केमिकल युक्त रंगों से भी मिलेगी त्वचा को सुरक्षा
Holi Tips |How to avoid chemical colors : रंगों का त्योहार (HOLI) आने वाला है। ऐसे में यह जरूरी है कि आप सुरक्षित होली (safe holi) खेलने के तरीकों पर अभी से ही विचार करना शुरू कर दें। बाजार में केमिकल युक्त रंग और गुलालों (Chemical colors and gulal) की भरमार है।
ऐसे में सबसे बडी चुनौती होती है, कि आप केमिकल युक्त रंग के दुष्प्रभाव से त्वचा की सुरक्षा अपनी त्वचा की सुरक्षा (Protection of skin from side effects of chemical colors) कैसे करें। विशेषज्ञों की मानें तो केमिकल युक्त रंग और गुलाल न केवल त्वचा बल्कि शरीर के अन्य अंगों के लिए भी हानिकारक साबित हो सकते हैं। हम यहां आपको ऐसे तरीके (Holi Tips) बता रहे हैं, जिससे आप बिना किसी टेंशन से अपनी होली खेल सकते हैं और रंगों को छुडाने में भी ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी।
Holi Tips : रंग और गुलाल में हो सकते हैं खतरनाक केमिकल
दिल्ली नगर निगम के आयुर्वेद विभाग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आर पी पाराशर (Dr R P Parashar) के मुताबिक, कुछ वर्षों पहले तक लोग होली खेलने के लिए टेसू के रंगों (colors of tesu) का ज्यादातर उपयोग करते थे। जबकि, अब प्राकृतिक उत्पादों की जगह कृत्रिम रंगों (artificial colors) ने ले ली है। इनमें माइका (mica), कॉपर सल्फेट (Copper sulphate), लेड ऑक्साइड (lead oxide) आदि नुकसानदायक केमिकल (harmful chemicals) होते हैं।
इस तरह की हो सकती है समस्या
कुछ लोगों को इन केमिकल्स से एलर्जी होती है। वहीं इनके उपयोग से एलर्जी के अलावा त्वचा, सांस या फेफड़ों संबंधी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। अगर होली के रंग का आनंद लेना है तो बेहतर है कि थोड़े से प्रयास (Holi Tips) से ही घर पर इको फ्रेंडली हर्बल गुलाल और रंग तैयार (How to Prepare Eco Friendly Herbal Gulal) किये जाएं जो त्वचा के साथ-साथ संपूर्ण शरीर के लिए सुरक्षित हों।
ऐसे तैयार कर सकते हैं हर्बल गुलाल | How to prepare herbal gulal
हर्बल गुलाल तैयार करने के लिए विभिन्न पेड़- पौधों के फूल, पत्ते, और जड़ों का प्रयोग किया जा सकता है। इन्हें मैदा, बेसन या संतरों के छिलकों के साथ मिक्स करके हर्बल गुलाल तैयार किया जा सकता है। इन दिनों अच्छी तेज धूप निकल रही है। इसलिए इन्हें मिक्स करने के कुछ घंटे बाद ही गुलाल तैयार हो जाएगा।
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ऐसे तैयार करें हर्बल रंग | How to prepare herbal colour
पानी में मिलाकर खेले जाने वाले हर्बल रंगों को तैयार करने की विधि (Holi Tips) भी बेहद आसान है। विभिन्न तरह के पेड-पौधों के फूल-पत्तों और जडों को ग्राइंडर में पीसकर सीधे पानी में मिक्स कर सकते हैं।
लाल रंग
फूलों की बात करें तो इस समय टेसू यानी पलाश के फूलों की बहार आई हुई है और सड़कें टेसू के फूलों से अटी पड़ी हैं। इन्हें इकट्ठा कर हम लाल रंग का गुलाल या रंग बना (Holi Tips) सकते हैं। लाल रंग के लिए गुड़हल के फूलों का भी प्रयोग किया जा सकता है।
गुलाबी रंग
गुलाबी रंग के लिए चुकंदर का इस्तेमाल बेहतर हो सकता है। इसके लिए चुकंदर का रस निकालकर उसे सीधे रंग के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है। इसे बेहतर अनुपात में पानी के साथ मिलाकर भी उपयोग कर सकते हैं। चुकंदर के रस को आटे या मैदा में मिलाकर और सुखाकर हर्बल गुलाल तैयार किया जा सकता है।
हरा रंग
हरा रंग तैयार करने के लिए मेहंदी या धनिया के पत्तियों को पीसकर पानी में मिलाया जा सकता है। वहीं इसके रस को आटे या मैदा में मिलाकर और सुखाकर गुलाल तैयार कर सकते हैं।
पीला रंग
पीले रंग के लिए गेंदे के फूल, कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। गेंदे के फूल को निचोडकर उससे निकले रस को पानी में मिलाकर या सीधेतौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। गुलाल बनाने के लिए इनके रस को आटे या मैदे में मिलाकर उसे सुखाकर तैयार कर सकते हैं।
केमिकल से ऐसे करें त्वचा की रक्षा | How to protect skin from chemicals
बाजार से खरीदकर अगर रंग या गुलाल से होली खेल रहे हैं तो अपनी त्वचा को केमिकल के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए (Holi Tips) सुबह बालों, सिर, चेहरे और हाथों पर सरसों या नारियल का तेल लगा लें। होली खेलने से पहले पूरी बाजू के कपडे पहन लें।
रंग छुड़ाने की आसान विधि | Easy method to remove color
ध्यान रहे, होली खेलने के बाद तेज केमिकल युक्त युक्त शैंपू या साबुन का इस्तेमाल कर रंग उतारने की जल्दी न करें क्योंकि इससे त्वचा संबंधी समस्याएं और भी गंभीर हो सकती हैं। रंगों को उतारने के लिए दही या दूध में बेसन, संतरे या केले के छिलके का उबटन बनाकर त्वचा पर लगाएं और धीरे-धीरे रगड़कर साफ करें। हो सकता है कि इस विधि से रंग पूरी तरह न उतरे लेकिन इससे आपकी त्वचा जरूरी सुरक्षित रहेगी।