Friday, November 22, 2024
HomeLatest Researchदिल्ली में वायु प्रदूषण एचआईवी-एड्स से भी अधिक मारक

दिल्ली में वायु प्रदूषण एचआईवी-एड्स से भी अधिक मारक

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर एक ताजा अध्ययन में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। देश की राजधानी में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को एचआईवी-एड्स की तुलना में कहीं अधिक घातक और उम्र कम करने वाला करार दिया गया है।


नई दिल्ली : दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति पर हालिया अध्ययन ने चिंता बढा दी है। वायु प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य के लिए कितना घातक साबित हो सकता है, इस रिपोर्ट में सामने आया है। यह अध्ययन शिकागो विश्वविद्यालय में ऊर्जा नीति संस्थान (ईपीआईसी) ने किया है। विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण को भारत में मानव स्वास्थ्य के लिए बडी चुनौती और खतरा बताया है।

इसे भी पढें :दिल्ली : कोरोना नियंत्रण के मामले में उपराज्यपाल ने अधिकारियों को सतर्क रहने के दिए निर्देश

चौंकाने वाला खुलासा यह भी किया गया है कि देश में मौजूद वायु प्रदूषण का खतरनाक स्तर लोगों की उम्र में करीब पांच साल तक कम करने के लिए काफी है। अगर वार्षिक औसत प्रदूषण का स्तर 5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं हुआ तो देश के सबसे प्रदूषित राज्य दिल्ली में लोगों की उम्र औसतन 10 वर्ष तक कम हो सकती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पीएम 2.5 का स्तर 5 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर से कम रहना चाहिए। इसके ठीक उलट देश की 63% आबादी उस जगह पर निवास करती है, जो भारत के तय मानक (40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) से भी ज्यादा प्रदूषण की मार सहन कर रही है।

गंभीर बीमारियों से भी ज्यादा घातक साबित हो रही है प्रदूषण की समस्या :

अध्ययन में कहा गया है कि वायुप्रदूषण दुनियाभर में औसत जीवन में 2.2 वर्ष तक कम करने का कारण साबित हो रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक असुरक्षित पानी का इस्तेमाल, शराब का इस्तेमाल से होने वाले नुकसान के मुकाबले प्रदूषण तीन गुना अधिक घातक है। वहीं एचआईवी-एड्स के मुकाबले यह 6 गुणा अधिक खतरनाक है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बांग्लादेश के बाद भारत दूसरा सबसे प्रदूषित देश है।

इसे भी पढें : 24 घंटों में कोरोना के 6600 नए मामले

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बीमारी का बोझ कम करने के लिए 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर का लक्ष्य निर्धारित किया है। पिछले वर्ष एक्यूएलआई के विश्लेषण के बाद यह सामने आया कि औसतन लगभग 9.7 वर्ष की जीवन प्रत्याशा के साथ दिल्ली सबसे प्रदूषित राज्य भी था। इसी वर्ष के विश्लेषण के मुताबिक उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और त्रिपुरा शीर्ष पांच प्रदूषित राज्यों में शुमार हैं। यहां प्रदूषण का स्तर लोगों की उम्र में गिरावट की वजह बन रहा है।


Read : Latest Health News | Breaking News | Autoimmune Disease News | Latest Research |  on  https://caasindia.in | caas india is a Multilanguage Website | You Can Select Your Language from Social Bar Menu on the Top of the Website .


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Caas India Web Team
Caas India Web Teamhttps://caasindia.in
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article