Mind Healthy होगा तो पूरे फोकस से कर पाएंगे हर काम
नई दिल्ली।टीम डिजिटल : Mind Healthy : अगर शरीर स्वस्थ है लेकिन दिमाग तनाव की गिरफ्त में है, तो यह कंडिशन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए समस्या पैदा करता है बल्कि हमारे काम में फोकस की भी कमी को बढावा देता है। आज की भागती-दौडती हुई जिंदगी में हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना चाहिए। ऐसा कर आप अपने संपूर्ण शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत रखने के लिए हम यहां कुछ ऐसे आसान उपाए बता रहे हैं, जिसकी मदद से आप बडी आसानी से अपने दिमाग को डिटॉक्स (brain detoxification) कर सकेंगे।
बेरी का इस्तेमाल
सभी प्रकार की बेरियां ब्रेन को डिटॉक्स (brain detoxification) करने में मदद कर सकती है। ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी और क्रैनबेरी इन सभी को सुपरफूड्स कहा जाता है। इसके अलावा आंवला, बेर, करौंदा, फलसा, जामुन जैसे इंडियन बेरीज भी मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। बेरी में फेनोलिक कंपाउंड्स की मौजूदगी एंटीऑक्सीडेंट का बेहतरीन स्रोत होती है। यह ब्लड ब्रेन बैरियर को क्रॉस करके लर्निंग और मेमोरी सेंटर तक पहुंचाने में मदद करते हैं और ब्रेन हेल्थ को बेहतर बनाए रखने में सहायक साबित होते हैं। यह उम्र के साथ होने वाली मानसिक बीमारियों और कमजोरियों से बचाव करते हैं।
अश्वगंधा का उपयोग
अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसे ब्रेन हेल्थ (Mind Healthy) को बेहतर रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह औषधि पाउडर और टैबलेट दोनों ही रूप में आसानी से उपलब्ध हो जाती है। अध्ययनों के मुताबिक अश्वगंधा ब्रेन फंक्शन को स्वस्थ और संतुलित रखने में मदद करता है। वहीं, टॉक्सिन, चोट और स्ट्रोक से होने वाले ब्रेन में नुकसान से भी बचाव करता है। अश्वगंधा पाउडर को दूध में मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, गुनगुने पानी में भी अश्वगंधा, घी और शहद को एक साथ मिलकर लेना भी एक बेहतर विकल्प है।
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मंत्र उच्चारण से दें ब्रेन को बूस्टर
मंत्र उच्चारण एक मानक और प्राचीन प्रक्रिया है, जिससे न केवल दिमाग बल्कि मन को भी शांति मिलती है। मंत्र शरीर में कंपन पैदा करता है। इससे ब्रेन को आराम देने और उसके हीलिंग प्रोसेस को बूस्ट करने में मदद मिलती है। वैज्ञानिक अध्ययनों और शोधों से यह पता चलता है कि प्रतिदिन 10 बार ओम का उच्चारण करने से एंजायटी और डिप्रेशन जैसे लक्षणों में काफी राहत मिलती है। इसके साथ ही शरीर और मस्तिष्क की नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है।
हलासन का नियमित अभ्यास करें
हलासन योग की बेहद उसयोगी मुद्रा है। इसका नियमित अभ्यास रीढ़ की हड्डियों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। वहीं, ब्रेन को एक्टिव और अलर्ट रखने में मदद करता है। इस अभ्यास के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट कर दोनों पैरों को जोडकर सीधा रखना होता है। इसके बाद पेट के निचले हिस्से पर दबाव बनाते हुए अपने पैरों को बिल्कुल सीधा रखते हुए ऊपर की ओर उठाते हुए 90 डिग्री का कोण बनाए। इसके बाद कमर के निचले हिस्से को हाथ से सहारा देते हुए शरीर को ऊपर की ओर उठाएं। इसके बाद सिर को पीछे सतह पर सटाने की कोशिश करें। इसके नियमित अभ्यास करने से उम्र जनित यादाश्त से जुडी समस्याओं से भी बचाव होता है।
कपालभाति है बेहद प्रभावी
कपालभाति ब्रेन को डिटॉक्सिफाई (brain detoxification) करने की एक प्रभावी योगिक क्रिया है। इस अभ्यास में पावरफुल एक्जहेलेशन और इनहेलेशन किया जाता है। यह रेस्पिरेटरी सिस्टम को टोन करने के साथ उसे स्वच्छ बनाता है। वहीं शरीर को पुनर्जीवित करने में मदद करता है। यह प्रक्रिया साइनसाइटिस की फ्रीक्वेंसी को भी कम करने में मदद करता है। यदि आप माइग्रेन से पीडित हैं, तो कपालभाति आपके लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। कपालभाति का अभ्यास ऑक्सीजन स्टिम्युलेट करने में सहायक है।
वहीं, ऑक्सीजन स्टिमुलेशन को भी यह बढ़ावा देता है। इसके साथ ब्रेन को पर्याप्त ऊर्जा भी प्रदान करता है। इस प्रक्रिया के नियमित अभ्यास से एकाग्रता बढ़ती है और किसी भी काम को अधिक प्रभावी रूप से संपादित करने में मदद मिलती है।
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