Mental Health काउंसलिंग प्लेटफॉर्म अनवील
नई दिल्ली। एक कार्यक्रम के दौरान किशोरों के लिए मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) ऐप, कवच को लॉन्च किया गया। साथ ही काउंसलिंग प्लेटफॉर्म ‘कवच मेटावर्स’ को अनवील किया गया। ईवेंट के दौरान कई स्पीकर्स और विशेषज्ञों ने समाज में किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का मकसद शैक्षणिक संस्थानों व कॉर्पोरेट सेटिंग्स में अधिक होलिस्टिक टूल उपलब्ध कराकर कवच ऐप की पहुंच बढ़ाना था। इस एप के जरिए बच्चों और माता-पिता के लिए अधिक सहानुभूति भरा और सपोर्टिव वातावरण क्रिएट करना है। कवच के इनहैंस्ड वर्जन में बुलिंग के साथ कई अन्य मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) मुद्दों को भी शामिल किया गया है।
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार जीत चुकी है अनुष्का
अनुष्का के असाधारण प्रयासों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2023 (सामाजिक सेवा श्रेणी में) से सराहा गया है। इसके अलावा वह ‘शार्क टैंक इंडिया’ में अपनी इस कोशिश के लिए फंड भी जुटा चुकी हैं। यह बच्चों और माता—पिता को उनके भले के लिए एक ट्रांसफॉर्मेटिव टूल उपलब्ध कराने के अनुष्का के मिशन को और मजबूत बनाता है।
कार्यक्रम की शुरुआत जस्टिस जे.आर. मिधा के भाषण से हुई, जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) को लेकर शिक्षा और जागरूकता बढ़ाने में कवच के परिवर्तनकारी प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बुलिंग और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की चुनौतियों से निपटने में लोगों को शिक्षित करने और सपोर्ट करने से ज्यादा सशक्त कुछ भी नहीं है। इस क्षेत्र में अनुष्का के उल्लेखनीय कार्य को स्वीकार किया गया और समाज की भलाई में उनके महत्वपूर्ण योगदान को सराहा गया।
हेल्पलाइन 112
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का प्रतिनिधित्व कर रहे संजीव कुमार चड्ढा ने किशोरों के लिए कल्याण कार्यक्रम विकसित करने में मंत्रालय की चल रही पहल पर चर्चा की। उन्होंने बाल संरक्षण अधिकारों, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीओ योजना) और कुपोषण से निपटने के प्रयासों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
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इसके अलावा उन्होंने सिंगल हेल्पलाइन नंबर, “112” लॉन्च करने में NIMHANS के साथ ‘मिशन संवाद’ के सहयोग के बारे में भी बात की। इस हेल्पलाइन का मकसद विभिन्न मुद्दों पर नजर रखना और उनका समाधान करना है। इस हेल्पलाइन से जुड़ा एक वास्तविक वाकया भी साझा किया गया कि कैसे कैसे इस हेल्पलाइन नंबर ने बिहार से लड़कियों की तस्करी को रोकने में मदद की।
देश में कम है साइकोलॉजिस्ट की संख्या
कार्यक्रम में ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और मनोविज्ञान विभाग के डीन प्रोफेसर डॉ. डेरिक लिंडक्विस्ट ने मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) के मुद्दों से जुड़े पूर्वाग्रह को तोड़ने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत में हर 1 लाख लोगों पर तीन साइकोलॉजिस्ट होने चाहिए। लेकिन वास्तविक रेशिया मात्र 0.5 साइकोलॉजिस्ट का है। यह आंकड़ा, इस अंतर को दूर करने में कवच ऐप के महत्व को रेखांकित करता है।
बेहतर Mental Health के लिए किताब पढें युवा
ईवेंट में राजश्री नियोगी ने किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर पढ़ने के प्रभाव पर गहराई से चर्चा की। दिमाग को उत्तेजित करने से लेकर कल्पनाशीलता को बढ़ावा देने तक, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे किताबें युवा दिमागों में सहानुभूति को बढ़ावा देने और पूर्वाग्रहों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
डॉ. विनय सहस्रबुद्धि ने अपने में “वसुधैव कुटुंबकम” की अवधारणा पर चर्चा की। उन्होंने होलिस्टिक और समुदाय-संचालित जीवन के महत्व पर जोर दिया और कहा कि व्यापक व्यक्तिवाद के कारण ये मूल्य जीवन से गायब होते जा रहे हैं। उन्होंने इस ब्रेकडाउन के मूल कारणों के रूप में चार संकटों – उद्देश्य, प्रामाणिकता, स्वामित्व और रिश्तों को रेखांकित किया। साथ ही उपस्थित लोगों से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, कैदियों के रूप में नहीं, बल्कि बुद्धिमानी से करने का आग्रह किया।
अभिनेता रणविजय सिंह जारुकता पर बल दिया
अभिनेता, टेलीविजन पर्सनैलिटी और वीजे रणविजय सिंह ने माता-पिता के बीच मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को लेकर जागरूकता में पीढ़ीगत बदलाव को रेखांकित किया। उन्होंने बदलते समय और आज बच्चों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में माता-पिता को अधिक जानकारी देने की आवश्यकता पर बल दिया। कवच को एक ऐसे समाधान के रूप में प्रस्तुत किया गया था, जो न केवल इन मुद्दों की पहचान करता है बल्कि माता-पिता और बच्चों दोनों के लिए समाधान भी प्रदान करता है।