डेंगू के इस खतरनाक स्ट्रेन से बच के रहना, पहुंचा सकता है अस्पताल
By : caasindia.in
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क्या आप जानते हैं?
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डेंगू वायरस के चार प्रकार होते हैं
डेंगू वायरस के चार प्रकार होते हैं
टाइप-1, टाइप-2, टाइप-3 और टाइप-4,
अभी तक ज्यादातर लोगों को टाइप-1 डेंगू ही होते थे। जो ज्यादा खतरनाक नहीं होते थे।
जिनोम सिक्वेंसिंग में इस बार पाया गया है कि इस बार डेंगू का टाइप -2 स्ट्रेन सक्रिय है।
डेंगू का टाइप-2 स्ट्रेन खतरनाक होता है।
इससे पीडित मरीज की रक्त धमनियों में लीकेज हो जाता है और ब्लड टिश्यू में चला जाता है।
इससे शरीर में प्लेटलेट्स की कमी होने लगती है। टाइप-2 स्ट्रेन से प्रभावित मरीज में प्लेटलेट्स से अधिक प्लाजमा का रोल होता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि दोबारा किसी को डेंगू हो जाए तो मरीज और उनके परिजनों को सतर्क हो जाना चाहिए।
दोबारा डेंगू बुखार होना खतरनाक और जानलेवा भी साबित हो सकता है।
डेंगू बुखार दोबारा होने पर वह टाइप-2, टाइप-3 और टाइप-4 स्ट्रेन का हो सकता है।
दोबारा डेंगू हो तो तत्काल डॉक्टर से दिखाएं। इस दौरान खुद से किसी भी दवा का सेवन न करें।
देश की राजधानी दिल्ली में डेंगू का टाइप-2 स्ट्रेन ही चिंता का विषय बना हुआ है। जिनोम सिक्वेंसिंग किए गए 20 में से 19 नमूनों में डेंगू का टाइप-2 स्ट्रेन पाया गया है।