Caas India Foundation :युवाओं के लिए बडी स्वास्थ्य समस्या साबित हो रही है एआरडी
– Autoimmune Rheumatic Disorder बन रहा है विकलांगता की वजह
नई दिल्ली। टीम डिजिटल : Caas India Foundation के कार्यक्रम में चिकित्सकों ने एआरडी के प्रति दिखाई नई दिशा Autoimmune rheumatic Disorder (ARD) ऑटोइम्यून रूमेटिक डिसऑर्डर (एआरडी) युवाओं के लिए बडी स्वास्थ्य चुनौती साबित हो रही है। जिस उम्र में शिक्षा, कैरियर और बेहतर भविष्य की कामना युवा करते हैं, उसमें यह बीमारी उन्हें विकलांगता से प्रभावित कर देती है। सबसे हैरानी की बात यह है कि बीमारी की इस श्रेणी वाले रोगियों को स्वास्थ्य बीमा की सुविधा नहीं दी जाती है। लंबे समय से विशेषज्ञों द्वारा भी इसे गंभीर बीमारी की सूची में शामिल कर स्वास्थ्य बीमा की सुविधा देने की मांग करते आ रहे हैं।समाज में इस बीमारी को लेकर जागरूकता की बेहद कमी है। जिसके कारण इसका निदान काफी देर से होता है और तबतक शरीर पर यह बीमारी अपना प्रभाव (डिफॉर्मेटी) दिखा चुका होता है। विशेषज्ञों क मानें तो देश की कुल आबादी का 3 प्रतिशत किसी न किसी Autoimmune Rheumatic Disorder (ARD) से पीडित है। शीघ्र ही इस स्वास्थ्य समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया तो इसके परिणाम भविष्य में गंभीर हो सकते हैं।
क्रिकेट के माध्यम से एआरडी के प्रति फैलाई जागरूकता
यमुनापार के ताहिरपुर स्थित पूर्वी दिल्ली खेल परिसर (पीडीकेपी) में caas india foundation (caas india foundation) ने नवदृष्टि चेरिटेबल ट्रस्ट की भागीदारी के साथ रूमेटिक डिसऑर्डर (एआरडी) के प्रति सामाजिक जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से रविवार को एआरडी वॉरियर्स ट्राफी (जागरूकता क्रिकेट) मैच आयोजित किया इस दौरान डीएम शाहदरा और Caas India एकादश टीम के बीच रोमांचक मुकाबला हुआ। जिसमें डीएम शाहदरा टीम बडे अंतर से Caas India एकादश को मात देने में कामयाब रही। कार्यक्रम के दौरान एआरडी पर परिचर्चा भी आयोजित की गई, जिसमें दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के कई विशेषज्ञों ने भी हिस्सा लिया।
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एम्स रूमेटोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रंजन गुप्ता ने एआरडी और एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (एएस) के बारे में विस्तार से जानकारियां साझा की। डॉ. गुप्ता ने एआरडी श्रेणी में आने वाली एंकाइलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (ankylosing Spondylitis) को युवाओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती बताया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस बीमारी के प्रति जागरूकता पैदा करना प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए क्योंकि समय रहते इस तरह की बीमारियों का निदान होना आगे चल कर होने वाली विकलांगता की संभावनाओं को कम करता है।
कार्यक्रम में सफदरजंग सामुदायिक मेडिसिन विभाग के निदेशक और एचओडी प्रो जुगल किशोर ने बताया कि इन बीमारियों को लेकर सामाजिक स्तर पर इसी तरह की जागरूकता अभियानों को आयोजित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसी बीमारियों के बचाव में महत्वपूर्ण जानकारियों का होना बडी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने caas india फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह एक सकारात्मक प्रयास है, जिससे हम समाज को ऐसी बीमारियों के प्रति जागरूक कर सकते हैं।
स्वामी दयांनद अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. गौरव शर्मा ने कहा कि एआरडी के ही एक रूप एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस मरीजों में ज्वाइंट फ्यूजन की वजह बनता है और ज्वाइंट रिप्लेस्मेट सर्जरी की संभावनाओं को पैदा भी करता है। ऐसे में इससे पीडित मरीजों को अपने ज्वाइंट के स्वास्थ्य और बॉडी पोस्चर पर विशेष नजर रखने की जरूरत है। कास इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष अंकुर शुक्ला ने कहा कि हमारा उद्देश्य एआरडी बीमारियों के प्रति जनमानस में जागरूकता पैदा करना है और इसमें खेल, संगीत और अन्य क्रियाकलाप विशेष सहायक साबित हो सकते हैं।
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प्रशांत विहार स्थित निगम पंचकर्म अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. आरपी पाराशर ने एआरडी के लिए पंचकर्म को बेहद उपयोगी और प्रभावी बताया। उन्होंने कहा कि अगर शुरूआत में ही इसके मरीज पंचकर्म कराने की प्रक्रिया अपनाएं तो इसके लक्षणों को काफी हदतक नियंत्रित किया जा सकता है। कार्यक्रम में मौजूद मुख्य अतिथियों को हेल्थकेयर पॉयनियर एवार्ड से भी सम्मानित किया गया। वहीं मुख्य अतिथियों ने विजेता और उपविजेता टीम के खिलाडियों को ट्रॉफी और मेडल भी प्रदान किए। कार्यक्रम के आयोजन में caas india फाउंडेशन के जनरल सेकेट्री अविनाश झा, सकेट्री रत्नेश सिंह, नवदृष्टि चेरिटैबल ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉे. अजय कुमार, ओपन आर्म फाउंडेशन के नरेश शर्मा, हरित सेवा मिशन के आरके गुप्ता और मंच संचालक मोहित का सराहनीय योगदान रहा।
Ankylosing Spondylitis से पीडित युवा की सर्जरी के लिए 2 लाख रुपए की सहायता राशि
रविवार को caas india फाउंडेशन (caas india foundation) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) से पीडित गौतमबुद्ध नगर के मनीष कुमार के लिए बडी घोषणा की गई। caas india फाउंडेशन के मंच से कुछ समाजसेवी संगठनों ने मनीष के हिप ज्वाइंट की सर्जरी के लिए 2 लाख रूपए की सहायता राशि जुटाने की घोषणा की। इसके अलावा सर्जरी के दौरान आने वाले चार लाख रूपए को पूरा करने के लिए अतिशीघ्र प्रयास करने का भरोसा भी दिलाया। यहां बता दें कि मनीष नवोदय विद्यालय समीति का होनहार छात्र रह चुका है। वहीं मनीष एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस से पीडित होने से पहले एक कुशल रेसलर भी रह चुका है। मनीष का उपचार एम्स नई दिल्ली में किया जा रहा है।
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