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पॉलीमेल्जिया रुमेटिका के उपचार से संबंधित दूसरे चरण के अध्ययन की होगी शुरूआत

पॉलीमेल्जिया रुमेटिका जैसी बीमारियों और  रुमेटोलॉजी और एंडोक्रिनोलॉजी दोनों में अधूरी जरूरतों को पूरा करने के लिए लक्षित उपचार विकसित करने की कोशिशें लगातार जारी है। इस दिशा में आगे बढते हुए स्पैरो फार्मास्युटिकल्स (क्लिनिकल-स्टेज बायोफार्मास्युटिकल कंपनी) ने वार्षिक यूरोपीय कांग्रेस ऑफ रयूमेटोलॉजी (EULAR 2022) में “टुवार्ड सेफ ग्लूकोकार्टिकोइड थेरेपी ऑफ पॉलीमेल्जिया रुमेटिका” शीर्षक वाले सत्र के दौरान एक नया पशु मॉडल डेटा प्रस्तुत किया।


पोर्टलैंड/नई दिल्ली : शोधकर्ताओं ने चूहे में कॉर्टिकोस्टेरोन (CORT) के एडवर्स इफेक्ट और प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए स्पैरो के चिकित्सीय उम्मीदवार SPI-62, HSD-1 अवरोधक की क्षमता का अध्ययन किया।

विशेषज्ञों के मुताबिक इसके नतीजे उत्साहित करने वाले हैा। अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि एसपीआई-62 में ग्लुकोकोर्टिकोइड्स के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने की क्षमता है। SPI-47, SPI-62 और प्रेडनिसोलोन का एक निश्चित-खुराक-संयोजन, ऑटोइम्यून और सूजन संबंधी बीमारियों के उपचार से संबं​धित प्रक्रिया की दिशा में क्लीनिकल डेवेलपमेंट साबित हो रही है।

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जानकारी दी गई कि इस महीने से पॉलीमेल्जिया रुमेटिका (पीएमआर) के रोगियों के साथ 2 दूसरे चरण का परिक्षण आयोजित होने वाला है। यहां बता दें​ कि पॉलीमेल्जिया रुमेटिका एक प्रचलित ऑटोइम्यून बीमारी है जो मुख्य रूप से 50 वर्ष के अधिक उम्र के लोगों प्रभावित करती है। विशेषज्ञों ने कहा कि “प्रेडनिसोन जैसे ग्लूकोकार्टिकोइड्स पीएमआर के उपचार का मुख्य आधार हैं।

हालांकि, इसका उपयोग मधुमेह, हृदय रोग, ऑस्टियोपोरोसिस और उच्च रक्तचाप जैसे गंभीर दुष्प्रभावों को देखते हुए सीमित किया जा सकता है। स्पैरो फार्मास्यूटिकल्स के सीईओ डेविड ए काट्ज के मुताबिक कम साइड इफेक्ट के साथ एक प्रभावी ग्लुकोकोर्तिकोइद ऐसे रोगियों के लिए वरदान सााबित होगा। उन्होंने कहा कि SPI-62 ने चूहे में CORT के कार्डियोमेटाबोलिक, मांसपेशियों और त्वचीय प्रतिकूल दुष्प्रभावों को रोकाने के संकेत दिए हैं।

अध्ययनों से मिले सबूत इस तथ्य की ओर ईशारा करते हैं कि HSD-1 अवरोधक में ग्लूकोकॉर्टीकॉइड प्रभावकारिता बनाए रखते हुए ग्लूकोकार्टिकोइड साइड इफेक्ट को कम करने की क्षमता है। स्पैरो के आगामी नैदानिक ​​परीक्षण में उस परिकल्पना का आकलन करने का अवसर मिलना बेहद रोमांचक साबित होने वाला है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य एक ऐसे भविष्य तय करना है जिसमें पीएमआर के मरीज बिना किसी साइड इफेक्ट के अपनी बीमारी को नियंत्रित कर सकें।”

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ताजा अध्ययन में इसकी हुई पुष्टि

CORT के नतीजे भोजन की खपत में वृद्धि करते हैं। जिसे नियंत्रित करने के लिए SPI-62 के खुराक को सामान्य किया गया।
CORT- उपचारित चूहों में दो सप्ताह के लिए शरीर के वजन में कमी देखी गई फिर अचानक से उनका वजन बढ गया।
SPI-62 समूह वाले चूहों में त्वचीय मोटाई और संरचना पर CORT प्रभाव ज्यादा नहीं पाया गया।
SPI-62 समूह के चूहों में CORT को इंसुलिन प्रतिरोध के प्रतिकूल प्रभावों को रोकने, वसा में वृद्धि,

सकेलेटन मायोट्रोफी, और जकडने की ताकत में कमी के संकेत मिले।

SPI-62 एक शक्तिशाली HSD-1 अवरोधक है, जो कुशिंग सिंड्रोम और स्वायत्त कोर्टिसोल स्राव के लिए चरण 2 के विकास में प्रवेश कर रहा है, और PMR में प्रेडनिसोलोन के लिए सहायक चिकित्सा के रूप में भी यह प्रभाव दिखा रहा है। एचएसडी -1, एक इंट्रासेल्युलर एंजाइम है जो, लक्ष्य ऊतकों में ग्लुकोकोर्टिकोइड्स को सक्रिय करता है, जिसमें ग्लुकोकोर्टिकोइड दवाएं यकृत, वसा, मांसपेशियों और त्वचा सहित बीमारी से जुड़ी होती हैं।

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