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टीबी मुक्त राष्ट्र बनाने के लिए राज्यपाल और उपराज्यपाल बनेंगे ‘निक्षय दूत’

नई दिल्ली : टीबी मुक्त राष्ट्र के सपने को साकार करने के लिए सरकार निक्षय दूतों की सहायता लेगी। जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार टीबी मुक्त भारत की दिशा में बडा ऐलान कर सकती है। सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के राज्यपालों और उपराज्यपालों को महत्वपूर्ण भूमिका देने का निर्णय किया है। जल्द ही पीएम इस मामले में राज्यपालों और उपराज्यपालों के साथ बैठक करने के बाद उन्हें इस बाबत जिम्मेदारी सौंपेंगे। देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए राज्यपाल और उपराज्यपालों को निक्षय दूत बनाया जाएगा।

यहां बता दें कि उत्तर प्रदेश की उपराज्यपाल आनंदी बेन पटेल जब मध्यप्रदेश की राज्यपाल थीं, तब उन्होंने इस योजना पर काम करना शुरू किया था। उन्होंने उत्तर प्रदेश में भी अपनी इस योजना के तहत टीबी मरीजों को न केवल खुद गोद लिया बल्कि अन्य स्वयंसेवी संस्थानों को भी इसके लिए प्रेरित किया। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस योजना को देशभर में लागू करने का निर्णय लिया है।

देश के कई हिस्सों में टीबी से पीड़ित मरीजों को संतुलित आहार मिलना बडी चुनौती साबित हो रही है। सरकार इन्हें इसके लिए हर महीने 500 रुपए की मदद भी देती है लेकिन यह मरीजों के लिए नाकाफी साबित हो रहा है। यही कारण है कि मध्य प्रदेश की राज्यपाल रहते हुए आनंदी बेन पटेल ने इस मुहीम को शुरू किया था। उन्होंने टीबी उन्मूलन अभियान में सहयोग देने के लिए भोपाल के 5 बच्चों को टीबी के उपचार के लिए गोद लिया था। इसके आलावा राज्य के सभी यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों से 20-20 टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लेने की अपील भी की थी। इस पहल के बाद मध्य प्रदेश की विभिन्न संस्थाओं ने 1200 टीबी पीडित बच्चों को गोद लिया था।

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राज्यपालों और उपराज्यपालों की होगी भूमिका तय :

मोदी सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त राष्ट्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अब सामुदायिक स्तर पर क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम आयोजित कर जनभागीदारी बढ़ाना चाहता है। स्वास्थ्य मंत्रालय की पहल पर पूरे देश में ‘निक्षय मित्र’ कार्यक्रम चलाए जा सकेंगे। ताकि तय लक्ष्य को समय से साधा जा सकेे।

निक्षय मित्र टीबी पडितों का रखेंगे विशेष ख्याल :

निक्षय मित्र की भूमिका में लोग टीबी मरीजों को पोषण, निदान और रोजगार के स्तर पर मदद करेंगे। निक्षय मित्र अभियान के साथ कॉरपोरेट्स, जनप्रतिनिधि, सभी राजनीतिक दल, गैरसरकारी संगठन, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम और आम देशवासी भी शामिल होकर ऐसे मरीजों की मदद और देखभाल में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

टीबी पीडितों को मिलेगा पोषण किट :

स्वास्थ्य मंत्रालय ने निक्षय मित्र अभियान के जरिए टीबी से पीडित मरीजों को पर्याप्त पोषण देने के उद्देश्य से पोषण किट उपलब्ध करवाएगा। इस अभियान के तहत यह तय किया गया है कि निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्था कम से कम एक वर्ष के लिए किसी ब्लॉक, वार्ड या जिले के टीबी रोगियों को गोद लेगी। निक्षय मित्र ऐसे मरीजों को भोजन, पोषण, आजीविका के स्तर पर जरूरी मदद उपलब्ध कराएंगे।


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