stem cell banking : गर्भनाल में होती है सबसे ज्यादा स्टेम सेल
नई दिल्ली।टीम डिजिटल : Stem Cell Banking : भविष्य में बीमारियों से सुरक्षा कवच बनेगा बैंक में सुरक्षित स्टेम सेल – इंसान भविष्य के लिए धन जमा करता है, इसके लिए बैंक है। स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध है। ऐसे ही अब भविष्य में होने वाली बीमारियों से निपटने के लिए स्टेम सेल बैंकिंग (Stem Cell Banking) की प्रक्रिया भी उपलब्ध है। स्टेम सेल बैंकिंग की इस प्रक्रिया को समझने से पहले आपको स्टेम सेल के बारे में समझना होगा। आखिर स्टेम सेल को इतना महत्व क्यों दिया जा रहा है कि इसे संरक्षित करके रखा जा रहा है। आइए, इस विषय पर विस्तृत जानकारी देते हैं।
क्या है स्टेम सेल – what is stem cell
स्टेम सेल्स ऐसे बायोलॉजिकल सेल्स (कोशिकाएं) होती हैं, जो आसानी से अन्य सेल्स में विभाजित हो जाती है। ये सेल्स शरीर के किसी भी अंग में परिवर्तित किए जा सकते हैं। इससे शरीर के किसी भी अंग की नई कोशिकाओं का निर्माण किया जा सकता है। नवजात बच्चों के गर्भनाल में सबसे अधिक स्टेम सेल्स मौजूद होती है। आमतौर पर जिस गर्भनाल अम्बलिकल कॉर्ड को जन्म के बाद एक मेडिकल वेस्ट समझा जाता था, उससे बच्चे को 50 से ज्यादा बीमारियों से बचाया जा सकता है। इस प्रक्रिया को अम्बलिकल कॉर्ड ब्लड बैंकिंग (umbilical cord preservation) या स्टेम सेल थैरेपी कहते हैं।
क्या कहता है विज्ञान
विशेषज्ञों के मुताबिक, स्टेम सेल वे कोशिकाएं हैं, जिनमें शरीर के किसी भी अंग के रूप में विकसित होने की प्राकृतिक क्षमता मौजूद होती है। इंसान के शरीर में त्वचा, हड्डियां, मांसपेशियां सहित अंगों का निर्माण कोशिकाओं से ही होता है। लीवर, किडनी, हृदय, मस्तिष्क आदि महत्वपूर्ण अंगों की कार्यप्रणाली इन्हीं कोशिकाओं पर निर्भर करती है। जब अंग किसी रोग से ग्रसित हो जाते हैं, तब इनकी कोशिकाएं नष्ट होने लगती है।
इस दौरान स्टेम सेल्स की मदद से इन कोशिकाओं को पुर्नजिवित किया जा सकता है। कई बार बीमारियों की स्थिति में स्टेम सेल्स भी कमजोर हो जाते हैं या इनकी संख्या कम हो जाती है। ऐसे में शरीर के बाहर से स्टेम सेल्स प्रत्यारोपित कर इसकी कमी को पूरा किया जाता है। इससे नई और स्वस्थ्य कोशिकाओं का निर्माण होता है और बीमारी से छुटकारा मिलना शुरू हो जाता है।
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कैसे किया जाता है स्टेम सेल संरक्षित – stem cell preservation
बच्चे के जन्म के 10 मिनट के अंदर गर्भनाल को काटकर प्लेसेंटा के ब्लड वेसल्स के खून को संरक्षित (Stem Cell Banking) कर दिया जाता है। नाल को 20 सेेंटीमीटर के टुकड़ों में विभाजित कर इसके टिश्यू सुरक्षित किए जाते हैं। इनके इस्तेमाल से स्टेम सेल विकसित की जाती हैं। स्टेम सेल प्रिजर्व कराने के लिए रजिस्ट्रेशन करके बाकायदा एक किट दिया जाता है। कॉर्ड ब्लड या टिश्यू को उस किट में सुरक्षित रखा जाता है। इन्हें नाइट्रोजन वैपर में रखा जाता है। इसके बाद इन्हें हार्वेस्टिंग और बैंकिंग के लिए बैंक के लिए भेज दिया जाता है। यहां क्रायो प्रिजर्वेशन तकनीक से इन स्टेम सेल्स को संरक्षित कर रखा जाता है।
इस तरह काम आता है संरक्षित स्टेम सेल
भविष्य में जब भी किसी बच्चे को कोई गंभीर बीमारी होती है, तब स्टेम सेल संरक्षित रखने वाली कंपनी (Stem Cell Banking) को इसकी सूचना दी जाती है। इसके बाद कंपनी अपने यहां संरक्षित रखे गए स्टेम सेल को भिजवाती है। कंपनी इसका खर्च नहीं लेती। डॉक्टर इसे प्रत्यारोपित करते हैं। यदि स्टेमसेल की अधिक मात्रा में जरूरत पडती है तो संबंधित कंपनी अन्य कंपनी से उस ग्रुप की स्टेम सेल लेकर दे देती है। इसका भुगतान अलग से करना पडता है। कंपनियां स्टेम सेल प्रिजर्व करवाने वाले अपने कस्टमर के साथ अनुबंध करती है। कस्टमर की पहचान के लिए उन्हें एक बार कोड दिया जाता है।
स्टेम सेल बैंकिंग में कितना होता है खर्च – stem cell banking cost
स्टेम सेल बैंकिंग (Stem Cell Banking) के लिए लगभग $1000 – $2500 ( करीब दो लाख रुपए) और गर्भनाल रक्त कोशिकाओं के भंडारण (cord blood banking) की अवधि तक प्रति वर्ष $100 (करीब 9000 रुपए) का भंडारण शुल्क का भुगतान करना पड सकता है। इससे विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए 35 वर्ष की आयु तक लोग स्टेम कोशिकाओं को संग्रहित या दान कर सकते हैं। स्टेम सेल उपचार केवल प्रमाणित स्टेम सेल अस्पतालों में ही किया जा सकता है।
इन बीमारियों में होता है स्टेम सेल उपयोगी – stem cell preservation benefits
शरीर में स्टेम सेल या गर्भनाल रक्त कोशिकाओं का उपयोग स्टेम सेल प्रत्यारोपण के लिए किया जाता है। यह प्रत्यारोपण हड्डी जैसी सेरेब्रल पाल्सी, ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, न्यूरोब्लास्टोमा, विभिन्न मायलोमा, विकिरण या कीमोथेरेपी जैसे कैंसर उपचार, या सिर या रीढ़ की चोट से संबंधित बीमारियों के लिए किए जाते हैं। कई अनुवांशिक बीमारियों का भी उपचार अब स्टेम सेल थेरेपी के जरिए करना संभव हो गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक करीब 80 बीमारियों के उपचार में अब स्टेम सेल उपयोगी साबित हो रहा है।
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