Virus Eaters : पहली बार हुई है वायरस खाने वाले जीव की खोज
नई दिल्ली। टीम डिजिटल : क्या दुनिया से मिट जाएंगे वायरस: वैज्ञानिकों ने वायरस खाने वाले जीव (virus eaters) को खोजा- वैज्ञानिकों ने virus eaters को ढूंढ निकाला है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब वायरस खाने वाले किसी जीव की खोज की गई है। विशेषज्ञ इस खोज को बेहद महत्वपूर्ण बता रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वर्तमान समय में वायरस ही इंसानी वजूद और जीवन के लिए चुनौती बन गया है। इस खोज के जरिए एक आशा जगी है कि दुनिया के कई घातक वायरस को खत्म करने के रास्ते मिलेंगे। इस अध्ययन को हाल में शोध पत्रिका PNAS ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है।
सैंकडों गुना तेजी से करता है वायरस का खात्मा
विशेषज्ञों के मुताबिक यह जीव वायरस को खाकर (Virus Eaters) अपनी आबादी 15 गुणा तेजी से बढाता है और वायरसों की संख्या को सैंकडो गुना तेजी से कम करता है। इस जीव की खोज अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का-लिंकन के विशेषज्ञों ने की है। यह एक प्रकार का प्लैंकटॉन (Plankton) है, जो साफ पानी में पाया जाता है। वैसे तो जरूरत पडने पर वायरस खाने वाले अन्य जीव भी हैं लेकिन इस जीव की विशेषता यह है कि यह सिर्फ वायरस को ही खाता है।
अन्य भोजन के साथ वायरस को खाने वाले जीवों (Virus Eaters 🙂 को वैज्ञानिक वीरोवोरी (Virovory) कहते हैं लेकिन सिर्फ वायरस को खाने वाले इस एकमात्र जीव को वैज्ञानिकों ने हाल्टेरिया (Halteria) नाम दिया है। यह अपने बाल नुमा सूढ को पानी में इधर-उधर धुमाता रहता है और जैसे ही वायरस की भनक लगती है, उसे झट से चट कर जाता है। इसकी यह सूंढ बाल जैसी पतली होती है।
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लैब में क्लोरोवायरस को चट कर गया हाल्टेरिया
लैब में प्रयोग के तौर पर हाल्टेरिया (halteria) के सामने क्लेरोवायरस (Chlorovirus) को रखा गया और इसने इसे झट से अपना आहार बना लिया। क्लेरोवायरस एक ज्वायंट वायरस है, जो बैक्टीरिया के आकार का होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसी वायरस को आहार बनाकर हाल्टेरिया ने दुनियाभर में अपनी आबादी साफ पानी में विकसित कर ली है।
वायरस खाने के बाद करता है अपने ही शरीर के टुकडे
हाल्टेरिया (Virus Eaters) क्लेरोवायरस को खाने के बाद अपने ही शरीर के कई टुकडे कर देता है और अपने जैसे नए हाल्टेरिया को जन्म देता है। इस अनोखे जीव की खोज करने वाले विशेषज्ञ जॉन डिलॉन्ग के मुताबिक यह जीव बडी मात्रा में कार्बन साइकिलिंग को भी अंजाम देता है। वायरस खाकर यह ऊर्जा उत्पन्न करता है, जो कार्बन साइकिलिंग की प्रक्रिया में मददगार साबित हो रही है।
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जीव वायरस क्यों खाता है यह है अबुझ पहेली
जॉन के मुताबिक काई भी जीव (Virus Eaters) वायरस को अपना आहार क्यों बनाता है, यह अभी एक पहेली है, जिसे सुलझाया जाना अभी बांकी है। एक वायरस के अंदर आमीनो एसिड, न्यूकिलक एसिड, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और लिपिड्स की भारी मात्रा पाई जाती है। वायरस इस जीव के लिए संपूर्ण भोजन है, यह पता लगाने के लिए वैज्ञानिक ने लैब के अंदर एक कन्टेनर में तालाब का पानी इकट्ठा किया और उसमें क्लोरोवायरस को डाल दिया।
इस पानी में पहले से ही हाल्टेरिया और पैरामिसियम मौजूद थे। पानी में मौजूद पैरामिसियम ने क्लोरोवायरस को अपना आहार बनाया लेकिन उसकी आबादी में बढोत्तरी नहीं हुई। इसके ठीक उलट हाल्टेरिया ने क्लोरोवायरस को खाने के साथ अपनी आबादी भी बढानी शुरू कर दी।
यह प्रक्रिया दो दिनों तक चलती रही। इस बीच हाल्टेरिया ने अपनी आबादी 15 गुना अधिक बढा ली। दूसरी ओर वायरस की आबादी सैंकडों गुना कम हो चुकी थी। वैज्ञानिक जॉन के मुताबिक यह हैरान करने वाला वाकिया था। वे इसे एक बडी खोज करार देते हुए कहते हैं, कि इस मामले में अभी और अध्ययन करने की जरूरत है। यह पता करना जरूरी है कि क्या यह प्रक्रिया जंगल में भी चल रही है।
Virus Eaters : दुनिया से मिट जाएंगे वायरस, वायरस खाने वाले जीव को खोजा
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