Tuesday, December 3, 2024
HomeLatest ResearchBirth Control Pills लेना सही है या नहीं? इन दिनों इस विषय...

Birth Control Pills लेना सही है या नहीं? इन दिनों इस विषय पर मचा हुआ है घमासान, जानिए क्या है सच्चाई

दुनिया भर में लगभग 407 मिलियन महिलाएं Hormonal Birth Control Pills का करती हैं उपयोग

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

कई महिलाएं मासिक धर्म से पहले के तनाव और मासिक धर्म में शारीरिक और मानसिक लक्षणों से राहत पाने के लिए भी करती हैं Birth Control Pills का उपयोग

नई दिल्ली। क्या बर्थ कंट्रोल पिल्स (Birth Control Pills) का लंबे समय तक उपयोग करना सही है? क्या लंबे समय तक हार्मोनल बर्थ कंट्रोल पिल्स (Hormonal birth control pills) लेने से किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या भी हो सकती है। यह तमाम विषय इन दिनों चर्चा में है। इन विषयों को लेकर शोध और अध्यययनकर्ताओं के बीच गर्मागरम बहस छिडी हुई है। आखिर सच्चाई क्या है। क्या इनका प्रयोग सुरक्षित है (Is it safe to take birth control pills) या लंबे समय तक इनके उपयोग से किसी तरह की स्वास्थ्य हानि भी हो सकती है। आईए, जानते हैं इन विषयों पर विशेषज्ञों का क्या कहना है।

अलग अध्ययनों में सामने आए भिन्न परिणाम

बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना सही है या नहीं? इन दिनों इस विषय पर मचा हुआ है घमासान, जानिए क्या है सच्चाई
बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना सही है या नहीं? इन दिनों इस विषय पर मचा हुआ है घमासान, जानिए क्या है सच्चाई | Photo : freepik

मासिक धर्म से पहले के तनाव और मासिक धर्म के दौरान उभरने वाले शारीरिक और मानसिक लक्षणों से राहत पाने के लिए कई महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों (Birth Control Pills) का उपयोग करती हैं। वैज्ञानिकों ने अध्ययन के दौरान यह पाया है कि इन गोलियों को लेने की आमतौर पर अनुशंसित विधि (Recommended Method) के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक परिणाम भी पड सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के मुताबिक, दुनिया भर में करीब 407 मिलियन महिलाएं हार्मोनल जन्म नियंत्रण (hormonal birth control pills) का उपयोग करते हैं।

बीते जून में उप्साला विश्वविद्यालय (Uppsala University) के एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है कि किशोरावस्था में जिन महिलाओं ने इन गोलियों का उपयोग करना शुरू किया था, उनमें गोलियों का उपयोग न करने वाली महिलाओं की तुलना में अवसाद (Depression) के लक्षणों से संबंधित घटनाएं 130 प्रतिशत अधिक पाई गई। वहीं, वयस्क उपयोगकर्ताओं में इस दर में 92 प्रतिशत की वृद्धि पाई गई।

Also Read : Donation : जुआ खेलने के लिए जुटाया 10 लाख, बोला ..कैंसर मरीज हूं आखिरी इच्छा कर दो पूरी

इसके ठीक उलट इसी मामले में कुछ अन्य अध्ययनों से भी यह पता चला है कि हार्मोनल गर्भनिरोधक (Hormonal birth control pills) लेने से वास्तव में घबराहट संबंधी विकार और अवसाद की दर कम हो सकती है। विशेषरूप से ऐसा मासिक धर्म (menstruation) वाली लगभग 5 प्रतिशत से 8 प्रतिशत महिलाओं के साथ हो सकता है। यह उनके साथ हो सकता है, जो मासिक धर्म से पहले तनाव के चरण और समस्याओं का अनुभव करती हैं। इसे जिसे प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (premenstrual dysphoric disorder) कहा जाता है।

कई वजहों से प्रभावित होते हैं अध्ययनों के परिणाम

इस विषयों पर किए गए अध्ययन और इनके परस्पर विरोधी परिणाम कई कारकों पर निर्भर करते हैं। आप गोली (Birth Control Pills) कैसे लेते हैं, अध्ययन के परिणाम इससे भी प्रभावित हो सकते हैं। कुछ लोग लगातार हार्मोनल गर्भनिरोधक लेते हैं। तो कई महिलाएं “गोली मुक्त ब्रेक (pill free break)” लेना चुनती हैं। इस तरह ऐेसे ब्रेकथ्रू लेना ब्लीडिंग और स्पॉटिंग को कम करने के लिए या खुद को यह आश्वस्त करने के लिए भी किया जाता है कि वे गर्भवती नहीं हैं।

क्या निकला ताजा अध्ययन का परिणाम

बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना सही है या नहीं? इन दिनों इस विषय पर मचा हुआ है घमासान, जानिए क्या है सच्चाई
बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना सही है या नहीं? इन दिनों इस विषय पर मचा हुआ है घमासान, जानिए क्या है सच्चाई | Photo : freepik

27 सितंबर को साल्ज़बर्ग (salzburg) और कोपेनहेगन विश्वविद्यालयों (Copenhagen university) द्वारा JAMA नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित एक शोध में यह निष्कर्ष निकाला गया कि गोली मुक्त ब्रेक के दौरान होने वाली हार्मोनल वापसी (hormonal withdrawal) प्राकृतिक अवधि के दौरान अनुभव होने वाले नकारात्मक मूड, चिंता और अवसाद से जुड़ी हो सकती है। अध्ययन में 18 से 35 वर्ष की उम्र के बीच की 181 महिलाओं को शामिल किया गया था। दो-तिहाई महिलाएं कम से कम छह महीने से संयुक्त मौखिक गर्भ निरोधकों (combined oral contraceptives) का उपयोग कर रही थीं।

एक महीने के दौरान, प्रत्येक गोली  लेने वाले प्रतिभागी को दो समान मूड से जुडे प्रश्नावली दिया गया। एक प्रश्नावली उनके ” मासिक चक्र” के सक्रिय होने के दौरान गोली लेने से संबंधित था तो दूसरे प्रश्नावली गोली-मुक्त ब्रेक के दौरान होने वाले अनुभवों से संबंधित था। जिन्हें हार्मोनल गर्भनिरोधक नहीं दिया गया, उन्हें उनके मासिक चक्र के तीन अलग-अलग चरणों में प्रश्नावली पूछे गए।

Also Read : Stem Cell Research की बदौलत शतायु होगा इंसान, बीमारियां नहीं बन सकेंगी समस्या

अध्ययन के अंत में परिणामों का विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला गया कि सक्रिय मासिक चक्र (active menstrual cycle) के दौरान गोली लेने वालों की तुलना में, गोली-मुक्त ब्रेक के दौरान नकारात्मक प्रभाव में 12.7 प्रतिशत की वृद्धि, चिंता में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि और मानसिक स्वास्थ्य लक्षणों में 23.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

जो महिलाएं हार्मोनल गर्भनिरोधक का उपयोग नहीं कर रही थीं, उन्हें मासिक मूड में बदलाव का अनुभव हुआ। अध्ययन के लेखकों का कहना है, “ये नतीजे मानसिक स्वास्थ्य के नजरिए से गोली के इस्तेमाल पर सवाल उठाते हैं।” “लंबे समय तक संयुक्त मौखिक गर्भनिरोधक उपयोगकर्ताओं (combined oral contraceptive users) को संयुक्त मौखिक गर्भनिरोधक (combined oral contraceptive) के मूड-स्थिरीकरण (mood-stabilization) प्रभावों से अधिक लाभ हो सकता है।

[table “9” not found /]
[table “5” not found /]

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Caas India Web Team
Caas India Web Teamhttps://caasindia.in
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article