Thursday, November 21, 2024
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Hyperuricemia वालों को करना चाहिए इन 2 खाद्य तेलों का उपयोग

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Hyperuricemia (uric acid) वाले सरसो तेल और रिफाइंड से करें परहेज

नई दिल्ली। Hyperuricemia (uric acid) की समस्या वाले लोगों को सरसो तेल और रिफाइंड के प्रयोग से बचना चाहिए। अब सवाल यह है कि जब इन दोनों से परहेज करें तो किस खाद्य तेल का इस्तेमाल करें। हम यहां आपको ऐसे 2 खाद्य तेलों की जानकारी देने जा रहे हैं, जो से पीडित लोगों के लिए हर लिहाज से फायदेमंद है।

क्यों होती है यूरिक एसिड की समस्या

यूरिक एसिड की समस्या तेजी से लोगों को चपेट में ले रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसके पीछे तीन प्रमुख कारण हैं। पहला कारण है, हाई प्रोटीन और फैट डाइट, दूसरा खराब मेटाबोलिज्म और तीसरा फाइबर की कमी। यह मामला मुख्य रूप से ये डाइट से संबंधित है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब डाइट में अत्यधिक प्रोटीन और फैट होता है तब जोड़ों में प्यूरिन जमा होने लगता है। इसकी वजह से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर काफी बढ जाता है।

अर्थराइटिस और गाउट की वजह भी बन सकता है हाई यूरिक एसिड

जोडों में प्यूरिन जमा होने से अर्थराइटिस और गाउट की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में अपनी डाइट में उन खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जो आपके शरीर में यूरिक एसिड की बढी हुई मात्रा को संतुलित करने में मदद कर सके।

यूरिक एसिड में कौन से तेल का करें इस्तेमाल

करना चाहिए इन 2 खाद्य तेलों का उपयोग
करना चाहिए इन 2 खाद्य तेलों का उपयोग | Photo : freepik

सूरजमुखी का तेल है बेहतर

यूरिक एसिड में सूरजमुखी के तेल का उपयोग बेहतर हेल्दी ऑपशन होगा। इस तेल में प्यूरिन की मात्रा बेहद कम होती है। नतीजतन, यह यूरिक एसिड के स्तर को नहीं बढाता है। जिसके कारण यूरिक एसिड का स्तर भी सुंतुलित बना रहता है। सूरजमुखी के तेल में मैग्निशियम की मात्रा भी होती है। यह शरीर में एंटी इंफ्लेमेटरी इफेक्ट पैदा करता है। मैग्निशियम गाउट और अर्थराइटिस के दर्द को भी कम करता है। वहीं, शरीर में फैट बढ़ने और मेटाबोलिज्म को स्लो होने से भी बचाता है।

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ऑलिव ऑयल से मिलता है दोहरा लाभ

सूरजमुखी के तेल के अलावा यूरिक एसिड के मरीजों के लिए ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल बेहद उपयोगी साबित होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है। वही, इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी मौजूद होते हैं। यह यूरिक एडिस से होने वाली समस्याओं को कम करता है। साथ ही जोडों के दर्द में भी राहत प्रदान करता है। ऑलिव ऑयल का उपयोग हृदय, लिवर और पेट की सेहत के लिए अच्छा साबित होता है।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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