जानिए Knee Ligament Injury के लक्षण प्रकार और इलाज
Knee Ligament Injury : टीम इंडिया (Team India) के उपकप्तान और गेंदबाज हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) के चोटिल होने से टीम इंडिया को बडा झटका लगा है। पांड्या टीम के लिए ऑलराउंडर खिलाडी के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे थे। पहले यह जानकारी सामने आई थी कि हार्दिक के टखने में चोट लगी है लेकिन ताजा जानकारी के मुताबिक उन्हें लिगामेंट टियर (ligament tear) हुआ है। इससे उबरने में उन्हें कम से कम दो हफ्तों को वक्त लग सकता है। यहां बता दें कि हार्दिक बांग्लादेश के खिलाफ मैच में अपने पहले ओवर में चोटिल हो गए थे।
वह स्ट्रेट ड्राइव को रोकने की कोशिश में असंतुलित होकर गिर गए थे। इसी दौरान उनके टखने में चोट आई थी। इस चोट के बाद उन्हें स्क्रीनिंग के लिए ले जाया गया था और इसके बाद वह न्यूजीलैंड के खिलाफ चल रहे मैच को नहीं खेल पाए थे। लिगामेंट टियर (ligament tear) कोई फ्रैक्चर नहीं है लेकिन इस चोट की वजह से मूवमेंट को लेकर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पडता है। दिल्ली के स्वामी दयानंद अस्पताल के वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. गौरव शर्मा समझते हैं कि लिगामेंट टियर क्या होता है, यह चोट कितनी गंभीर है, इससे उबरने के उपाए क्या हैं।
क्या होता है Ligament Injury
लिगामेंट फाइब्रस टिशू का एक सख्त बैंड होता है जो हड्डी को हड्डी से जोड़कर रखता है। यह हड्डियों को कार्टिलेज से भी जोड़ता है, जो शरीर के जोड में मौजूद महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। आमतौर पर लिगामेंट काफी मजबूत होते हैं लेकिन चोट या जोडों पर अत्यधिक दबाव बनने की वजह से यह टीयर हो सकते हैं। इसे लिगामेंट इंजरी या लिगामेंट टीयर कहते हैं। खेल के मैदान में खिलाड़ियों को लगने वाले चोटों में से लिगामेंट टियर सामान्य रूप से देखने को मिलता है। आमतौर पर लिगामेंट इंजरी एंकल, नी, अंगूठा, गर्दन या फिर पीठ के पीछे हो सकता है।
Also Read : Pollution से बचाव के साथ फेफड़ों की कार्य क्षमता बढाते हैं यह 11 उपाए
लिगामेंट टीयर के लक्षण |Symptoms Of A Ligament Tear
Hardik pandya had come to Manipal hospital baner for treatment #HardikPandya pic.twitter.com/8csXksNSpL
— Gujju Cricket (@gujjucricket) October 20, 2023
लिगामेंट टीयर से प्रभावित हिस्से को छूने से तेज दर्द होता है। चोट से प्रभावित स्थान पर सूजन भी हो सकती है। इसके अलावा मूवमेंट में बेहद समस्या होती है। कई बार चोटिल हिस्से से आवाज आने का अहसास भी हो सकता है। इसके अलावा मांसपेशियों में ऐंठन भी महसूस कर सकते हैं। लिगामेंट जोड को सपोर्ट करने के साथ उन्हें मजबूती भी प्रदान करते हैं। लिगामेंट टीयर होने पर प्रभावित जोड के आसपास लूजनेस का भी अहसास हो सकता है। जिस हाथ और पैर में चोट लगी है, उसे मोडने में भी समस्या महसूस हो सकती है।
डायगनोसिस और प्रकार| Diagnosis And Types
लिगामेंट टीयर की डायगनोसिस आमतौर पर शारीरिक जांच और मेडिकल हिस्ट्री से शुरू की जाती है। आपके डॉक्टर आप से कई सवाल पूछ सकते हैं, जैसे – चोटिल जब हुए तब क्या कर रहे थे। शरीरिक जांच के बाद फ्रैक्चर या टूटी हुई हड्डियों की जानकारी लेने के लिए एक्स-रे कराया जाता है। अगर जरूरत महसूस होती है तो डॉक्टर मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग ( MRI) करवाने की भी सलाह दे सकते हैं।
तीन प्रकार के होते हैं लिगामेंट टियर
ग्रेड 1: यह हल्की मोच, जिससे लिगामेंट को नुकसान तो पहुंचा है लेकिन टीयरिंग ज्यादा गंभीर स्तर की नहीं होती।
ग्रेड 2: मध्यम दर्जे की मोच, जिसमें पार्शियल टीयरिंग होती है और जोड असामान्य रूप से ढीला हो सकता है।
ग्रेड 3: गंभीर श्रेणी का मोच, जिसमें लिगामेंट पूरी तरह से टूट जाता है और जोड़ अनस्टेबल हो जाता है।
Also Read : Dengue Fever : कठिन परिस्थिति में भी डेंगू मच्छर कैसे रहता है जिंदा, वैज्ञानिक ने उठाया रहस्य से पर्दा
लिगामेंट टियर की ट्रीटमेंट-Treatment Of Ligament
लिगामेंट इंजरी का उपचार उम्र, संपूर्ण स्वास्थ्य और मेडिकल हिस्ट्री के साथ चोट की गंभीरता पर निर्भर करता है। आराम, आइस, कंप्रेशन, और एलिवेशन (R.I.C.E.) लिगामेंट से संबंधित चोट के लिए प्राथमिक उपचार के तौर पर उपयोग किए जाते हैं। दर्द और समस्या को कम करने के लिए डॉक्टर इबुप्रोफेन जैसी दवाएं दे सकते हैं। इसके अलावा चोटिल व्यक्ति को मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम करने के लिए भी कहा जाता है। अगर घुटने में लिगामेंट इंजरी है, तो नी ब्रेस पहनने के लिए भी बोला जा सकता है। सूजन को कम करने के लिए आइस पैक का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर गंभीर चोट है तो उससे उबरने के लिए सर्जरी भी करनी पड सकती है।