Thursday, November 21, 2024
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Blood Sugar Levels की जांच करने का सही समय क्या है?

मधुमेह वाले लोगों में आमतौर पर रक्त शर्करा का स्तर उच्च होता है, लेकिन आपके रक्त शर्करा में भी गिरावट का खतरा होता है, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है।

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नियमित जांच से हाइपर या हाइपोग्लाइसेमिक होने से बच सकते हैं आप

नई दिल्ली। Blood Sugar Levels : अगर आपको ब्लड शुगर यानि डायबिटीज की समस्या है तो आप अपने ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच भी करते होंगे लेकिन क्या आपको यह पता है कि ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच करने का सही समय क्या है।

जो मरीज इंसुलिन पर निर्भर हैं, उनके लिए तो भोजन से ठीक पहले, भोजन के कुछ घंटे बाद और सोने से पहले ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Levels) की जांच करना सही रहता है लेकिन जो मरीज गोलियों पर निर्भर हैं या किसी और तरीके से डायबिटीज को प्रबंधित करते हैं, उनके लिए शुगर लेवल की जांच का सही समय ( right time to check blood sugar levels) क्या है। यहां हम आपको इसकी जानकारी विस्तार से दे रहे हैं।

तीन तरीकों से होती है Blood Sugar Levels की जांच

1 ब्लड ग्लूकोज मॉनिटर
2 सतत ग्लूकोज मॉनिटर (CGM),
3 A1C रक्त परीक्षण

सतत ग्लूकोज मॉनिटर (CGM)

इस जांच प्रक्रिया के जरिए आप लगातार अपने ब्लड ग्लूकोज लेवल (Blood Sugar Levels) की निगरानी कर सकते हैं। इसके जरिए कुछ अंतराल पर मिनटों में स्वचालित रूप से शुगर लेवल की रीडिंग प्राप्त की जा सकती है। इसमें हर बार ​टिश्यू पंचर कर ब्लड निकालने की जरूरत नहीं होती है। सुविधाजनक होने से सीजीएम काफी लोकप्रिय जांच विधि बन चुकी है। इसमें एक छोटे से सेंसर को त्वचा के नीचे लगाना पडता है। जिसके बाद चौबीसों घंटे यह काम करता है। सेंसर के माध्यम से आप लगातार ब्लड शुगर लेवल से संबंधित रीडिंग प्राप्त करते रहते हैं।

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सीजीएम के बारे में दूसरी अच्छी बात यह है कि इसके माध्यम से आप ब्लड शुगर लेवल से संबंधित डेटा को कलेक्ट करने के लिए इसे स्मार्ट फोन के साथ जोड सकते हैं। डॉक्टर के मांगने पर आप अपने शुगर लेवल का डाटा बडी आसानी से उनक साथ शेयर कर सकते हैं। सीजीएम आपको आपके ब्लड शुगर लेवल से संबंधित डिटेल्ड अपडेट देता है। ताकि, अपने ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य रखने में आपको मदद मिल सके। यह सेंसर आपके ब्लड शुगर लेवल के असामान्य होते ही आपको तत्काल सचेत भी करता है।

A1C रक्त परीक्षण

ब्लड शुगर लेवल की जांच के लिए A1C विधि का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। विशेषज्ञ इसे वर्ष में एक या दो बार करवाने की सलाह देते हैं। यह जांच खासतौर से उन लोगों के लिए उपयोगी जिन्हें डायबिटीज नहीं है लेकिन होने का जोखिम बना रहता है। इस जांच के माध्यम से पिछले 2-3 महीनों के औसत ब्लड शुगर लेवल का पता लगाया जाता है। प्री-डायबिटीज (pre-diabetes) के संभावित मरीजों की निगरानी के लिए डॉक्टर अक्सर इस जांच विधि का ही उपयोग करते हैं।

आपके ब्लड शुगर लेवल की जांच के लिए सबसे अच्छा समय कब है?

Blood Sugar Levels की जांच करने का सही समय क्या है?
Blood Sugar Levels की जांच करने का सही समय क्या है? Photo : freepik

आमतौर पर ब्लड शुगर लेवल की जांच कब करनी चाहिए, इसके लिए डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह को ही मानना बेहतर है। इसके बावजूद भी कुछ निश्चित समय होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल की जांच के लिए बेहतर माने जाते हैं। आपको कितनी बार अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करनी चाहिए, यह कुछ कारकों पर निर्भर करता है। जैसे आप इंसुलिन ले रहे हैं, आपका ब्लड शुगर लेवल कितना नियंत्रित है या फिर आप कोई नई उपचार की विधि का उपयोग कर रहे हैं।

टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीज अगर इंसुलिन पर निर्भर हैं, तो उन्हें दिनभर में कम से कम 4 बार यानि हर बार भोजन से पहले और सोने से पहले अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करनी चाहिए। अगर आप टाइप 2 डायबिटीज  के मरीज हैं और आपका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित है और इंसुलिन नहीं ले रहे हैं, तो दिनभर में एक बार शुगर लेवल की जांच करनी चाहिए। यदि आपने हाल ही में अपनी दवा में बदलाव किया है, या आपकी डायबिटीज अनियंत्रित रहती है, तो आपको शुगर लेवल नियंत्रित होने तक प्रत्येक बार भोजन से पहले और सोने से पहले जांच करनी चाहिए।

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इस समय अगर करेंगे जांच तो मिलेगी एकुरेट जानकारी

जब आप जागते हैं।
भोजन से ठीक पहले।
भोजन के दो घंटे बाद।
जब आप हाइपर- या हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षणों का अनुभव करते हैं।
व्यायाम से पहले और बाद में।

Blood Sugar Levels से संबंधित जरूरी जानकारियां

आपका ब्लड शुगर लेवल मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम/डीएल) के रूप में रीड किया जाता है।
सामान्य रीडिंग – भोजन से पहले: 80-130 मिलीग्राम/डीएल
भोजन करने के 1-2 घंटे बाद: 180 मिलीग्राम/डीएल से कम
A1C: 7% से कम
ईएजी: 154 मिलीग्राम/डीएल से कम

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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