Tuesday, December 3, 2024
HomeHealth TipsHeart Attacks : आ गया है दिल का दुश्मन मौसम, हार्ट हेल्थ...

Heart Attacks : आ गया है दिल का दुश्मन मौसम, हार्ट हेल्थ के प्रति रहें सतर्क

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

ठंड में बढ जाते हैं Heart Attacks के मामले, प्रदूषण भी बडी वजह

Heart Attacks : सर्दी का मौसम आ गया है और वायु प्रदूषण (Air Pollution) भी वातावरण को जहरीला बनाने लगा है। ऐसे में यह जरूरी है कि अभी से ही हार्ट हेल्थ (Heart Health) को लेकर सतर्कता बरती जाए। ठंड के मौसम में हार्ट अटैक (Heart Attacks) का जोखिम अन्य मौसमों के मुकाबले अधिक रहता है।

ऐसे में यह जरूरी है कि ठंड में हार्ट हेल्थ  (heart health) के लिए जोखिम बढाने वाले कारणों को जान लिया जाए। ठंड के मौसम में जब प्रदूषण की स्थिति भी बिगडी हो तो खासतौर से बुजुर्गों और क्रॉनिक बीमारियों से पीडित लोगों को सतर्क रहने की जरूरत पडती है। ठंड के मौसम में ऐसे लोगों को खुद को गर्म रखना ज्यादा जरूरी हो जाता है।

ठंड तत्काल प्रभावित नहीं करता, कुछ हफ्तों बाद दिखाता है असर

 आ गया है दिल का दुश्मन मौसम, हार्ट हेल्थ के प्रति रहें सतर्क
आ गया है दिल का दुश्मन मौसम, हार्ट हेल्थ के प्रति रहें सतर्क | Photo : freepik

हृदय रोग विशेषज्ञों के मुताबिक ठंड का असर तत्काल प्रभावित नहीं करता है बल्कि ठंड से प्रभावित होने के बाद उसका प्रभाव पता चलने में कुछ हफ्तों का समय लग सकता है। ठंड के मौसम में, स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ने का खतरा दोगुना हो जाता है। हालांकि, पूर्ण रूप से स्वस्थ्य लोगों के लिए ठंड का मौसम बहुत बडी समस्या नहीं बनती है लेकिन जिनकी कोरोनरी धमनियों में पहले से ही एथेरोस्क्लेरोसिस है, उनके लिए ठंड का मौसम एनजाइना या दिल का दौरा पड़ने का कारण बन सकता है। ठंडा तापमान रक्त को गाढ़ा और चिपचिपा बना देता है, जिससे थक्का जमने की संभावना बढ़ जाती है।

तापमान गिरने के साथ ही रक्तचाप और कोलेस्ट्राल बढता है

इस संबंध में एक शोध में यह पाया गया है कि जब तापमान गिरता है, तब रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और विटामिन डी का स्तर गिर जाता है। हृदय रोग विशेषज्ञों के मुताबिक आप अपने घर को कम से कम 18C तक गर्म रखकर, सक्रिय रहकर, गर्म पेय और गर्म भोजन करके इन सभी समस्याओं से बचे रह सकते हैं। इसके अलावा जब आप बाहर जाएं तो अपने मुंह और नाक के चारों ओर स्कार्फ लपेटकर सर्दियों में हृदय रोग से खुद को बचाने में मदद कर सकते हैं।

Also Read : Knee Ligament Injury : टीम इंडिया के पांड्या इसी चोट से हुए घायल, जानिए क्या है लिगामेंट इंजरी

विशेषज्ञ सर्दियों में प्रतिदिन 10 एमसीजी (400 आईयू) विटामिन डी पूरक लेने की सलाह देता है। हृदय रोग से पीड़ित लोगों को उनके जनरल फिजिशियन की सलाह के अनुसार फ्लू और कोविड जैसे अनुशंसित टीकाकरण कराने की भी सलाह दी जा सकती है। यदि कोई पुरानी चिकित्सीय स्थिति है, जो ठंड के महीनों में बदतर हो जाती है, तो आपको अपने डॉक्टर से भी मिलना चाहिए।

यदि आपके श्वसन संबंधी लक्षण जैसे सांस फूलना, खांसी, घरघराहट या सीने में तकलीफ महसूस हो रही है, तो ऐसी स्थिति में जोखिम लेने के बजाए कम से कम फोन या ऑनलाइन तरीके से किसी विशेषज्ञ से संपर्क जरूर करें। पुरानी चिकित्सीय स्थितियों वाले 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को अपने आसपास का तापमान नियंत्रित करके रखनी चाहिए। रूम का तापमान कम से कम 18 डिग्री होनी चाहिए।


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Avinash Jha
Avinash Jhahttps://caasindia.in
अविनाश झा एक Ankylosing Spondylitis warrior हैं और पिछले 10 वर्षों से एएस का सामना कर रहे हैं। पेशे से अकाउंट मैनेजर हैं। अविनाश पिछले 4 वर्षों से एएस वॉलेंटियर के तौर पर कार्य कर रहे हैं।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article