नई दिल्ली : दिल्ली में ओमिक्रॉन दिल्ली में ओमिक्रॉन Omicron के बीए.5 वेरिएंट की मौजूदगी का पता चला है। यह जानकारी वैज्ञानिकों ने हालिया जीनोम सिक्वैन्सिंग के आधार पर साझा की है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि Omicron sub variant से घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा है कि कोरोना से संबंधित नियमों के पालन करने में कोताही बरतना जोखिम भरा जरूर साबित हो सकता है।
वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने जीनोम अनुक्रमण डेटा और एम्स, लोक नायक अस्पताल और आईएलबीएस में इससे संबंधित मामलों की पुष्टि के आधार पर यह जानकारी साझा की है। राहत की बात यह है कि Omicron sub variant बीए.5 के मामले अभी तक कलस्टर में नहीं पाए गए हैं। हालांकि, एक वैज्ञानिक ने यह जरूर कहा कि इसका फैलाव खतरनाक स्तर पर नहीं हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक एम्स, लोक नायक अस्पताल और आईएलबीएस से एक या दो मामले सामने आए हैं। जीनोम अनुक्रमण से संबंधित जानकारी रखने वाले एक वैज्ञानिक के मुताबिक ओमिक्रॉन Omicron sub variant BA.5 को दिल्ली में कोरोना मामलों में बढोत्तरी का जिम्मेदार मान लेना अभी जल्दबाजी होगी।
दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक दो महीने पहले अप्रैल में मामले बढने के दौरान ओमिक्रॉन के प्रमुख Omicron sub variant बीए.2.12 और बीए.2.10 की मौजूदगी पाई गई थी। सरकारी अधिकारियों की माने तो पहले पखवाड़े में दिल्ली से इकट्ठा किए गए कुल नमूनों में बीए.2.12 की हिस्सेदारी 52% और बीए.2.10 की हिस्सेदारी 11% पाई गई।
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BA.5 है ज्यादा संक्रामक :
अधिकारियों के मुताबिक मई के अंत से, बीए.2.38 प्रमुख sub var बीए.5 वेरिएंट iant के तौर पर उभर रहा था। आईसीएमआर में महामारी विज्ञान और संचारी रोग विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ ललित कांत के मुताबिक BA.5 की भूमिका कोरोना के वर्तमान लहर में हो सकती है। इस संबंध में व्यापक स्तर पर प्रमाणिक जानकारियों को इकट्ठा करने की जरूरत है। इसके बाद ही इससे संबंधित मूल्यांकण हो सकेंगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक ओमिक्रॉन का BA.4 और BA.5 सब-वेरिएंट BA.1 और BA.2 वेरिएंट की तुलना में करीब 13 प्रतिशत ज्यादा संक्रमणकारी है। धीरे-धीरे यह यूरोप और यूएस में अपना शिकंजा कस रहा है। हलांकि, इसके सबवेरिएंट के खतरनाक होने के बारे में प्रमाणिक जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।
तमिलनाडु और महाराष्ट्र में BA.4 और BA.5 के मामले सामने आने के बाद दिल्ली में भी इनके मामले सामने आने की संभावना बन गई है। जीनोम अनुक्रमण एक लंबी प्रक्रिया है और इसमें समय लगता है। ऐसे में इस सबवेरिएंट की प्रवृत्ति के संबंध में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। इसके बारे में आगे दो से तीन हफ्तों के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
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