Safdarjung Hospital Delhi ‘Mother in NICU’ : आईसीएमआर और चिकित्सा अधीक्षक ने किया उद्घाटन
नई दिल्ली। टीम डिजिटल : Safdarjung Hospital Delhi : एनआईसीयू में अब प्रीमैच्योर नवजात की माताएं भी करेंगी देखभाल- नवजात शिशुओं में जन्म के बाद कुछ ऐसी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, जिनकी वजह से उन्हें गहन देखभाल की जरूत रहती है। ऐसे शिशुओं को उनके स्वस्थ्य होने तक गहन देखभाल की आवश्यकता होती है। उन्हें इसके लिए निकू यूनिट (‘Mother in NICU’) में भर्ती किया जाता है।
इस दौरान बच्चों को उनकी मां से कई दिनों तक अलग रहना पडता है। जबकि, नवजात के लिए स्तनपान और Kangaroo Mother Care (मां के साथ त्वचा से त्वचा का संपर्क) भी बेहद जरूरी होता है।यह भी देखा गया है कि कई बार बच्चे को अलग करने के लिए मां तैयार नहीं होती हैं लेकिन उसे गहन देखभाल की जरूरत होती है। इस चुनौती को देखते हुए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ने एक नई शुरूआत कर दी है। जिसमें शिशुओं की गहन देखभाल की प्रक्रिया में उसकी मां को भी शामिल किया जाएगा।
गहन देखभाल ईकाई स्थापित
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital Delhi) के बाल रोग विभाग में शिशुओं के लिए मातृ-नवजात गहन देखभाल इकाई की शुरूआत की गई है। यूनिट का उद्घाटन स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल और सफदरजंग अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ वंदना तलवार द्वारा किया।
स्तनपान करेंगे शिशु और मिलेगा माता का स्पर्श
सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital Delhi) के मातृ नवजात गहन देखभाल में बच्चे के साथ मां को भी रखा जाएगा। इससे पहले की व्यवस्था के तहत माताओं को या तो घर में रहने के लिए कहा जाता था या फिर उन्हें अस्पताल के लाउंज में ठहरना पडता था।
नई व्यवस्था के तहत अब नवजात अपने मां के साथ गहन देखभाल प्राप्त कर सकेंगे, जहां उन्हें मां का दूध और मां का स्पर्श दोनों ही मिलेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक इस कवायद से नवजात शिशुओं का उपचार करना भी आसान हो जाएगा।
शिशुओें में क्रॉस संक्रमण को जोखिम अधिक
विशेषज्ञों के मुताबिक निम्न-मध्यम आय वाले देशों में नर्स शिशु अनुपात कम होने के कारण अक्सर इन शिशुओं में क्रॉस संक्रमण का खतरा अधिक होता है। सफदरजंग अस्पताल (Sufdarjung hospital) का बाल-रोग चिकित्सा विभाग देश का पहला तृतीयक देखभाल केंद्र है, जिसने 15 बिस्तरों वाले स्तर-3 (तृतीयक स्तर) एनआईसीयू में बाहरी शिशुओं के लिए मातृ-नवजात गहन देखभाल इकाई (एम-एनआईसीयू) सेवाएं शुरू की गई हैं।
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क्या है ‘मदर इन एनआईसीयूू (‘Mother in NICU’)
‘मदर इन एनआईसीयू’ (‘Mother in NICU’) एक ऐसी सुविधा है, जहां बीमार नवजात शिशुओं की देखभाल उनकी माताओं के साथ 24X7 के आधार पर की जाती है। इसके साथ ही शिशु के माताओं को भी प्रसव के बाद की देखभाल मुहैया कराई जाती है। डीएचआर के सचिव और आईसीएमआर के डीजी, डॉ. राजीव बहल ने कहा, ‘मां और उसके बीमार शिशु को एक साथ रखने से लंबे समय तक और प्रभावी केएमसी के अवसर बढ़ जाते हैं।
इससे मृत्यु दर में कमी आती है और लगातार स्तनपान करने से शिशु भी जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इससे समय से पहले जन्म लेने वाले और छोटे शिुशुओ के लिए नवजात गहन देखभाल के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
अध्ययन में स्पष्ट हो चुका है मां और शिशु को साथ रखने के फायदे
सफदरजंग अस्पताल के बाल-रोग चिकित्सा विभाग में किए गए शोध अध्ययन से पता चला है कि, मातृ-एनआईसीयू में मां और शिुशु को एक साथ रखने से जीवन के 28 दिनों में मृत्यु दर 25% कम हो गई है। इसके साथ ही हाइपोथर्मिया (ठंड लगना) की घटनाएं भी 35 प्रतिशत घट गई। अध्ययन में यह भी सामने आया कि एनआईसीयू में मां की उपस्थिति के साथ संक्रमण वृद्धि की चिंता भी गलत साबित हुई।
इसका कारण यह है कि पारंपरिक एनआईसीयू में देखभाल किए गए नियंत्रित शिशुओं की तुलना में एम-एनआईसीयू सेटिंग में नवजात शिशुओं में 18 प्रतिशत कम संक्रमण था। अध्ययन के परिणाम मई, 2021 में उच्च प्रभाव वाले न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित किए गए थे।
प्रसूति विशेषज्ञों की निगरानी में रहेंगी माताएं
सफदरजंग अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वंदना तलवार ने कहा, ‘माताओं को अपने बीमार नवजात शिशुओं के साथ चौबीसों घंटे रहने में सक्षम बनाने के लिए, माताओं को नवजात गहन देखभाल इकाई (‘Mother in NICU’) के भीतर बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
इसमें भोजन, बिस्तर और शौचालय आदि भी शामिल हैं’। माताओं की किसी भी चिकित्सीय समस्या के लिए उन्हें प्रसूति विशेषज्ञ की देखभाल प्रदान की जाती है। इस पहल को अस्पताल के बजट प्रावधान के माध्यम से समर्थित किया गया है।
नवजात गहन देखभाल के लिए उपकरण, मां के लिए भोजन और केएमसी स्थिति में मां शिशु को एक साथ रखने के लिए कपड़ों सहित बुनियादी ढांचा और आपूर्ति अस्पताल द्वारा प्रदान की जाती है। सफदरजंग अस्पताल के बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रानी गेरा ने कहा, ‘सफदरजंग अस्पताल में मातृ-एनआईसीयू बनाना, मां-शिशु युग्म की सम्मानजनक देखभाल की दिशा में एक प्रभावी कदम है’ और इससे शिशुओं में संक्रमण दर कम होने के साथ माँ और शिशु के बीच संबंध में भी सुधार होगा।
Safdarjung Hospital Delhi : एनआईसीयू में अब प्रीमैच्योर नवजात की माताएं भी करेंगी देखभाल (‘Mother in NICU’)
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