पुरूषों के मुकाबले कितनी प्रभावित होती हैं महिलाएं
नई दिल्ली| टीम डिजिटल : महिलाओं पर (Ankylosing Spondylitis in Females) (AS) का प्रभाव क्या पुरुषों के मुकाबले कम पडता है? हम यह तो जानते हैं कि AS पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कम ही प्रभावित करता है लेकिन दोनों के शरीर पर होने वाले प्रभाव क्या समान हैं या उसमें अंतर है? आइए, हम आपको
बताते हैं कि वास्तविकता क्या है :
देश के सबसे बडे सरकारी अस्पताल और शोध संस्थान एम्स (Aiims) के रूमेटोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ. रंजन गुप्ता के मुताबिक महिलाओं में AS का पता लगने में पुरुषों के मुकाबले देरी होने की संभावना अधिक होती है। इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। जागरूकता भी एक अलग कारण है लेकिन ज्यादातर महिलाएं जोडों में दर्द की समस्या से पीडित होती हैं। ऐसे में चिकित्सकीय स्तर पर जांच पडताल के दौरान सबसे पहले ध्यान सामान्य अर्थराइटिस, रूमेटाइड अर्थराईटिस जैसी बीमारियों पर ही जाता है। महिलाओं के शरीर में हार्मोनल प्रवृत्ति के कारण भी कई बार शरीर में दर्द से संबंधि्त समस्याएं हो सकती है।
पुरूषों के मुकाबले महिलाओं के AS की स्थिति को समझना रोचक है और इससे थोडी हैरानी भी होती है क्योंकि पुरुषों की तुलना में महिलाओं
में होने वाली रेडियोलॉजिकल प्रगति धीमी होती है। AS महिलाओं को सर्वाइकल स्पाइन में और पुरुषों में लम्बर स्पाइन में अधिक प्रभावी होता है। निदान में देरी और गलत निदान होने का यह भी एक बडा कारण है। हम कह सकते हैं कि महिलाओं पर बीमारी का दबाव अधिक होता है और वे उपचार के प्रति काफी कम प्रतिक्रियाशील होती हैं।
Ankylosing Spondylitis से पीडित महिलाओं को अक्सर एंथेसाइटिस (स्नायुबंधन और टेंडन के लगाव की साइटों पर सूजन) और आंतों की भागीदारी (सूजन आंत्र रोग या आईबीडी) होती है। जबकि पुरुष रोगियों में पूर्वकाल यूवेइटिस अधिक बार होता हुआ पाया गया है।
यहां यह भी एक रोचक पहलू है कि लिंग के आधार पर उपचार की प्रतिक्रिया भिन्न हो सकती है। AS के साथ महिलाओं में कुछ जैविक दवाओं की उपचार प्रभावकारिता काफी कम है। उपचार का लक्ष्य लक्षणों का प्रबंधन करना और संरचनात्मक क्षति को रोकना होता है।
डॉ रंजन के मुताबिक AS से पीडित महिला की प्रजनन क्षमता को AS सीधे प्रभावित नहीं करता है लेकिन यह बीमारी उनके सक्रिय प्रजनन अवधि के दौरान प्रजनन से संबंधित जटिलताओं और समस्याओं की वजह बन सकता है। अक्सर Ankylosing Spondylitis से पीडित महिलाएं, जो गर्भवती हैं या गर्भ धारण करने की कोशिश कर रही हैं, उन्हें यह सलाह दी जाती है कि उन्हें सूजन को प्रबंधित करने के लिए सही दवाओं के लिए नियमित रूप से चिकित्सकीय निगरानी में रहना चाहिए।
इसके अलावा महिलाओं को चिंता और अवसाद जैसी मनोवैज्ञानिक स्थितियों से पीड़ित होने की अधिक संभावना भी रहती है। अगर शराब और सिगरेट पीते हैं तो तत्काल इनका सेवन बंद करना चाहिए। ऐसी परिस्थितियों में उन्हें पारिवारिक, पेशेवर, दोस्तों और सहायता समूहों से समर्थन किया जाना चाहिए।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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