हेल्थ रिपोर्ट 2022 : हेल्थ के मामले में दुनिया में किस तरह की रही हलचल
बूस्टर डोज के तौर पर लगेगी नेजल वैक्सीन
नई दिल्ली। टीम डिजिटल : देश में नेजल वैक्सीन (Nasal vaccine) को मंजूरी मिल चुकी है और अब इसे कोविन ऐप से भी लिंक कर दिया गया है। फिलहाल नेजल वैक्सीन को प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध कराया गया है। इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद इसके उपयोग को लेकर लो्गों के मन में कई तरह की जिज्ञासा है। हम यहां नेजल वैक्सीन के बारे में हर संभव जानकारी विस्तार से देने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या है नेजल वैक्सीन
यह दुनिया की पहली वैक्सीन है, जिसे नाक के जरिए लगाया जाएगा। वैक्सीन का निर्माण भारत बायोटेक और अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी ने मिलकर किया है। शुरूआत में इसे BBV154 नाम दिया गया था, अब इसका नाम iNCOVACC रखा गया है। भारत के ड्रग रेगुलेटर ने इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी 6 दिसंबर को दी थी।
कहां उपलब्ध होगी नेजल वैैक्सीन
इस समय इस वैक्सीन को केवल निजी अस्पतालों में लगाने की इजाजत दी गई है। सरकारी अस्पतालों और केंद्रों में फिलहाल यह वैक्सीन उपलब्ध नहीं होगी। इस वैैक्सीन के लिए शुल्क चुकाने होंगे। वैैक्सीन के लिए कितना शुल्क लगेगा, इसका खुलासा अभी तक नहीं किया गया है।
इस तरह लगवा सकेंगे वैैक्सीन
अगर अभी तक आपने बूस्टर डोज नहीं लिया है, तो आप नेजल वैक्सीन लगवा सकेंगे। नेजल वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके लिए आप कोविन पोर्टल https://www.cowin.gov.in/ पर जाकर रजिट्रेशन करवा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद वैक्सीन विकल्प में iNCOVACC को चुना जा सकता है।
कौन लगवा सकता है यह वैैक्सीन
18 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोग इस वैक्सीन को लगवा सकते हैं। यह वैक्सीन 12 से 17 साल के बच्चों को नहीं लगाई जा सकेगी। जो लोग पहले दो डोज लगवा चुके हैं, उन्हीं लोगों को यह वैक्सीन बूस्टर डोज के तौर पर दिया जाएगा। जिन्होंने कोविड वैैक्सीन का एक या एक भी डोज नहीं लगवाया है, उन्हें यह नेजल वैक्सीन नहीं दिया जा सकेगा।
किस तरह से दी जाएगी वैक्सीन की डोज
भारत बायोटेक की iNCOVACC वैक्सीन को नाक के जरिए दी जाएगी। इसके डोज को इंजेक्ट नहीं किया जाएगा बल्कि ड्रॉप के जरिए दवा को नाक में डाली जाएगी। कंपनी के अनुसार इसके दो डोज निर्धारित किए गए हैं। प्रत्येक डोज में 4-4 बूंद नाक के जरिए दिया जाएगा। दोनों डोज के बीच चार हफ्ते का अंतर होगा।
पहले ली गई वैक्सीन के साथ भी क्या ले सकेंगे नेजल वैक्सीन
भारत बायोटेक की iNCOVACC का इस्तेमाल Hetrologous Booster के तौर पर की जाएगी। ऐसे में किसी दूसरे वैक्सीन के साथ भी इसका डोज लिया जा सकता है। पहले दो डोज अगर किसी और वैक्सीन का लगाया गया है, तब भी नेजल वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर लिया जा सकता है।
दूसरे वैक्सीन से अलग कैसे
अन्य वैक्सीन इंट्रावैस्कुलर होते हैं। इन्हें बांह की मसल्स में दिया जाता है। जिससे संक्रमण से फेफडे की रक्षा होती है। यह वैक्सीन नाक के जरिए दी जाती है और यह नाक के अंदर ही इम्यूनिटी विकसित कर देती है और वायरस को शरीर के अंदर प्रवेश नहीं करने देती है।
कितना सुरक्षित है नेजल वैक्सीन
इस वैक्सीन के तीन चरणों में ट्रायल किए गए हैं। ट्रायल के नतीजों में इस वैक्सीन को सुरक्षित और असरदार पाया गया है। पहले फेज के ट्रायल में कंपनी ने 175 और दूसरे में 200 लोगों को शामिल किया था। वहीं तीसरे फेज का ट्रायल दो तरीके से किया गया था। तीसरे फेज के पहले ट्रायल में 3100 लोगों को शामिल किया गया था। इन्हें वैक्सीन की दो डोज दी गई थी। वहीं इसकी दूसरी ट्रायल में 875 लोगों के शामिल किया गया था। इन्हें वैैक्सीन का खुराक बूस्टर डोज के तौर पर दिया गया था। कंपनी ने यह दावा किया है कि कोरोना के खिलाफ नेजल वैक्सीन असरदार साबित हुई है। इस वैक्सीन से लोगों के रेस्पिरेटरी सिस्टम में बेहतर इम्यूनिटी बनी, जिससे संक्रमण लगने और इसके फैलने का खतरा कम हो जाता है।
कैसे रक्षा करती है यह वैक्सीन
अधिकतर वायरस म्युकोसा के जरिए शरीर में दाखिल होते हैं। कोरोना वायरस भी इसी तरह से शरीर में प्रवेश करता है। म्यूकोसा नाक, फेफडा और पाचन तंत्र में पाए जाने वाला एक चिपचिपा पदार्थ होता है। नेजल वैक्सीन सीधे म्युकोसा में ही कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी प्रतिक्रिया पैदा कर देती है। मस्कुलर वैक्सीन ऐसा नहीं कर पाती है। ज्यादातर विशेषज्ञ इसे अन्य वैक्सीन के मुकाबले बेहतर बता रहे हैं।
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