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हील बाय इंडिया के जरिए विश्व में परचम फहराएंगे भारतीय विशेषज्ञ

हील बाय इंडिया पहल के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक अध्ययन में जुटा है। इसका लक्ष्य भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र में वैश्विक स्रोत के तौर पर पेश करना है। इसके जरिए पता लगाया जा रहा है कि अन्य देशों में बीमारियों को बोझ और कर्मचारियों की जरूरत किस तरह की है।


नई दिल्ली : हील बाय इंडिया के जरिए भारत सरकार देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को एक वैश्विक स्रोत के तौर पर पेश करने की पहल में जुट गई है। सूत्रों के मुताबिक इसका उद्देश्य बीमारियों के बोझ और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की कमी के आधार पर विदेश में सभी श्रेणियों में ऐसे कर्मियों की जरूरत को लेकर एक खाका तैयार करना है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस आशय में अध्ययन कर रहा है।

 

हील बाय इंडिया के तहत सरकार का लक्ष्य भारत को अपनी प्रशिक्षित और कुशल जनशक्ति के माध्यम से स्वास्थ्य क्षेत्र में वैश्विक स्रोत के रूप में प्रस्तुत करना है। सूत्रों के मुताबिक अध्ययन के शुरूआती निष्कर्षों के अनुसार अमेरिका में स्त्री रोग विशेषज्ञों और दंत चिकित्सकों की जरूरत है। वहीं, जर्मनी, स्वीडन, नीदरलैंड, अमेरिका, सिंगापुर, नेपाल, क्यूबा और इजराइल में नर्सों की आवश्यकता है।

सूत्र बताते हैं कि नीदरलैंड, अमेरिका, सिंगापुर और क्यूबा में फिजियोथेरेपिस्ट, अमेरिका और इजराइल में रेडियोलॉजी और इमेजिंग टेक्नोलॉजिस्ट की जरूरत है। मंत्रालय डॉक्टर, नर्स और फार्मासिस्ट सहित सभी श्रेणियों के स्वास्थ्य पेशेवरों के बारे में ऑनलाइन जानकारी जुटा रहा है। इसमें उन देशों के नामों का जिक्र है जहां वे अपनी सेवाएं देने की इच्छा रखते हैं।

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा तैयार किए जा रहे इस पोर्टल की शुरुआत 15 अगस्त को की जा सकती है। जानकारी के मुताबिक यह पोर्टल 15 जून तक तैयार कर लिया जाएगा। फिर स्वास्थ्य क्षेत्र से जुडे पेशेवर यहां अपना पंजीकरण करवा सकेंगे।

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पंजीकरण करवाने वाले पेशोवरों के पास अपनी सामान्य पृष्ठभूमि की जानकारी होने के अलावा अनकी भाषा, वीजा और देश-विशिष्ट योग्यता परीक्षा विवरण समेत उन देशों का उल्लेख करने का विकल्प होगा, जहां वे काम करने की इच्छा रखते हैं।

एक अधिकारी के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा ने जानकारी दी है कि ‘‘पोर्टल शुरू हो जाने पर बाहरी हितधारक, जैसे कि भारत या विदेश के रोगी और भर्ती करने वाले, दवा की विशेषता या प्रणाली, ज्ञात भाषाओं और जिस देश में वे काम करना पसंद करेंगे, उसके आधार पर किसी जरूरी पेशेवर की तलाश करने में सक्षम होंगे।’’

पंजीकरण करवाने वाले पेशेवरो के लिए आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली, दंत चिकित्सक, नर्स, फार्मासिस्ट और संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवरों की 56 श्रेणियां शामिल हैं।

एनएचए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, भारतीय दंत चिकित्सा परिषद, भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग, भारतीय नर्सिंग परिषद, भारतीय फ़ार्मेसी परिषद और संबद्ध एवं स्वास्थ्य देखभाल व्यवसायों के लिए राष्ट्रीय आयोग जैसे विभिन्न नियामक निकायों के सहयोग से स्वास्थ्य पेशेवरों के डेटा का विश्लेषण ​किया जा रहा है।

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