अमेरिकी विशेषज्ञ का दावा, इस सदी के अंत तक दिखेगा Stem Cell Research का असर
नई दिल्ली। Stem Cell Research : मौत को टालने का प्रयास इंसान लंबे समय से करता आ रहा है लेकिन इस प्रयास में आजतक सफलता नहीं मिली है। मौत अंतिम सत्य है लेकिन इंसानों का इसपर विजय हासिल करने का प्रयास आज भी जारी है। इन्हीं प्रयासों की कडी में एक जानकारी सामने आई है।
जिसमें एक अमेरिकी विशेषज्ञ ने यह दावा किया है कि स्टेम सेल रिसर्च (Stem Cell Research) की बदौलत जल्द ही इंसान अपनी जिंदगी को और अधिक लंबा करने में कामयाबी पा लेगा। यह दावा चौंकाने वाला है। विशेषज्ञ ने यह भी कहा है कि ऐसा होता हुआ लोग इसी सदी के अंत तक देख सकेंगे। विशेषज्ञ का दावा है कि आने वाले समय में इंसान 120 से लेकर 150 वर्ष की आयु तक जीवित रह सकेगा। इसके साथ ही मानव जीवन के लिए बीमारियां उतनी जानलेवा भी नहीं रह जाऐंगी। विशेषज्ञ के इस दावे से लोग हैरान हैं।
मानव जीवन को लंबी आयु देने में जुटा है विज्ञान
19 वीं सदी की शुरूआत के साथ ही विज्ञान और चिकित्सा जगत ने कई महान उपलब्ध्यिां हासिल की है। तब से लेकर अबतक विज्ञान और चिकित्सा जगत मानव जीवन को लंबी आयु देने के सतत प्रयास में जुटा हुआ है। एक तरफ नई बीमारियां मानव जीवन को चुनौती दे रही हैं, तो दूसरी ओर इन बीमारियों से जीवन की रक्षा कैसे हो विज्ञान और चिकित्सा जगत उपाए तलाशने में जुटा हुआ है।
चिकित्सा विज्ञान के जरिए मारक बीमारियों के टीके विकिसत करना इंसानी जीवन के लिए वरदान साबित हुआ है। कल तक जिन बीमारियों से भारी तादाद में लोगों की मृत्यु हो जा रही थी, अब इनमें से कई बीमारियां, टीकों की खोज के साथ ही उपचार या बचाव के काबिल हो गए हैं।
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विशेषज्ञ का दावा है कि अगर सबकुछ सही रास्ते पर रहा तो अगले कुछ वर्षों में इंसान शतायु कहलाएगा। यानि इंसान 100 वर्ष से भी अधिक समय तक जिंदा और स्वस्थ रह पाएगा। न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. आन्सर्ट वॉन श्वार्ज (Dr. Ernst von Schwarz )का मानना है कि इस सदी के अंत तक इंसान के लिए 150 वर्ष तक की आयु तक जीवित रहना संभव हो जाएगा।
यह कमाल स्टेम सेल रिसर्च (Stem Cell Research) की बदौलत हो पाएगा। यहां बता दें कि डॉ. आन्सर्ट सीडर्स सिनाई मेडिकल सेंटर, यूसीएलए में डेविड गेफेन स्कूल एंड साउथ कैलिफॉर्निया अस्पताल के हार्ट इंस्टीट्यूट में ट्रिपल बोर्ड प्रमाणित इंटर्निस्ट, हृदय रोग विशेषज्ञ हैं।
जिंदा रहने का मतलब सिर्फ जीना नहीं है स्वस्थ रहना भी है
न्यूयॉर्क पोस्ट से बातचीत में डॉ. आन्सर्ट ने कहा कि जिंदा रहने का यह मतलब नहीं कि आप बीमार होकर बिस्तर पर पडे हैं और मौत आने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिंदा रहने से उनका मतलब यह भी है कि लोगों की बीमारियां दूर होंगी और 100 वर्ष की उम्र के बाद भी लोग आरामदायक जिंदगी बिता सकेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि इंसान को स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ भोजन और नियमित व्यायाम करने की भी जरूरत होती है। इन दोनों के बिना इंसान की आयु लंबी नहीं हो सकती। डॉक्टर ने कहा कि अगर 30 वर्ष की आयु से ही व्यक्ति अपने जीवनशैली में जरूरी बदलाव करना शुरू कर दे तो वह लंबी आयु जीने के राह पर चल पडता है।
दवा के तौर पर स्टेम सेल का उपयोग
डॉ. आन्सर्ट के मुताबिक इंसान बीमार होने पर जिस तरह दवा लेता है, आने वाले समय में बीमारी को दूर करने के लिए इंसान स्टेम सेल (Stem Cell Research) का उपयोग करने लगेगा। ऐसा करके हम खुद को फिट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्टेम सेल भविष्य है, भले ही स्टेम सेल कोशिकाएं एफडीए (FDA) से प्रमाणित नहीं है। यह बीमारियों को ठीक करने में सक्षम है। इसकी मदद से जीवन को लंबा किया जा सकता है। इसके अलावा उम्र बढने की कुछ प्रक्रियाओं को भी धीमा किया जा सकता है।
सिर्फ एक शख्स ही जिंदा रहा 120 साल
मानव इतिहास में सिर्फ एक ही व्यक्ति ऐसा हुआ है, जो 120 वर्ष तक जीवित रह सका है। इस बात की पुष्टि आधिकारिक रिकॉर्ड से भी होती है। यह सौभाग्य फ्रांस निवासी जीन कैलमेंट को ही प्राप्त हो सकता है। इनकी मृत्यु तब हुई थी, जब यह 122 वर्ष 164 दिन की आयु पूरी कर चुके थे।
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