World Diabetes Day : हॉलिस्टिक एप्रोच अपनाने से नियंत्रित होगा मधुमेह
नई दिल्ली। डॉ. आरपी पाराशर :
इस समय देश में वयस्क आबादी का हर छठा व्यक्ति मधुमेह (डायबिटीज) से पीडित है। इलाज के लिए हॉलिस्टिक एप्रोच अपनाने से ही मधुमेह (diabetes) नियंत्रित हो सकता है। विश्व भर में इस समय मधुमेह के 53.7 करोड़ मरीज हैं, जिनके 2030
तक बढ़कर 64.3 करोड़ तथा 2045 तक 78.5 करोड़ होने का अनुमान इंटरनेशनल डायबिटिक फेडरेशन ने बताया है। देश में इस समय मधुमेह के लगभग आठ करोड़ मरीज हैं जिनके 2045 तक 13.4 करोड़ होने की आशंका फेडरेशन ने जताई है। चिंता की बात यह है कि बच्चे और किशोर भी तेजी से अब इस रोग की गिरफ्त में आ रहे हैं।
कोरोना ने बढाया मधुमेह रोगियों की संख्या :
कोरोना संक्रमण ने देश में मधुमेह (डायबिटीज) रोगियों की संख्या में काफी इजाफा किया है क्योंकि कोरोना संक्रमित हर चौथा मरीज मधुमेह का भी शिकार हो गया है। मधुमेह के रोगी का ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित न होने के कारण हृदय रोगियों व किडनी के रोगियों की जटिलताएं बढ रही हैं और ऐसे रोगियों में मृत्यु दर काफी अधिक है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में इस समय वातावरण गंभीर रूप से प्रदूषित है, जिसके चलते मधुमेह के रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ठंडक बढ़ने के साथ ही मधुमेह के रोगियों में निमोनिया होने का खतरा बढ़ रहा है, जो थोड़ी सी लापरवाही से ही घातक सिद्ध हो सकता है।
आहार पर दीजिए ध्यान :
शारीरिक सक्रियता और मानसिक शांति के साथ साथ प्रोसैस्ड फूड, जंक फूड और फास्ट फूड का परित्याग मधुमेह से बचाव के लिए अत्यंत आवश्यक है। भावी पीढ़ी को मधुमेह (डायबिटीज) से बचाने के लिए स्कूली बच्चों को घर से ताजे भोजन का टिफिन दिया जाए क्योंकि स्कूलों की कैंटीन में मिलने वाले भोजन में अत्यधिक मात्रा में सैचुरेटेड फैट्स और हानिकारक रसायन होते हैं जो मोटापे और मधुमेह के अलावा अन्य अनेक रोगों की उत्पत्ति का कारण बनते हैं।
भोजन की गुणवत्ता की जांच के लिए बने सख्त कानून :
डिब्बाबंद फूड, रेडी टू ईट फूड, जंक फूड, फास्ट फूड व प्रोसैस्ड फूड के अलावा रेस्टोरेंट तथा होटल में बनने वाले भोजन में तेल, घी और विभिन्न रसायनों की मात्रा तय की जाए, साथ ही इनकी क्वालिटी की जांच के लिए सख्त कानून बनाए जाएं। स्कूल कैंटीन में जंक फूड व फास्ट फूड पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ सभी स्कूलों में शारीरिक स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे का समय निश्चित किया जाए जिसमें व्यायाम, योग और तनाव मुक्ति थेरेपी की प्रैक्टिस कराई जाए।
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विभिन्न सर्वेक्षणों में यह बात सामने आई है कि दिल्ली के स्कूलों के 40% से अधिक बच्चे मोटापे के शिकार हैं जिनमें डायबिटीज होने का खतरा सर्वाधिक है। स्कूल कैंटीन में जंक फूड खाने के अलावा बच्चे दिन भर में कुरकुरे, चिप्स, समोसा वगैरह का सेवन भी करते हैं जिनके बनाने में ट्रांस फैट का प्रयोग होता है जिससे शरीर में फैट, ग्लूकोस और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है जो डायबिटीज की उत्पत्ति के प्रमुख कारण हैं।
ऐसे करें बचाव :
मधुमेह (डायबिटीज) से बचाव और इलाज के लिए गेहूं के साथ चने, ज्वार, जौ, ज्वार, जई और दालों से बने आटे का प्रयोग करें, सब्जियों में घिया, तोरी, टिंडा, पालक, परवल, खीरा, ककड़ी और करेले का प्रयोग नियमित रूप से करें। अमरूद, जामुन, पपीते जैसे फलों का प्रयोग भी डायबिटीज में लाभकारी होता है। अंकुरित दालों और अनाज का प्रयोग भी शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करता है।
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स्वस्थ भोजन के प्रयोग से न केवल मधुमेह की उत्पत्ति को रोका जा सकता है बल्कि मधुमेह के कारण होने वाले अल्सर, किडनी, आंखों, कानों, हृदय रोगों, अल्जाइमर्स, रेटिनोपैथी, आदि रोगों से भी बचा जा सकता है। नियमित रूप से व्यायाम, योग और मेडिटेशन की प्रैक्टिस के अलावा धूम्रपान व शराब का त्याग और तनाव मुक्त व प्रसन्न जीवन डायबिटीज से बचाव और इलाज दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
नीम, करेला, गुड़मार, विजयसार, सदाबहार, इमली, पनीरडोडा, सप्तरंगी आदि औषधियों को यदि शरीर का बल और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली कुटकी, कालमेघ, तुलसी, भुंईआंवला,भृंगराज, गिलोय, त्रिफला, शिलाजीत आदिर औषधियों के साथ सेवन किया जाए तो डायबिटीज का प्रभावी नियंत्रण आसानी से हो सकता है।
मधुमेह से बचाव और इलाज के अन्य महत्वपूर्ण उपाय:
1- आटा चक्की में पिसवाएं जिसमें 5 किलो गेंहूँ के अलावा एक एक किलो चना, जौ, ज्वार, मक्का या बाजरा ऋतु के अनुसार मिलवायें। यह आटा मोटा पिसा हुआ और चोकर वाला हो।
2. ऋतु के अनुसार सूप व छाछ का नियमित रूप से प्रयोग करें।
3. कच्ची हरी भिंडी को सलाद के रूप में नित्य खायें । मौसमी सब्जियों के सलाद का सेवन अवश्य करें।
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4. हरे व खट्टे रसों वाले फ़ल खाएं।
5. कसैले व कड़वे रस की सब्जी करेला इत्यादि खाएं
6. आंवले, पुदीने व मरूए की चटनी खाऐ।
7. सुबह खाली पेट गर्म गुनगुना पानी नीम्बू के साथ पिये
8. अनार का जूस मधुमेह रोगियों के लिए अधिक फायदेमंद है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पॉलीफेनोल्स से भरपूर होता है।
9. सुबह खाली पेट जामुन वृक्ष की तीन से चार कोमल पत्तियां नित्य खाएं।
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