कोरोनरी एंजियोग्राफी में 41% पुरुषों और 23% महिलाओं में मिली असामान्यता
नई दिल्ली| टीम डिजिटल : इस वर्ष वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart day) की थीम ‘हर दिल के लिए करें दिल का इस्तेमाल’ रखा गया है। इस थीम का उद्देश्य कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (CVD) (हृदय से संबंधित रोगों) पर फोकस करना है। कार्डियोवैस्कुलर से जुड़ी सेहत के महत्व पर लोगों का ध्यान खींचने के लिए, इंडस हेल्थ प्लस ने स्वास्थ्य की जांच के आधार पर हृदय के स्वास्थ्य से सम्बंधित रुझानों का अवलोकन किया है।
अप्रैल 2021 से लेकर मार्च 2022 की अवधि में की गई स्वास्थ्य जांच के अवलोकन से यह स्पष्ट पता चलता है कि 2D इको जांच में शामिल लोगों में से 27% लोग रोग की शुरुआत की दहलीज पर है। वहीं, हृदय की कोरोनरी एंजियोग्राफी में 5% महिलाओं और 8% पुरुषों में असमान्यता पाई गई। इस अध्ययन में 9000 लोगों की जांच की गई थी।
स्वास्थ्य जांच के डेटा के विषय में इंडस हेल्थ प्लस के जेएमडी और प्रिवेंटिव हेल्थकेयर विशेषज्ञ, अमोल नाईकावाडी ने कहा कि, “हार्ट फेलियर या हृदय से सम्बंधित बीमारियां पैदा करने वाले जोखिम घटकों को दूर करने के लिए निवारण (प्रिवेंशन) सबसे प्रभावकारी और कुशल उपाय है। ऐसे अनेक चिकित्सीय सबूत हैं जिनसे प्रमाणित होता है कि ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, और कोरोनरी आर्टरी डिजीज (हृदय धमनी रोग) जैसे जोखिम के घटकों को कम किया या रोका जा सकता है। इसके लिए स्वास्थ्यकर वजन और आहार का पालन करने तथा जीवनशैली से जुड़ी कुछ आदतों में बदलाव करने की ज़रुरत है।
अगर किसी व्यक्ति को पहले ही से एक या अधिक जोखिम है, तो उसे ब्लड प्रेशर या ब्लड शुगर और कोरोनरी आर्टरी डिजीज पर सख्त नियंत्रण से हृदय की बीमारियों की शुरुआत को रोकने या विलंबित करने में मदद मिल सकती है। यहां तक कि वजन में हल्की कमी और हृदय-श्वसन तंदुरुस्ती में वृद्धि से भी हृदय की सेहत में काफी सुधार हो सकता है। इसके अलावा, आनुवंशिक परीक्षण से भी सीवीडी का आनुवंशिक खतरे का पता लगाने और उसके अनुसार लोगों को अपनी जीवनशैली में बदलाव करने में काफी मदद मिल सकती है।”
इसके अतिरिक्त, डेटा रिपोर्ट बताते हैं कि 36% पुरुष और 42% महिलाओं में हानिकारक कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल की असमान्यता, 17% पुरुषों और 10% महिलाओं में असामान्य ट्राईग्लिसराइड्स, और जांचे गए लोगों में से 27% में 2-डी इकोकार्डियोग्राफी में बीमारी शुरू होने की सीमा-रेखा के संकेत पाए गए। रिपोर्ट के नतीजे पूरे देश में रोग की शीघ्र पहचान और जीवनशैली में बदलाव की ज़रुरत बताते हैं।
आंकडों में रिपोर्ट :
टोटल कोलेस्ट्रॉल
अवस्था महिला पुरुष कुल योग
सामान्य 69% 76% 73%
सीमा-रेखा 22% 18% 20%
असामान्य 9% 5% 7%
कुल योग 100% 100% 100%
एलडीएल
अवस्था महिला पुरुष कुल योग
सामान्य 27% 32% 30%
सीमा-रेखा 31% 33% 32%
असामान्य 42% 36% 38%
कुल योग 100% 100% 100%
ट्राईग्लिसराइड
अवस्था महिला पुरुष कुल योग
सामान्य 74% 65% 69%
सीमा-रेखा 16% 17% 17%
असामान्य 10% 17% 14%
कुल योग 100% 100% 100%
सीटी एंजियोग्राफी
अवस्था महिला पुरुष कुल योग
सामान्य 75% 54% 63%
सीमा-रेखा 13% 19% 17%
असामान्य 9% 16% 13%
तत्काल 3% 10% 7%
कुल योग 100% 100% 100%
2D इको कार्डियोग्राफी
अवस्था महिला पुरुष कुल योग
सामान्य 68% 65% 66%
सीमा-रेखा 27% 27% 27%
असामान्य 4% 6% 5%
तत्काल 1% 2% 1%
कुल योग 100% 100% 100%
इंडस हेल्थ प्लस के जेनेटिक डेटा दर्शाते हैं कि कार्डियोवैस्कुलर रोगों के मामले में 7000 लोगों में से 1500 में सीवीडी का और 1400 लोगों में हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप का उच्च जोखिम पाया गया। 23% लोगों में मोटापा के उच्चतर आनुवांशिक लक्षण पाए गए जो आगे चल कर हृदय की खराबी का कारण बन सकते हैं।
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