WHO Report : वैज्ञानिकों ने ढूंढा लिवर कैंसर को ठीक करने वाला पौधा
आईआईटी, बीएचयू, रूस और रोमानिया के वैज्ञानिकों को मिली लिवर कैंसर के मामले में बडी […]
आईआईटी, बीएचयू, रूस और रोमानिया के वैज्ञानिकों को मिली लिवर कैंसर के मामले में बडी […]
डेंगू (Dengue) बुखार से पीडित लोगों के उपचार में होम्योपैथी दवाओं (homeopathy medicine) का असर दिख रहा है। डेंगू के उपचार (treatment of dengue) में होम्योपैथी दवाएं प्रभावी साबित हो रही हैं। डेंगू देश के कई….
इस समय देश में वयस्क आबादी का हर छठा व्यक्ति मधुमेह (डायबिटीज) से पीडित है। इलाज के लिए हॉलिस्टिक एप्रोच अपनाने से ही मधुमेह (diabetes) नियंत्रित हो सकता है। विश्व भर में इस समय मधुमेह के 53.7 करोड़ मरीज हैं, जिनके 2030…
विदेशी नागरिक को उसके देश में जिस मर्ज के लिए ओपन हार्ट सर्जरी कराने की सलाह दी गई थी, दिल्ली के डॉक्टरों ने उसके हृदय रोग को रोबोटिक बायपास सर्जरी (robotic bypass surgery) कर ठीक कर दिया। इसतरह फिजी निवासी मरीज की जान बच गई। सर्जरी करने वाले डॉक्टरों का दावा है कि रोबोट तकनीक (robot technology) का सहारा लेकर पहली बार किसी मरीज की बायपास सर्जरी को अंजाम दिया गया है।
सर्जरी के बाद संक्रमण (infection after surgery) एक आम समस्या है। सर्जरी करने वाला विशेषज्ञ और मरीज दोनों अपनी तरफ से सतर्कता बरते तो सर्जरी के बाद संक्रमण को टाला जा सकता है। हाल ही में एक अध्ययन के दौरान जिन तथ्यों का खुलासा हुआ है, उससे न केवल पूरी दुनिया में सर्जरी के बाद मरीजों की संक्रमण से सुरक्षा (Protection of patients from infection after surgery) तय होगी बल्कि इससे
अगर आप भी खडे होकर पानी पीते हैं, (stand up and drink water) तो यह आदत तत्काल बदलने की कोशिश में जुट जाईए। विशेषज्ञों की माने तो खडे होकर पानी पीने से अर्थराइटिस का खतरा (risk of arthritis) ज्यादा बढ जाता है। अक्सर बडे-बुजुर्ग पानी बैठकर ही
टीवी कलाकार (Tv Artist) पारस कलनावत (paras kalnawat) एंकिलोजिंग स्पॉडिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) से पीडित हैं। यह जानकारी उन्होंने अपने हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए साझा की है। 26 वर्षीय टीवी कलाकार ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर
देश में वायु प्रदूषण (Air Pollution) स्वास्थ्य के लिए नई चुनौतियां पेश करने लगा है। वायु प्रदूषण का असर मानव मस्तिष्क पर हो रहा है। ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी दिमाग में कई तरह की परेशानियां पैदा कर रही है। इसका सबसे आम प्रभाव चिडचिडापन के रूप में सामने आ रहा है