गंजापन से निजात दिलाने के लिए लैब में बनाया हेयर फॉलिकल्स
नई दिल्ली। टीम डिजिटल :
गंजापन (baldness) की समस्या आम होती जा रही है। हर व्यक्ति सुंदर दिखना चाहता है और सुंदरता में चार चांद लगाने में काले, घने और रेशमी बालों का भी बडा योगदान है। अगर उम्र कम हो और हेयर फॉल होने लगे तो यह समस्या बेहद परेशान करने वाली साबित होती है। कई बार तो लोग गंजापन की वजह से हीनभावना के भी शिकार हो जाते हैं।
जल्द ही उपचार योग्य हो सकती है गंजापन की समस्या
पिछले काफी वर्षों से वैज्ञानिक गंजापन का उपचार (treatment of baldness) ढूंढ रहे है। वैज्ञानिक वह सूत्र तलाश रहे हैं, जिसकी मदद से बालों को दोबारा उगाना संभव हो सके। अब यह कोशिश रंग लाती हुई दिख रही है। हालांकि, यह अभी प्राथमिक स्तर की कामयाबी मानी जा रही है लेकिन वैज्ञानिकों का दावा है कि इस सफलता की डोर थाम कर आने वाले समय में गंजेपन का पक्का उपचार करना संभव हो पाएगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने लैब में हेयर फॉलिकल्स विकसित कर लिया है।
[irp posts=”8607″ ]
क्या होता है हेयर फॉलिक्स
हेयर फॉलिकल्स (hair follicles) ट्यूबनुमा स्किन के पोर होते हैं, जो शाफ्ट होते है और बालों की जड़ों में बंद रहते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इंसान के सिर पर दस लाख हेयर फॉलिकल होते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक प्रत्येक हेयर फॉलिकल्स को घेरने में मांसपेशियों का अहम योगदान है। ये मांसपेशियां बालों के झडने और उगने में अहम भूमिका निभाती है। इन मांसपेशियों को डर्मल शीथ कहा जाता है। यह शरीर की बांकि मांसपेशियों (मसल्स) से अलग होते हैं। इन पर नियंत्रण नहीं होता है। न्यूयॉर्क के इकान्ह स्कूल ऑफ मेडिसीन के वैज्ञानिकों ने चूहों में डर्मल शीथ की भूमिका पर अध्ययन किया है। इस अध्ययन के जरिए यह जानकारी मिली है कि ये मांसपेशियां शारीरिक रूप से हेयर फॉलिकल्स के पुनर्जनन को प्रेरित करती है।
[irp posts=”8603″ ]
गंजेपन को दूर करने में हेयर फॉलिकल्स के मसल्स की है अहम भूमिका
साइंस एडवांस (science advance) में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, जब मांसपेशियां संकुचित हो जाते हैं, तब डर्मल शीथ पुनर्जनन प्रक्रिया शुरू करने के लिए हेयर फॉलिकल्स को निचोड़ने लगता है। इस दौरान फॉलिकल्स के अंदर डर्मल पैपेलिया सेल्स स्किन से बाहर निकलते हैं और नए बाल को उगाने की प्रक्रिया शुरू होती है। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया है कि अगर हेयर फॉलिकल्स के चारो ओर मसल्स को संकुचित होने से रोक दिया जाए तो इससे हेयर फॉलिकल्स के पुनर्जनन को भी नियंत्रित करना संभव हो सकता है। कुलमिलाकर यह महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है कि नए बालों को उगने के लिए हेयर फॉलिकल्स के मसल्स यानी मांसपेशियों का संकुचित होना एक आवश्यक प्रक्रिया है।
[irp posts=”8450″ ]
भविष्य में गंजेपन की दवा बनाने में मिलेगी मदद
वैज्ञानिकों का दावा है कि यह जानकारी बेहद काम की है। वैज्ञानिकों ने इसी जानकारी के आधार पर लैब में चूहों में हेयर फॉलिकल्स विकसित करने में सफलता पाई है। ये चूहे पूरी तरह से मैच्योर थे। शरीर के बाहर हेयर फॉलिकल्स को पहली बार विकसित करने में सफलता मिली है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इसकी वजह से अब नई दवाओं को विकसित करने का रास्ता साफ हो गया है।
Read : Latest Health News|Breaking News |Autoimmune Disease News |Latest Research | on https://caasindia.in | caas india is a Multilanguage Website | You Can Select Your Language from Menu on the Top of the Website. (Photo : freepik) |