Thursday, November 21, 2024
HomeLatest ResearchStem Cell Research की बदौलत शतायु होगा इंसान, बीमारियां नहीं बन सकेंगी...

Stem Cell Research की बदौलत शतायु होगा इंसान, बीमारियां नहीं बन सकेंगी समस्या

इंसान के 150 वर्ष तक जिंदा रहने का लगाया अनुमान

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

अमेरिकी विशेषज्ञ का दावा, इस सदी के अंत तक दिखेगा Stem Cell Research का असर

नई दिल्ली। Stem Cell Research : मौत को टालने का प्रयास इंसान लंबे समय से करता आ रहा है लेकिन इस प्रयास में आजतक सफलता नहीं मिली है। मौत अंतिम सत्य है लेकिन इंसानों का इसपर विजय हासिल करने का प्रयास आज भी जारी है। इन्हीं प्रयासों की कडी में एक जानकारी सामने आई है।

जिसमें एक अमेरिकी विशेषज्ञ ने यह दावा किया है कि स्टेम सेल रिसर्च (Stem Cell Research) की बदौलत जल्द ही इंसान अपनी जिंदगी को और अधिक लंबा करने में कामयाबी पा लेगा। यह दावा चौंकाने वाला है। विशेषज्ञ ने यह भी कहा है कि ऐसा होता हुआ लोग इसी सदी के अंत तक देख सकेंगे। विशेषज्ञ का दावा है कि आने वाले समय में इंसान 120 से लेकर 150 वर्ष की आयु तक जीवित रह सकेगा। इसके साथ ही मानव जीवन के लिए बीमारियां उतनी जानलेवा भी नहीं रह जाऐंगी। विशेषज्ञ के इस दावे से लोग हैरान हैं।

मानव जीवन को लंबी आयु देने में जुटा है विज्ञान

Stem Cell Research की बदौलत शतायु होगा इंसान, बीमारियां नहीं बन सकेंगी समस्या
Stem Cell Research की बदौलत शतायु होगा इंसान, बीमारियां नहीं बन सकेंगी समस्या | Photo : freepik

19 वीं सदी की शुरूआत के साथ ही विज्ञान और चिकित्सा जगत ने कई महान उपलब्ध्यिां हासिल की है। तब से लेकर अबतक विज्ञान और चिकित्सा जगत मानव जीवन को लंबी आयु देने के सतत प्रयास में जुटा हुआ है। एक तरफ नई बीमारियां मानव जीवन को चुनौती दे रही हैं, तो दूसरी ओर इन बीमारियों से जीवन की रक्षा कैसे हो विज्ञान और चिकित्सा जगत उपाए तलाशने में जुटा हुआ है।

चिकित्सा विज्ञान के जरिए मारक बीमारियों के टीके विकिसत करना इंसानी जीवन के लिए वरदान साबित हुआ है। कल तक जिन बीमारियों से भारी तादाद में लोगों की मृत्यु हो जा रही थी, अब इनमें से कई बीमारियां, टीकों की खोज के साथ ही उपचार या बचाव के काबिल हो गए हैं।

Also Read : Antibiotics हो रहे हैं बेअसर, ICMR की रिपोर्ट से चौंक जाएंगे आप

विशेषज्ञ का दावा है कि अगर सबकुछ सही रास्ते पर रहा तो अगले कुछ वर्षों में इंसान शतायु कहलाएगा। यानि इंसान 100 वर्ष से भी अधिक समय तक जिंदा और स्वस्थ रह पाएगा। न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. आन्सर्ट वॉन श्वार्ज (Dr. Ernst von Schwarz )का मानना है कि इस सदी के अंत तक इंसान के लिए 150 वर्ष तक की आयु तक जीवित रहना संभव हो जाएगा।

यह कमाल स्टेम सेल रिसर्च (Stem Cell Research) की बदौलत हो पाएगा। यहां बता दें कि डॉ. आन्सर्ट सीडर्स सिनाई मेडिकल सेंटर, यूसीएलए में डेविड गेफेन स्कूल एंड साउथ कैलिफॉर्निया अस्पताल के हार्ट इंस्टीट्यूट में ट्रिपल बोर्ड प्रमाणित इंटर्निस्ट, हृदय रोग विशेषज्ञ हैं।

जिंदा रहने का मतलब सिर्फ जीना नहीं है स्वस्थ रहना भी है

न्यूयॉर्क पोस्ट से बातचीत में डॉ. आन्सर्ट ने कहा कि जिंदा रहने का यह मतलब नहीं कि आप बीमार होकर बिस्तर पर पडे हैं और मौत आने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिंदा रहने से उनका मतलब यह भी है कि लोगों की बीमारियां दूर होंगी और 100 वर्ष की उम्र के बाद भी लोग आरामदायक जिंदगी बिता सकेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि इंसान को स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ भोजन और नियमित व्यायाम करने की भी जरूरत होती है। इन दोनों के बिना इंसान की आयु लंबी नहीं हो सकती। डॉक्टर ने कहा कि अगर 30 वर्ष की आयु से ही व्यक्ति अपने जीवनशैली में जरूरी बदलाव करना शुरू कर दे तो वह लंबी आयु जीने के राह पर चल पडता है।

दवा के तौर पर स्टेम सेल का उपयोग

Stem Cell Research की बदौलत शतायु होगा इंसान, बीमारियां नहीं बन सकेंगी समस्या
Stem Cell Research की बदौलत शतायु होगा इंसान, बीमारियां नहीं बन सकेंगी समस्या | Photo : freepik

डॉ. आन्सर्ट के मुताबिक इंसान बीमार होने पर जिस तरह दवा लेता है, आने वाले समय में बीमारी को दूर करने के लिए इंसान स्टेम सेल (Stem Cell Research) का उपयोग करने लगेगा। ऐसा करके हम खुद को फिट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्टेम सेल भविष्य है, भले ही स्टेम सेल कोशिकाएं एफडीए (FDA) से प्रमाणित नहीं है। यह बीमारियों को ठीक करने में सक्षम है। इसकी मदद से जीवन को लंबा किया जा सकता है। इसके अलावा उम्र बढने की कुछ प्रक्रियाओं को भी धीमा किया जा सकता है।

सिर्फ एक शख्स ही जिंदा रहा 120 साल

मानव इतिहास में सिर्फ एक ही व्यक्ति ऐसा हुआ है, जो 120 वर्ष तक जीवित रह सका है। इस बात की पुष्टि आधिकारिक रिकॉर्ड से भी होती है। यह सौभाग्य फ्रांस निवासी जीन कैलमेंट को ही प्राप्त हो सकता है। इनकी मृत्यु तब हुई थी, जब यह 122 वर्ष 164 दिन की आयु पूरी कर चुके थे।

[table “9” not found /]

[table “5” not found /]


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Caas India Web Team
Caas India Web Teamhttps://caasindia.in
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article