नई दिल्ली एम्स (New Delhi AIIMS) : MAAsterG की नई पुस्तक का विमोचन
नई दिल्ली एम्स (New Delhi AIIMS) ने 15 जनवरी, 2025 को अपने प्रतिष्ठित जेएलएन ऑडिटोरियम (JLN Auditorium) में “सस्टेनेबल हैप्पीनेस” (सतत खुशी) पर एक अनूठे सत्र का आयोजन किया। इस सत्र का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं और आध्यात्मिकता के बीच संबंध स्थापित करना और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
इस कार्यक्रम का संचालन एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास और फिजियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. के पी कोचर के नेतृत्व में हुआ।
सत्र की मुख्य झलकियां
सत्र में तीन महत्वपूर्ण पैनल चर्चाओं का आयोजन हुआ, जिसमें विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य देखभाल और आध्यात्मिकता के समन्वय (Coordination) के विविध पहलुओं पर चर्चा की।
1. नवोदित बुद्धि के भावनात्मक पहलू
इस चर्चा का संचालन शालिनी मित्तल ने किया, और सह-अध्यक्षता डॉ. के पी कोचर (Dr. K P Kochar), डॉ. राजकुमार यादव (Dr. Rajkumar Yadav), और डॉ. भूषण पटवर्धन (Dr. Bhushan Patwardhan) ने की। इसमें यह समझाया गया कि कैसे भावनात्मक पहलुओं को समझकर मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) में सुधार लाया जा सकता है।
2. दिव्यांगों के जीवन को बेहतर बनाने में आध्यात्मिकता की भूमिका
एमएएमसी (MAMC) के डॉ. नरेश गुप्ता (Dr. Naresh Gupta) के संचालन में इस चर्चा में डॉ. सुमन जैन (Dr. Suman Jain), डॉ. संजय वाधवा (Dr. Sanjay Wadhwa), और डॉ. स्मृति सिंह (Dr. Smriti Singh) जैसे विशेषज्ञ शामिल हुए। पैनल ने बताया कि दिव्यांगों की सहायता के लिए आध्यात्मिकता और चिकित्सा का एकीकृत दृष्टिकोण (integrated approach) कितना प्रभावी हो सकता है।
3. आत्मघाती विचारों पर काबू पाना
यह सत्र आत्मघाती विचारों की पहचान और समाधान पर केंद्रित था। इसकी अध्यक्षता डॉ. के पी कोचर ने की और सह-अध्यक्षता डॉ. राजपाल वोहरा (Dr. Rajpal Vohra) , डॉ. विवेक दीक्षित (Dr. Vivek Dixit), और अन्य विशेषज्ञों ने की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और MAAsterG की उपस्थिति
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (Former National Security Advisor of Mauritius) शांतनु मुखर्जी ने नई दिल्ली एम्स (New Delhi AIIMS) और MAAsterG के प्रयासों की सराहना की।
MAAsterG, जो “मिशन 800 करोड़” के माध्यम से मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण को बढ़ावा देने में लगे हैं, ने इस सत्र की अध्यक्षता की। उन्होंने मानसिक तनाव (Mental stress), अवसाद (Depression), और आत्मघाती विचारों (suicidal thoughts) से निपटने के व्यावहारिक उपायों पर जोर दिया।
कार्यक्रम के मुख्य निष्कर्ष
मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
विशेषज्ञों ने चिंता और अवसाद के शुरुआती लक्षणों की पहचान करने और इन्हें प्रबंधित करने के महत्व पर चर्चा की।
समावेशिता और कलंक-मुक्ति
दिव्यांगों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव और सहिष्णुता की आवश्यकता पर बल दिया गया।
मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा
नई दिल्ली एम्स (New Delhi AIIMS) में चलाए जा रहे “मेंटी-मेंटर” कार्यक्रम को मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक क्रांतिकारी कदम के रूप में प्रस्तुत किया गया।
आध्यात्मिकता और चिकित्सा का संगम
कार्यक्रम के अंत में MAAsterG की नई पुस्तक का विमोचन हुआ, जिसमें आध्यात्मिकता को चिकित्सा के साथ जोड़ने के अनुभव साझा किए गए। यह पुस्तक आध्यात्मिकता को मानव कल्याण के लिए एक उपयोगी उपकरण के रूप में प्रस्तुत करती है।