद को बढाता है।
टॉपिकल मेडिसिन्स
त्वचा पर उभरने वाले छोटे आकार के बम्प्स के लिए इसे सरल उपाए के तौर पर बताया जाता है। इस विधि के तहत सबसे पहले त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श ली जाती है। इसके ज्यादातर दवाओं में सैलिसिलिक एसिड या बेंज़ोयल पेरोक्साइड की मात्रा होती है। यह त्वचा में होने वाले संक्रमण से बचाव करता है।
ओरल मेडिसिन्स
त्वचा से संबंधित समस्याओं के लिए विशेषज्ञों से सलाह लेकर ओरल मेडिसिन भी लिया जा सकता है। फेस बम्प्स की स्थिति में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल दवाएं खाने को दी जाती है। इन दवाओं से संक्रमण को फैलने या गंभीर होने से बचाव होता है।
Also Read : E-Pharmacy : दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर लगेगा प्रतिबंध !
लेजर थेरेपी
इस थेरिपी में त्वचा विशेषज्ञ त्वचा की ऊपरी परत को पिक्सेल लेजर के संपर्क में लाते हैं। यह स्वस्थ कोशिकाओं को सुरक्षित रखते हुए बारीकी से क्षतिग्रस्त टिश्यू को समाप्त कर देता है। इसके अलावा यह शरीर में कोलेजन का उत्पादन (production of collagen) करने वाली प्राकृतिक प्रतिक्रिया को बढावा देता है। इससे बिना किसी प्रकार के दाग धब्बो को छोड़े त्वचा के साथ घाव को भी भर दिया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर किसी को सिस्ट है तो इसे लेजर थेरेपी के जरिए रीमूव कराना एक बेहतर विकल्प है।
Face Bumps : चेहरे की इस समस्या से पाएं निजात
[table “9” not found /][table “5” not found /]