HIV और एड्स में है भारी अंतर और लक्षण भी हैं अलग
नई दिल्ली। टीम डिजिटल :
एचआईवी (HIV) और एड्स (AIDS) इन दोनोें को लोग एक ही बीमारी मानते हैं लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। दोनों में काफी अंतर है। एक समय ऐसा था, जब इसका नाम सुनकर ही लोगों में खौफ पैदा हो जाता था लेकिन चिकित्सकीय विज्ञान के विकास के साथ अब इस महामारी जैसी बीमारी को बेहतर प्रबंधन और आधुनिक दवाओं की बदौलत इसे काफी हदतक नियंत्रित करने की सहुलियत मिल गई है। हम यहां दोनों ही नामों के बीच के अंतर को स्पष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
नाम ही नहीं लक्षण भी हैं अलग
यह बात अलग है कि एचआईवी (HIV) और एड्स (AIDS) दोनों की चर्चा एक ही साथ होती है क्योंकि दोनों के बीच करीबी मामला है लेकिन चिकित्सा विज्ञान के मुताबिक एचआईवी और एड्स दोनों अलग विषय हैं। इन दोनों के बीच सबसे बडा फर्क है कि एचआईवी वायरस का नाम है। जबकि, एड्स एक बीमारी है। एड्स के कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पूरी तरह तबाह हो जाती है। एचआईवी का पूरा नाम ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस है और एड्स का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम है। दोनों के बीच अंतर अब स्पष्ट है। एचआईवी एक वायरस है और एड्स एक सिंड्रोम यानि बीमारी है।
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एड्स (Aids) क्या है?
विशेषज्ञों के मुताबिक जब कोई व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित हो जाए और समय पर उसे उपचार नहीं दिया गया हो, तो आगे चलकर संक्रमित व्यक्ति एड्स से पीडित हो जाता है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उन्हें एड्स होने का जोखिम मजबूत इम्यून वाले व्यक्ति के मुकाबले अधिक होता है। शरीर में जैसे-जैसे एचआईवी (वायरस) की संख्या बढती है, हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है। ऐसे में वायरस से संक्रमित व्यक्ति के लिए सामान्य बीमारियां भी मौत की वजह बन सकती है। दुर्भाग्य से कई दशक बीत जाने के बाद भी एड्स एक लाइलाज बीमारी के रूप में इंसानी जिंदगी के लिए खतरा बना हुआ है। जबकि, दूसरी ओर समय रहते एचआईवी का उपचार मिल जाए तो वायरस से संक्रमित व्यक्ति सामान्य जीवन बिता सकता है।
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एचआईवी (HIV) क्या है?
विशेषज्ञों के मुताबिक एचआईवी (वायरस) इम्यून सिस्टम को इस हदतक कमजोर कर देता है कि सर्दी-जुकाम जैसी सामान्य बीमारी से भी संक्रमित व्यक्ति बुरी तरह प्रभावित हो जाता है। एचआईवी संक्रमण की वजह से शरीर के टी सेल्स (टी लिम्फोसाइट) नष्ट होने लगते हैं। यह एक तरह का ल्यूकोसाइट (व्हाइट ब्लड सेल) है, जो इम्यून सिस्टम का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सेल्स संक्रमण को नष्ट करने में मदद करते हैं। यह सेल्स संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट करने के बाद नए इम्यून सेल्स को सक्रिय करने में खास भूमिका निभाता है।
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इस तरह नहीं फैलता है एचआईवी
- संक्रमित व्यक्ति के साथ हाथ मिलाने से
- मच्छर या कीड़े के काटने से
- हवा और पानी के जरिए
- सलाइवा, आंसू या फिर पसीने के जरिए
- टॉयलेट शेयर करने से
- साथ बैठकर खाने-पीने से
एचआईवी के लक्षण (Symptoms of HIV)
- वजन कम होना
- अत्यधिक थकान महसूस होना
- जोड़ों में दर्द और सूजन
- मांसपेशियों में खिंचाव
- सिर दर्द
- गले में खराश
- बार-बार बीमार पड़ना
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इस तरह फैल सकता है एचआईवी
- असुरक्षित और अप्राकृतिक यौन संपर्क
- असुरक्षित खून चढाने से
- संक्रमित निडल्स से इंजेक्ट करने से
- संक्रमित माता से बच्चे में
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