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सूर्य की रोशनी में रोजाना बिताएं कुछसमय नहीं होगा डिमेंशिया

विटामिन डी का स्रोत है सूर्य की रोशनी, कमी से होती है भूलने की बीमारी

नई दिल्ली। टीम डिजिटल :
Some time spent daily in sunlight will not cause dementia:  सूर्य की रोशनी से विटामिन डी (vitamin d from sunlight) की कमी पूरी होती है और याद्दाश्त से जुडी बीमारियों के जोखिम को विटामिन डी (Vitamin D) कम करता है। ऐसी बीमारियों के जोखिम से बचने के लिए रोजाना कुछ समय सूर्य की रोशनी में व्यतीत करना चाहिए। इस आशय में हाल में ही एक किए गए अध्ययन में पुष्टि हुई है। 

33 प्रतिशत तक कम हो जाता है डिमेंशिया का खतरा 

सूर्य की रोशनी में रोजाना बिताएं कुछसमय नहीं होगी भूलने की बीमारी
सूर्य की रोशनी में रोजाना बिताएं कुछसमय नहीं होगी भूलने की बीमारी
अमेरिका की टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने अपने रिसर्च के हवाले से यह दावा किया है कि (Vitamin D and Dementia) विटामिन डी डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) के जोखिम को 33 प्रतिशत तक कम करने में लाभदायक है। इसके लिए सूर्य की रोशनी में रोजाना कुछ समय बिताने की भी सलाह दी गई है क्योंकि (Greatest natural source of Vitamin D) सूर्य की रोशनी विटामिन डी का सबसे बडा प्राकृतिक स्रोत है। यह अध्ययन 290 लोगों में विटामिन D के प्रभाव पर किया गया।

क्या है डिमेंशिया?

सूर्य की रोशनी में रोजाना बिताएं कुछसमय नहीं होगी भूलने की बीमारी
सूर्य की रोशनी में रोजाना बिताएं कुछसमय नहीं होगी भूलने की बीमारी
डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति की धीरे-धीरे याददाश्त कमजोर होने लगती है। इसके अलावा दिमाग के साथ शरीर के सामंजस्य बैठाने की क्षमता भी प्रभावित होने लगती है। इससे पीडित मरीज को दैनिक कार्यों में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पडता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक दुनिया में 5.5 करोड़ लोग डिमेंशिया से प्रभावित हैं। भूलने की इस बीमारी से ज्यादातर बुजुर्ग ही प्रभावित होते हैं। WHO के अनुमान के मुताबिक वर्ष 2030 तक डिमेंशिया के मरीजों की तादाद 7.8 करोड़ तक हो सकती है। 

दिमाग के 4 हिस्सों पर किया अध्ययन 

विशेषज्ञों ने इस अध्ययन की शुरूआत वर्ष 1997 में की थी। अध्ययन यह जानने के लिए शुरू किया गया कि विटामिन D का भूलने की बीमारी (Vitamin D’s link to Alzheimer’s disease) के मामले में कितना असरदार साबित होता है। अध्ययनकर्ताओं की टीम ने इसके लिए दिमाग के चार हिस्सों में विटामिन डी के प्रभाव का आकलन किया। इनमें से दो दिमागी हिस्से अल्जाइमर से संबंधित थे। इनमें से एक हिस्सा को डिमेंशिया के लिए जाना जाता है। वहीं, दूसरे हिस्से को उम्र के साथ याद्दाश्त में गिरावट से संबंधित माना जाता है। अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक आकलन में यह पता चला कि जिन लोगोें में विटामिन डी का स्तर अधिक था, उनकी याद्दाश्त भी बेहतर थी। 

सर्दियाें में ज्यादा प्रभावित होता है विटामिन डी का स्तर 

सूर्य की रोशनी में रोजाना बिताएं कुछसमय नहीं होगी भूलने की बीमारी
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Why is the level of Vitamin D more affected in winters:  विशेषज्ञों के मुताबिक, सर्दियों में आधे से ज्यादा (57%) एशियाई मूल के लोगों में विटामिन डी की गंभीर कमी पाई जाती है। जबकि, गर्मियों में यह आंकड़ा घटकर 51% हो जाता है। विटामिन डी की गंभीर कमी से लगभग 38.5% काले रंग वाले लोग जूझते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक 60 साल से ज्यादा उम्र वाले ऐसे लोेग जिनमें विटामिन डी की कमी होती है, उनकी मानसिक कमजोरी बढने लगती है। 

विटामिन डी की कमी से 100 करोड लोग पीडित 

How many people suffer from Vitamin D deficiency in the world? नेचर जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में विटामिन डी की कमी से 100 करोड़ लोग पीडित हैं। भारत में 49 करोड़ लोगों के शरीर मेें पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं होता है। विटामिन डी की कमी से जूझने वालों में 31% बच्चे और किशोर भी शामिल हैं। विटामिन डी की कमी बच्चों में रिकेट्स (सूखा रोग) का कारण बनता है। 

 

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