यूरोप से कोलकाता लौटे एक युवक में मंकीपॉक्स जैसे लक्षण दिखाए दिए हैं। जिसके बाद यह पता लगाया जा रहा है कि क्या युवक वाकई इस वायरस से पीडित है।
नई दिल्ली : हाल ही मेंं यूरोप की यात्रा करके कोलकाता से लौटे एक युवक में मंकीपॉक्स जैसे लक्षण पाए गए हैं। चकते और अन्य मिलते-जुलते लक्षणों के साथ युवक को अस्पताल में भर्ती किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने अभी युवक की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया है। अभी उसकी जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है। युवक का सैंपल जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजा गया है। स्वास्थ्य सेवा निदेशक सिद्धार्थ नियोगी के मुताबिक जबतक रिपोर्ट में मंकीपॉक्स की पुष्टि नहीं हो जाती, तबतक इस वाकिए से घबराने की जरूरत नही है।
आइसोलेशन में डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया है युवक
युवक के शरीर पर चकत्ते का पता चलने के बाद से ही राज्य का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। युवक यूरोप पढाई के लिए गया था और हाल में ही कोलकाता लौटा है। शहर के अस्पताल में उसे निगरानी में रखा गया है। स्थिति पर डॉक्टर पूरी निगरानी बनाए हुए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक युवक के परिजनों में उसके जैसे लक्षण नहीं पाए गए हैं। अगर उनमें अगर लक्षण उभरते हैं, तो उन्हें इस बारे में अस्पताल को सूचित करने के लिए कहा गया है। यहां बता दें कि मध्य पश्चिमी अफ्रीका के दूरदराज के इलाकों में मंकीपॉक्स वायरस के मामले आम हैं। जबकि, पिछले दिनों यूरोप और अमेरिका से भी इसके फैलने की खबरें सामने आ रही है।
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मंकीपॉक्स के कैसे होते हैं लक्षण
मंकीपॉक्स चेचक जैसा दिखता है। इससे इसके लक्षण काफी मिलते जुलते हैं। आमतौर पर यह बीमारी हल्की मानी जाती है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स के लक्षण उभरने में 6 से 13 दिन का समय लगता है। इससे संक्रमित होने वाले व्यक्ति में बुखार, तेज सिरदर्द, पीठ और मांसपेशियों में दर्द के साथ गंभीर कमजोरी होती है। संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर बड़े-बड़े दाने उभर आते हैं। गंभीर स्थिति में ये दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं। सही इलाज तो अभी नहीं हैं, लेकिन चूंकि यह चेचक का ही बड़ा स्वरूप लगता है, इसलिए चेचक की वैक्सीन को मंकीपॉक्स के खिलाफ असरदार माना जाता है।
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