कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर आपकी जीवनशैली में हो सकता है सुधार
नई दिल्ली।टीम डिजिटल :
सर्दी का मौसम (winter season) शुरू हो चुका है। ऐसे में Ankylosing Spondylitis (एएस) के मरीजों के लिए विशेष चुनौती पैदा हो जाती है। सर्दी के मौसम में एएस से मुकाबले के लिए आप कितना तैयार हैं? यह विषय पर विश्लेषण करने के लिए आपको तैयार रहना चाहिए। कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर आप पूरी सर्दी अपनी जीवनशैली में काफी सुधार ला सकते हैं और AS के लक्षणों से राहत भी पा सकते हैं।
एसआई ज्वाइंट और हिप ज्वाइंट पेन कितना है?
मैक्स अस्पताल के रूमेटोलॉजिस्ट डॉ. हिमांशु अग्रवाल के मुताबिक एएस (AS) के मरीजों में (नए या पुराने) अक्सर फ्लेयर्स की शुरूआत एसआई (SI Joint) या हिप ज्वाइंट (Hip Joint) से होती है। इसलिए एसआई ज्वाइंट या हिप ज्वाइंट में होने वाले दर्द का आकलन जरूर करें। अगर सर्दी के मौसम में यह दर्द पहले से तेज होता है और इन दोनों ज्वाइंट की मोबिलिटी भी प्रभावित है, तो आपको विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सर्दी के शुरूआत के साथ ही आप इसके लिए अपने रूमेटॉलिस्ट से परामर्श लेकर प्रोपर मेडिकेशन ले सकते हैं।
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इससे पूरे सर्दी के मौसम के दौरान आपकी परेशानी कम होगी। अक्सर यह देखा गया है कि सर्दी का मौसम आने के साथ ही (जब मौसम में बदलाव आता है) इन दोनों जोडों में दर्द (Joint Pain) पहले से अधिक बढ जाता है। जब आप तत्काल इसके लिए आवश्यक उपचार शुरू कर देंगे तो जोडों के बीच सूजन नियंत्रित रहेगा और आप पूरे सर्दी खुद को गतिशील रख सकेंगे। एडवांस स्टेज के ऐसे एएस मरीज जो Biologics पर निर्भर हैं, उन्हें इसे सर्दी की शुरूआत से पहले या इसके साथ ही ले लेना चाहिए। इससे पूरी सर्दी आपको पेन फ्री रहने में मदद मिलेगी।
परेशानी बढाने वाले आहार की लिस्ट तैयार कर लें :
सर्दी के मौसम में खुद को राहत देने के लिए आपको अपने आहार को भी लेकर सतर्क रहना होगा। आप एक सूची तैयार करें और उसमें उन खाद्य पदार्थों का नाम लिखें, जिसे खाने से आपके शरीर में दर्द, सूजन और जकडन बढती है। इसके अलावा आपको इस बात के लिए कमिटेड भी रहना होगा कि आप इन आहार का उपयोग या तो नहीं करेंगे और अगर करेंगे भी तो संतुलित मात्रा में करेंगे।
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विटामिन डी और बी12 का स्तर चेक करें :
विशेषज्ञों के मुताबिक एएस से पीडित मरीजों में इन दो विटामिन्स की अक्सर कमी पाई जाती है। जबकि, यह विटामिन हड्डियों और नसों को स्वस्थ रखने में विशेष भूमिका निभाता है। सर्दी के मौसम से पहले ही आप इन दोनों विटामिन के स्तर की जांच करवा सकते हैं। अगर इनकी कमी है तो इसे पूरा करने की दिशा में अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। शरीर में अगर इन दोनों विटामिन्स का स्तर सामान्य है, तो आप सिर्फ दर्द, सूजन और अकडन ही नहीं बल्कि अन्य भी कई स्वास्थ्य चुनौतियों से बचे रह सकते हैं।
पर्याप्त नींद लें :
सर्दी के मौसम में वैसे भी जोडों का दर्द बढता है। इससे मुकाबला करने के लिए जितनी दवा जरूरी है, उतना ही मरीज के लिए पर्याप्त नींद भी जरूरी हो जाता है। जब आप सो रहे होते हैं तो शरीर अपने सेल्स और टिश्यू की मरम्मत में जुटा होता है। जोडों के दर्द से पीडित लोगों के लिए पर्याप्त और गहरी नींद इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे शरीर को मरम्मत कार्य में मदद मिलती है।
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डिप्रेशन की समस्या वाले रहें सतर्क :
मानोरोग विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दी के मौसम में डिप्रेशन या मनोरोग के लक्षण बिगड सकते हैं। कई अध्ययनों और शोध में इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है। एएस वाले मरीजों को यह ध्यान रखना चाहिए कि डिप्रेशन या तनाव एएस के लक्षणों को बिगाड सकता है। वहीं हृदय और आपकी आंतों के सेहत के लिए भी हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए सर्दी के मौसम में खुद को व्यस्त रखने की जितनी तैयारी हो कर लें। आपको जिस काम में अधिक मन लगता हो, उसमें खुद को अधिक व्यस्त रखें।
अगर आप पुस्तक पढने के शौकीन हैं तो पूरी सर्दी आप कौन सी पुस्तकों को पढना पसंद करेंगे, इसकी योजना तैयार कर लें। मगर ध्यान रहे, पुस्तक पढने के दौरान खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखें। आप नियमित व्यायाम करके भी खुद को डिप्रेशन या तनाव जैसी स्थिति से सुरक्षित रख सकते हैं। ऐसा करना आपके जोडों की सेहत के लिए भी फायदेमंद होगा। ज्यादा दर्द होने पर दर्द मेें आराम होने तक व्यायाम से बचना बेहतर साबित होता है।
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सर्द हवा से बचाव के लिए गर्म कपडों का रखें ध्यान :
सर्द हवा के संपर्क में आने से आपके जोडों का दर्द बिगड सकता है। ऐसे में सर्दी के मौसम में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप प्रोपर तरीके से कपडे पहन रहे हैं। अपने जरूरी कपडों को खुद या किसी की मदद से व्यवस्थित करने की कोशिश जरूर करें। कई बार शारीरिक मजबूरी के कारण एएस से पीडित मरीज अपने कपडों को समय रहते व्यवस्थित नहीं कर पाते हैं और सर्द हवा के संपर्क में आने से उनकी परेशानी बढ जाती है। ऐसे में पूरी तरह से सर्दी आने का इंतजार करने के बजाए, सर्दी के मौसम की शुरूआत में ही गर्म कपडों को व्यवस्थित कर लेना बेहतर कदम साबित होगा।
शरीर को डिटॉक्स भी करते रहें :
सर्दी के मौसम में चाय के साथ पकौडे… इस तरह के व्यंजनों की चाहत बढ जाती है। अगर आप भी ऐसे भोजन के शौकीन हैं, तो इसके साथ बॉडी डिटॉक्स करने की पहल भी करते रहें। यह भी आपके शरीर में दर्द को कम करने में मदद करेगा। इसके लिए आप मौसमी फल और सब्जियों का नियमित सेवन जरूर करें। जिन्हें सिट्रिक फल से परेशानी है, वे अन्य मौसमी फलों का नियमित उपयोग कर सकते हैं। सर्दी के मौसम में कभी भी सामान्य पानी में निंबू मिलाकर न पीएं।
यह आपके शरीर में पहले से मौजूद दर्द को और अधिक बढा सकता है। बॉडी डिटाक्स के लिए आप गुनगुने पानी के साथ निंबू ले सकते हैं। मगर कई मरीजों को यह भी सूट नहीं करता है। इसलिए पूरी तसल्ली के बाद ही यह प्रयोग करें। चाय की जगह हो सके तो कॉफी या ग्रीन टी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बॉडी डिटाक्स और जोडों के दर्द में भी लाभ पहुंचाता है। विशेष प्रयासों के तहत आप पूरी सर्दी वीट ग्रास जूस का उपयोग कर सकते हैं।
यह एक बेहतरीन बॉडी डिटॉक्सर माना जाता है और इससे शरीर में हिमोग्लोबिन की का स्तर भी संतुलित रहता है। इसके अलावा लिवर, किडनी सहित शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों को विषमुक्त करने में भी वीट ग्रास जूस फायदेमंद साबित होता है। इसके प्रयोग से पहले अगर आप किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श लें तो यह आपके लिए सुरक्षित कदम साबित होगा।
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