कैंसर, क्रॉनिक इंफेक्शन और जोडों में दर्द की दवाएं शामिल
नई दिल्ली। टीम डिजिटल : देश में अब कैंसर, क्रॉनिक इंफेक्शन और जोडों में दर्द क उपचार में आने वाली कुल 40 दवाइयों की खुदरा कीमत तय (Fixed retail price of medicines) कर दी गई है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) द्वारा उठाए गए इस कदम से कैंसर, मधुमेह टाइप-2, उच्च रक्तचाप, पेट के कैंसर, जीवाणु संक्रमण, क्रॉनिक ऑटियोअर्थराइटिस, रूमेटीड अर्थराइटिस, Ankylosing Spondylitis, मांसपेसियों में दर्द, हड्डियों में दर्द और जोडों में होने वाले दर्द और सूजन वाले मरीजों को राहत मिलेगी।
(आगे पढिए किन दवाओं की खुदरा कीमतें की गई हैं फिक्स)
नियम के अनुसार तय खुदरा कीमत से अधिक मूल्य पर इन दवाइयों को नहीं बेचा जा सकेगा। इसके साथ दवा कंपनियां मनमाने तरीके से इन दवाओं का मूल्य भी अब नहीं बढा सकेंगी। अगर कोई भी कंपनी इन निर्देशों की अवहेलना करेगी, तो निर्धारित नियमों के तहत उन्हें दंडित किया जाएगा। ऐसे मामलों में जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है।
क्या है एनपीपीए (NPPA) :
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण’ का गठन वर्ष 1997 में भारत सरकार द्वारा रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत औषधि विभाग (DoP) के एक संलग्न कार्यालय के तौर पर दवाओं के मूल्य निर्धारण हेतु स्वतंत्र नियामक के रूप में किया गया था। इसका उद्देश्य सस्ती कीमतों पर दवाओं की उपलब्धता एवं पहुँच सुनिश्चित करना है।
इसे ड्रग्स (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 1995-2013 (DPCO) के तहत नियंत्रित थोक दवाओं एवं फॉर्मूलेशन की कीमतों को तय/संशोधित करने के लिए स्थापित किया गया। एनपीपीए देश में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु बनाया गया था। बल्क ड्रग (Bulk drug) जिसे एपीआई (Active Pharmaceutical Ingredient- API) भी कहा जाता है। यह दवा के रूप में रासायनिक अणु हैं जो उत्पाद को चिकित्सीय प्रभाव प्रदान करते हैं।
एनपीपीए की भूमिका :
औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश के प्रावधानों को इसे प्रत्यायोजित शक्तियों के अनुसार लागू और कार्यान्वित करना।
एनपीपीए के निर्णयों से बनाए गए सभी कानूनी मामलों से निपटने के लिये काम करना।
दवाओं की उपलब्धता की निगरानी करना।
कमियों की पहचान करना और इसे दूर करने की दिशा में कदम उठाना।
थोक दवाओं और फॉर्मूलेशन के लिये उत्पादन, निर्यात एवं आयात, विभिन्न कंपनियों की बाज़ार हिस्सेदारी, कंपनियों के लाभ आदि पर डेटा एकत्र करना/बनाए रखना तथा दवाओं/ फार्मास्यूटिकल्स के मूल्य निर्धारण के संबंध में प्रासंगिक अध्ययन करना।
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