इंडियन मल्टीपल स्केलेरोसिस एंड एलाइड डिमाइलेटिंग डिसऑर्डर रजिस्ट्री एंड रिसर्च नेटवर्क (IMSRN) की राष्ट्रीय रजिस्ट्री स्थापित करने की पहल शुरू हुई है।
यह एमएस और संबद्ध डिमाइलेटिंग विकारों का पहला भारतीय राष्ट्रव्यापी समर्पित डेटाबेस अनुसंधान नेटवर्क है
नई दिल्ली : इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) – इंडियन मल्टीपल स्केलेरोसिस एंड एलाइड डिमाइलेटिंग डिसऑर्डर रजिस्ट्री एंड रिसर्च नेटवर्क (IMSRN) की एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री स्थापित करने की पहल शुरू की है। यह एमएस और संबद्ध डिमाइलेटिंग विकारों का पहला भारतीय राष्ट्रव्यापी समर्पित डेटाबेस अनुसंधान नेटवर्क है। रजिस्ट्री डेटा संग्रह, भंडारण, पुनर्प्राप्ति, विश्लेषण, प्रबंधन और परिणामों के लिए एक संगठित प्रणाली तैयार करेगी। IMSRN ने अक्टूबर 2021 में एम्स नई दिल्ली के साथ राष्ट्रीय समन्वय केंद्र और देश भर में फैले 24 प्रतिभागी केंद्रों के साथ यह पहल शुरू की थी।
क्या है मल्टीपल स्केलेरोसिस :
मल्टीपल स्केलेरोसिस रोग तंत्रिका संबंधी विकार है, जो आमतौर पर 20 से 40 वर्ष की आयु के बीच के युवा व्यक्तियों को प्रभावित करता है। कई मामले बच्चों और किशोरों में भी सामने आए हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाएं इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होती हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि एमएस प्रति लाख आबादी पर लगभग 20 व्यक्तियों को प्रभावित करता है और न्यूरोमाइलाइटिसोपटिका स्पेक्ट्रम विकार (एनएमओएसडी) लगभग 2.7 प्रति लाख आबादी को प्रभावित करता है। हालांकि यह फिलहाल एक अनुमान है। अगर इसकी वास्तविक स्तर पर तफ्तीश की जाए तो परिणाम चौंकाने वाले भी हो सकते हैं।
हरियाणा के रेवाडी जिले में देश का 22वां एम्स स्थापित किया जाएगा। नए एम्स का शिलान्यास भी जल्दी ही
रजिस्ट्री के शुभारंभ की अध्यक्षता एम्स, नई दिल्ली के डीन अकादमिक, प्रोफेसर डॉ सुब्रत सिन्हा और निमहंस, बेंगलुरु के पूर्व निदेशक डॉ सतीश चंद्र ने की। उद्घाटन में देश के विभिन्न हिस्सों के न्यूरोलॉजिस्ट और आईसीएमआर के अधिकारी शामिल हुए।
डॉ. बलराम भार्गव, सचिव, डीएचआर और डीजी, आईसीएमआर
“रोग प्रोफाइल और हमारे रोगियों के परिणामों के साथ-साथ पैथोफिजियोलॉजी, करणीय के विभिन्न क्षेत्रों में योजना अनुसंधान की एक प्रमुख आवश्यकता है। इन विकारों पर प्रबंधन और पुनर्वास। “रोग संशोधन उपचार” नामक नई अनुमोदित दवाएं हैं जिन्हें प्रभावी माना जाता है, उनमें से ऑटोलॉगस हेमेटोपोएटिक अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण चुनिंदा मामलों में एमएस के उपचार में प्रगति है।
वैज्ञानिकों ने मच्छरों के जरिए डेंगू-चिकनगुनिया (Dengue – Chikungunya) जैसी बीमारि
अब तक इस रजिस्ट्री के लिए 1000 से अधिक रोगियों की भर्ती की जा चुकी है। यह हमारे रोगियों के रोग बोझ, रोग फेनोटाइप, रोग व्यवहार, दवा प्रभावकारिता, प्रतिकूल प्रभाव, गर्भावस्था के परिणामों और दीर्घकालिक रोग परिणामों का अनुमान लगाने और समझने में मदद करेगा। रजिस्ट्री रोग पैथोफिजियोलॉजी, एटिओलॉजी और इमेजिंग पर केंद्रित विचारों और अनुसंधान प्रस्तावों को उत्पन्न करने के लिए विशेषज्ञों को एक साथ लाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
डॉ. आर एस धालीवाल, गैर संचारी रोग विभाग प्रमुख, आईसीएमआर
Ankylosing Spondylitis से संबंधित रजिस्ट्री कब होगी शुरू :
आईसीएमआर ने इस तरह की कई तरह की पहल शुरू की है। हम कोरोना संक्रमण के संबंध में भी ऐसी रजिस्ट्री शुरू कर चुके हैं। बीमारियों की गंभीरता के आधार पर पहल किए जा रहे हैं। ankylosing spondylitis से संबंधित किसी तरह की रजिस्ट्री शुरू हुई है या नहीं, इसकी जानकारी संबंधित विभाग से लेकर दिया जाएगा।
डॉ. लोकेश शर्मा, सीनियर साइंटिस्ट (ई), आईसीएमआर
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