एफडीए से मिली मंजूरी
नई दिल्ली।टीम डिजिटल :
फाइब्रोमायल्गिया (fibromyalgia) से पीडित मरीजों को दर्द से राहत पाने के लिए अब एक अतिरिक्त विकल्प मिल गया है। इस नए विकल्प को एफडीए (FDA) से भी मंजूरी मिल गई है। यह विकल्प न तो कोई दवा है और न ही कोई स्वस्थ आहार बल्कि यह प्रकाश की स्पंदनशील किरण है। मल्टी रेडिएंस मेडिकल द्वारा विकसित यह एक लेज़र-आधारित चिकित्सा FibroLux, फाइब्रोमाइल्गिया के रोगियों के लिए दर्द प्रबंधन के मामले में मददगार साबित हो सकती है। यह खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) द्वारा अनुमोदित पहला तथाकथित “फोटोसेयूटिकल” उपकरण बताया जा रहा है।
क्या है fibromyalga :
फाइब्रोमायल्गिया (fibromyalgia) एक पुरानी रोग स्थिति (Choronic Disease) है, जिससे संपूर्ण शरीर की मांसपेशियों और जोडों में दर्द होता है। फाइब्रोमायल्गिया से पीडित लोग अक्सर दर्द के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। साथ ही उन्हें अत्यधिक थकान और स्मृति समस्याओं का अनुभव हो सकता है। यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। वैज्ञानिकों को अभी तक इसका कारण और उपचार नहीं पता है। इस रोग की भी प्रभावी उपचार की खोज जारी है। फाइब्रोमायल्गिया के लिए उपलब्ध दवाओं के जरिए सिर्फ इसे प्रबंधित किया जा सकता है।
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इन दवाओं से गंभीर दुष्प्रभाव का जोखिम भी बना रहता है। एलएटी, एटीसी, मल्टी रेडियंस मेडिकल में नैदानिक और वैज्ञानिक मामलों के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डगलस जॉनसन के मुताबिक यह एक ऐसी बीमारी है, जिसके मरीजों के पास ज्यादा विकल्प नहीं होते। रोग के लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए डॉक्टर व्यायाम करने, दवा लेने की ही सलाह देते हैं। जॉनसन ने कहा कि नई एफडीए अनुमोदित उपकरण बिना किसी दुष्प्रभाव के दर्द से तत्काल राहत दिलाने का बेहतर विकल्प बन सकती है। यह मरीजों के लिए एक नया विकल्प है।
बताया गया है कि कंपनी ने महज तीन सप्ताह के दौरान उपकरण की प्रभावशीलता का परीक्षण किया है। साथ ही यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि यह उपकरण दर्द से राहत दिलाने में कितना स्थाई परिणाम दे सकता है। उपकरण को घरेलू उपयोग या भौतिक चिकित्सा के लिए सुरक्षित माना जा रहा है। इसके जरिए प्रत्येक पेन प्वाइंट को थेरेपी प्रदान करने में केवल कुछ मिनट ही लगते हैं। बताया गया है कि एक चिकित्सा सत्र में मरीजों को थेरेपी देने में करीब चार से 36 मिनट के बीच लगने की संभावना है।
कैसे काम करता है फाइब्रोलक्स :
कंपनी ने इस उपकरण से संबंधित दो नैदानिक परीक्षण किए। सबसे बडे परीक्षणों के तहत 30 से 55 वर्ष की आयु की 90 महिलाओं को शामिल किया गया। इस परीक्षण के दौरान आधे मरीजों को सप्ताह में तीन बार, प्रत्येक उपचार के बीच दो दिनों के साथ, कुल नौ बार थेरेपी प्रदान किए गए। फाइब्रोमायल्गिया के रोगियों में 18 निविदा अंक तक हो सकते हैं। यह लेजर थेरेपी इन बिंदुओं को खासतौर से लक्षित करती है।
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नैदानिक परीक्षण के दौरान उपचाराधीन मरीजों में से 87% रोगियों में दर्द बिंदुओं की संख्या को 20% या उससे अधिक कम करने में सफलता मिली। अध्ययन के प्रतिभागियों में से पांच प्रतिशत ने हल्के साइड इफेक्ट का अनुभव किया। यह आंकडा प्लेसीबो समूह के आंकडों के लगभग बराबर पाया गया। इस थेरेपी का सबसे आम दुष्प्रभाव त्वचा पर दर्द और खुजली की समस्या के तौर पर उभरकर सामने आई है।
यह डिवाइस एक सेकंड के एक अरबवें हिस्से की गति से त्वचा में प्रकाश की चमक को नष्ट करने में सक्षम है। बताया गया है कि चोट लगने के बाद, दर्द प्रतिक्रिया को कम करने में मदद करने के लिए नाइट्रिक ऑक्साइड कोशिकाओं में विकसित हो सकता है। इसके अलावा कई बार यह कोशिकाओं को बाधित भी कर सकता है। जिससे ऊर्जा पैदा करने में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
तथाकथित “सुपर स्पंदित लेजर मल्टी-वेवलेंथ एमिटर त्वचा में प्रवेश करने में सक्षम है और नाइट्रिक ऑक्साइड को कोशिकाओं से बाहर निकालने में भी यह बेहतर कार्य करता है। ऐसा करने से उपचार की प्रक्रिया में तेजी आती है और ऊतकों को रिजेनरेट करने में मदद मिलती है। ऐसा होने से दर्द और सूजन की समस्याओं में राहत मिलती है।
कई अन्य बीमारियों में भी कर सकते हैं उपयोग :
इस तकनीक का इस्तेमाल मांसपेशियों के दर्द के इलाज के उद्देश्य से अन्य उपकरणों में भी किया गया है। यह घुटने के क्रॉनिक ऑस्टियोआर्थराइटिस, लूम्बर पेन, क्रॉनिक सर्वाइकल पेन और कंधे के दर्द की समस्या का सामना कर रहे लोग भी कर सकते हैं।
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एक्सरसाइज के साथ उपकरण का इस्तेमाल करने से मिलेगा फायदा :
डॉक्टर अक्सर फाइब्रोमाल्जिया रोगियों को ज्यादा से ज्यादा व्यायाम करने के लिए परामर्श देते हैं। डलास में बोर्ड-प्रमाणित इंटर्निस्ट और रुमेटोलॉजिस्ट, एमडी, स्कॉट जैशिन के मुताबिक सप्ताह में तीन बार पांच मिनट की मूवमेंट भी इस बीमारी के लक्षणों से राहत देने में सहायक साबित हो सकती है। एरोबिक व्यायाम एंडोर्फिन की मात्रा को बढ़ाता है, नींद में सुधार करता है।
कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि एरोबिक व्यायाम करने से फाइब्रोमायल्गिया के मरीज को काफी राहत मिल सकती है। यह भी एक सच्चाई है कि कुछ मरीज बहुत ज्यादा दर्द से पीडित होते हैं और वे व्यायाम करने में समर्थ नहीं होते। मांसपेशियों की रिकवरी में सहायता मिलने से मरीज व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।
उपकरण की कीमत :
जॉनसन के अनुमान के मुताबिक उपकरण की कीमत 2,000 डॉलर से 3,000 डॉलर तक हो सकती है। यूएस में इस उपकरण को मल्टी रेडियंस मेडिकल बीमा कवरेज के दायरे में लाने का भी प्रयास किया जा रहा है। ताकि, मरीजों को फिजियोथेरेपी से संबंधित लाभ इस उपकरण के इस्तेमाल से दिया जा सके। लेजर थेरेपी फार्माकोलॉजिकल दवाओं के पूरक या उन रोगियों के प्रतिस्थापन के रूप में काम करेगी, जो उन दवाओं के प्रभाव को झेल नहीं पाते।
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