हेल्थ रिपोर्ट 2022 : हेल्थ के मामले में दुनिया में किस तरह की रही हलचल
अगर बैंक की तरह आपके पास एक हेल्थ लॉकर हो जहां आप अपने स्वास्थ्य से संबंधित सभी जानकारियों को सुरक्षित रख सकें तो कैसा होगा। यह सुविधा अब देश में उपलब्ध हो गई है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के साथ मिलने वाली इस सुविधा के तहत आप अपने स्वास्थ्य से संबंधित रिकॉड, जांच आदि की जानकारी एक स्थान पर इकट्ठा कर सकते हैं और जरूरत पडने पर इसे अपने चिकित्सक के साथ शेयर कर सकते हैं। इसका लाभ यह है कि आपके चिकित्सक को आपकी मेडिकल हिस्ट्री समझने में आसानी होगी और वह आपका बेहतर उपचार कर सकेंगे।
नई दिल्ली : सरकार की मुफ्त टेलीमेडिसिन सेवा ई संजीवनी को एनएचए के आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के साथ इंटीग्रेट कर दिया गया है। ई-संजीवनी के उपयोगकर्ता अपना 14-अंक का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) यहां बना सकते हैं और अपने मौजूदा स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने अपनी प्रमुख योजना- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के साथ ई-संजीवनी के सफल एकीकरण की घोषणा की है। यह एकीकरण स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी के मौजूदा उपयोगकर्ताओं को आसानी से अपना आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) बनाने की सुविधा प्रदान करता है। जिसके बाद यूजर्स के लिए डॉक्टरी सलाह, लैब रिपोर्ट जैसे अपने मौजूदा स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ने और उसके मैनेज करना आसान हो जाएगा। इस सुविधा से जुडे यूजर्स के लिए ई-संजीवनी पर डॉक्टरों के साथ अपने हेल्थ रिकॉर्ड को साझा करना असान हो जाएगा।
एनएचए के सीईओ डॉ. आर. एस. शर्मा के मुताबिक एबीडीएम का लक्ष्य भारत में मौजूदा डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों और हितधारकों को एक-दूसरे से जोड़ना है। साथ ही इसके लिए डिजिटल हाईवेज का निर्माण करना भी है। एबीडीएम के साथ ई-संजीवनी का एकीकरण 22 करोड़ एबीएचए धारक ई-संजीवनी के माध्यम से बनाए गए अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को सीधे अपनी पसंद के हेल्थ लॉकर में लिंक और स्टोर कर सकते हैं। उपयोगकर्ता अपने पहले से जुड़े हेल्थ रिकॉर्ड को ई-संजीवनी पर डॉक्टरों के साथ साझा कर सकते हैं। इससे पूरी परामर्श प्रक्रिया कागज रहित (डिजिटल) हो जाएगी।
क्या है ई-संजीवनी :
ई-संजीवनी सर्विस दो तरह से उपलब्ध है। पहला ई-संजीवनी आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी)- डॉक्टर-टू-डॉक्टर टेलीमेडिसिन सेवा है। इसके माध्यम से एचडब्ल्यूसी में जाने वाले लाभार्थी को डॉक्टरों/विशेषज्ञों/अस्पताल/मेडिकल कॉलेज से जोडा जा सकता है। इससे विशेषतौर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए अपना उपचार करवाना आसान हो जाएगा। यह सेवा ग्रामीण क्षेत्रों और पृथक समुदायों में सामान्य और विशिष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाता है। ई- संजीवनी के तहत दूसरी सर्विस ई-संजीवनी ओपीडी है। इससे देशभर के मरीज जुडे हैं। इसके माध्यम से वह घर बैठे डॉक्टरी परामर्श ले सकते हैंं। ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी और ई-संजीवनी ओपीडी को एबीडीएम प्लेटफॉर्म के साथ आपस में जोड दिया गया है।
ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म को अब अन्य 40 डिजिटल हेल्थ एप्लीकेशन में शामिल कर लिया गया है। यह सभी प्लेटफॉर्म एबीडीएम से जुड़े हुए हैं। ये स्वास्थ्य तकनीक सेवाएं देश के लिए एक मजबूत, अंतर-संचालित और समावेशी डिजिटल हेल्थ इको-सिस्टम का निर्माण कर रही हैं। एबीडीएम एकीकृत ऐप्स के बारे में अधिक जानकारी के लिए https://abdm.gov.in/our-partners देखें।