हार्ट अटैक की वजह जानने के लिए 250 मरीजों पर की गई स्टडी
नई दिल्ली।टीम डिजिटल :
पिछले कुछ समय से हार्ट अटैक (heart attack) से मौत की कई ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जब बिना किसी पूर्व लक्षण के अचानक दिल का दौरा पडा और मरीज की मौके पर ही मौत हो गई। अभी हाल में ही कई नामचीन बॉलीवुड और टॉलीवुड एक्टरों की मौत भी इसी तरह के हार्ट अटैक से हो गई है। हाल ही में लाफ्टर किंग राजू श्रीवास्तव की भी मौत हार्ट अटैक के बाद हो गई।
ऐसे में सवाल यह उठाता है कि आखिर सबकुछ ठीक होने के बाद भी क्यों हार्ट अटैक (heart attack) से लोगों की मौत हो रही है। हैरानी की बात यह है कि इनमें युवा लोग भी शामिल हैं। कोरोना महामारी के बाद इस तरह की घटनाओं में बढोत्तरी हुई है। हाल ही में दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल (sir gangaram hospital) के विशेषज्ञों ने इस रहस्य को सुलझाने के लिए एक स्टडी (study) को अंजाम दिया है। जिसके नतीजे चौंकाने वाले साबित हुए हैं।
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सर गंगाराम अस्पताल (sir gangaram hospital) के कार्डियोलॉजी (cardiology) और रेडियोलॉजी (radiology) विभाग के विशेषज्ञों ने 250 मरीजों पर यह स्टडी की। इसे जर्नल ऑफ इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है। इस स्टडी में इस बात का उल्लेख है कि छोटे डायमीटर वाली आर्टरीज होने के चलते भारतीयों में हार्ट अटैक होता है, आमतौर पर भारतीयों में हार्ट अटैक को लेकर कुछ ऐसे ही अनुमान लगाए जाते हैं लेकिन इस स्टडी में आर्टरी का डायमीटर नहीं बल्कि छोटा बॉडी सर्फेस होने को ऐसे हार्ट अटैक की प्रमुख वजह बताई गई है।
कार्डियोलॉजी विभाग के चेयरपर्सन और लेखक डॉ. जेपीएस साहनी के मुताबिक, सर्वे शामिल मरीजों में से 51 प्रतिशत हाईपरटेंशन यानि उच्च रक्तचाप से पीडित पाए गए, 18 प्रतिशत में डायबिटीज पाई गई, 4 को प्रतिशत धुम्रपान या स्मोकिंग करने की आदत थी, 28 प्रतिशत मरीज डिस्लिपिडेमिक थे और 26 प्रतिशत मरीजों के परिवार में हृदय रोग की फैमिली हिस्ट्री थी।
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कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट और लेखक डॉ. अश्विनी मेहता के मुताबिक स्टडी में उजागर हुआ कि भारतीय और खासतौर पर एशियाई लोगों के बारे में यह अनुमान लगाया जाता है कि आर्टरी में फैट जमा होने के खतरे के पीछे कोरोनरी आर्टरी का डायमीटर छोटा होना एक बडी वजह है। जबकि इस स्टडी में यह साबित हो चुका है कि भारतीय लोगों का कोरोनरी आर्टरी डासमेंशन छोटा नहीं है बल्कि बॉडी सर्फेस एरिया छोटा है।
डॉ. भुवनेश कांडपाल के मुताबिक यह अध्ययन भारतीय आबादी में कोरोनरी आर्टरी के आकार का अनुमान लगाने के लिए की गई थी। स्टडी का उद्देश्य यह पता लगाना था कि भारतीय लोगों की आर्टरी का डामेंशन बाकी अन्य लोगों के डायमेंशन से कितना अलग होता है।
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