गंभीर अवस्था वाले फैटी लिवर (Fatty Liver) के लिए नई दवा (New Drug) को मंजूरी, अप्रैल से ही बाजार में Rezdiffra होगी उपलब्ध
NASH/New Medicine for Fatty Liver : जीवनशैली और खानपान मेें गलती होने से फैटी लिवर (fatty liver) जैसी नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (non communicable disease) तेजी से लोगों को चपेट में ले रही है। नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर (Non-Alcoholic Fatty Liver) से एक आम समस्या की तरह लोग प्रभावित हो रहे हैं। लिवर में फैट जमा होने से यह हेल्थ कंडिशन उभरता है। जिसके कारण लिवर के सामान्य फंक्शन में बाधा आने लगती है।
इसलिए होता है फैटी लिवर
फैटी लिवर की समस्या आमतौर पर मोटापे और मोटापे और मेटाबोलिक बीमारियों (Obesity and metabolic diseases) से पीडित लोगों में होती है। दवाइयों की मदद और जीवनशैली में जरूरी सुधार कर फैटी लिवर की समस्या को ठीक किया जा सकता है। कई बार इस समस्या की अनदेखी करने से यह गंभीर रूप ले लेता है। समय रहते फैटी लिवर का उपचार नहीं करने पर यह एनएएसएच में तब्दील हो सकता है।
क्या होता है NASH (एनएएसएच)?
एनएएसएच, यानी Non-alcoholic steatohepatitis, नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर (non alcoholic fatty liver) का इलाज नहीं करने की वजह से होता है। इसमें लिवर में स्कार और सूजन (Scar and swelling in liver) बनने लगती है। इस स्वास्थ्य समस्या में लिवर में एक्स्ट्रा फैट (extra fat in liver) इकट्ठा होने लगता है और इसके कारण फाइब्रोसिस (fibrosis), स्कारिंग (Scarring) और लिवर में सूजन (liver swelling) की समस्या भी हो सकती है।
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इस समस्या के कारण लिवर ठीक से काम नहीं करता है। इसे मेडिकल भाषा में लिवर डिसफंक्शन (liver dysfunction) कहते हैं। कई बार यह समस्या जानलेवा भी साबित हो सकती है। फैटी लिवर के इस गंभीर रूप के इलाज के लिए हाल ही में एक नई दवा (New drug to treat this severe form of fatty liver) की खोज की गई है। इससे पहले इस बीमारी के इलाज के लिए कोई ऐसी दवा उपलब्ध नहीं थी।
दवाई को एफडीए से मिली मंजूरी
U.S. FDA से मंजूरी मिलने के बाद इस दवा को Madrigal Pharmaceuticals ने तैयार किया है। जानकारी के मुताबिक यह दवा अप्रैल से Rezdiffra के नाम से बाजार में उपलब्ध करवाई जाएगी। इस दवाई को ऐसे मरीजों के लिए अप्रूव किया गया है, जिन्हें एनएएसएच के साथ फाइब्रोसिस या स्कारिंग (Fibrosis or Scarring with NASH) की समस्या हो और वह दूसरे या तीसरे स्टेज तक बढ़ चुका है।
NASH, को हाल ही में मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टीटोहेपेटाइटिस (MASH) नाम दिया गया है। यह क्यों होता है इसका कारण अभी तक पता नहीं किया जा सका है। हालांकि, मोटापा (obesity), हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism), डायबिटीज (Diabetes), ब्लड में फैट की मात्रा बढ़ने (Increase in fat content in blood) या किसी अन्य मेटाबॉलिक डिजीज (metabolic disease) की वजह से इसका जोखिम बढता है।