राष्ट्रपति ने कर्नाटक (Karnataka) में किया कैंसर अस्पताल (Cancer Hospital) का उद्धाटन
Karnataka News in Hindi, Karnataka News, President News, President Draupadi Murmu : “एक डॉक्टर द्वारा कहे गए सहानुभूति और करुणा के हर शब्द में उसके रोगी के जीवन को बेहतर बनाने की शक्ति होती है।” कर्नाटक के बेलगावी में केएलई कैंसर अस्पताल के उद्घाटन समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Draupadi Murmu) ने यह बात कही।
राष्ट्रपति ने एक वैश्विक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि, कैंसर (Cancer) दुनिया में मृत्यु का प्रमुख कारण है। एक अनुमान के अनुसार 2022 में दुनिया भर में कैंसर के 20 मिलियन नए मामले सामने आए और इससे 9.7 मिलियन मौतें हुईं। भारत में, कैंसर के मामले प्रत्येक एक लाख लोगों पर लगभग 100 मरीज हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा किए गए एक अध्ययन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि, 2020 की तुलना में 2025 में भारत में कैंसर के मामलों में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान किया गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित पेशेवरों का उत्साह बढाया
राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पेशेवरों का यह कर्तव्य है कि वे व्यापक तौर पर सेवा प्रदान करें, जो कैंसर रोगियों की शारीरिक और मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर द्वारा कहे गए सहानुभूति और करुणा के हर शब्द में उसके रोगी के जीवन को बेहतर बनाने की शक्ति होती है।
Karnataka : कैंसर के बारे में जागरुकता फैलाना जरूरी
राष्ट्रपति ने कहा कि कैंसर के कारणों, निदान और उपचार के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरुक करने की जरूरत है। हमारे सामने ऐसे कई मामले आते हैं, जहां या तो रोगी और परिवार के लोगों की अधूरी जानकारी के कारण या फिर आर्थिक तंगी के कारण बीमारी के निदान और उपचार में देरी होती है।

कैंसर के निदान और पहचान में देरी, मरीज के लिए घातक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि कैंसर जैसी बीमारियों के खिलाफ लड़ाई एक सामूहिक प्रयास है। उन्होंने सभी को साथ मिलकर एक ऐसी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को विकसित करने का आग्रह किया, जो विश्वस्तरीय गुणवत्ता वाला होने के साथ रोगी-केंद्रित और न्यायसंगत भी हो।
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Karnataka : महिलाओं को समस्या साझा करने के प्रति प्रोत्साहित किया
राष्ट्रपति ने कहा कि हमने देखा है कि कुछ परिवारों में लड़कों के स्वास्थ्य को लड़कियों से ज़्यादा महत्व प्रदान किया जाता है। पुरुषों और महिलाओं के मामले में यह अंतर बाद में भी देखने को मिलता है। कई बार परिवार की महिलाओं को उनके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समय पर निदान और उपचार नहीं मिल पाता।
उन्होंने कहा कि कैंसर के मामले में इस तरह की देरी, बहुत गंभीर हो सकती है। उन्होंने हर घर से महिलाओं को अपनी समस्याएं साझा करने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि परिवार और समाज के हर सदस्य को महिलाओं के स्वास्थ्य को अधिक गंभीरता से लेने और उनकी देखभाल करने तथा उन्हें समय पर उचित उपचार उपलब्ध कराने में सक्रिय योगदान देने की आवश्यकता है।