Artifical Intelligence : आईटाईटी और दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल के विशेंषज्ञों ने मिलकर मॉडल तैयार किया
नई दिल्ली।टीम डिजिटल : Artifical Intelligence : हार्ट अटैक से मरीज बचेगा या जाएगी जान, बताएगा विशेष मॉडल- हार्ट अटैक आने के बाद मरीज को बचाने के लिए हर एक पल कीमती होता है। मरीज को समय रहते अस्पताल ले जाने से उसकी जान बचने की संभावना बढ सकती है। आईटाईटी और दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल के विशेंषज्ञों ने मिलकर एक ऐसा मॉडल (Artifical Intelligence ) तैयार किया है, जो यह पता लगाने में सक्षम होगा कि हार्ट अटैक के अगले 30 दिनों तक मरीज के बचने की संभावना कितनी है।
हार्ट अटैक होने के बाद अगले 30 दिनों तक मरीज के बचने की संभावना कितनी है, इसका पता लगाने के लिए आईआईटी और दिल्ली स्थित जीबी पंत अस्पताल के विशेषज्ञों ने एक नया मॉडल (Artifical Intelligence )विकसित किया है। इसे एमईआरसी नाम दिया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह मॉडल हार्ट अटैक से पीडित मरीजों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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जीबी पंत अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ मोहित गुप्ता के मुताबिक हार्ट अटैक के बाद मरीज को अपने सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। एमईआरसी मॉडल के जरिए हम यह पता लगा सकेंगे कि मरीज को सुरक्षित रहने के लिए उसके स्वास्थ्य पर कितना और कैसे ध्यान देने की जरूरत है। इससे मरीज की स्थिति का आकलन करना आसान होगा और विशेषज्ञों को उपचार में मदद मिलेगी।
ऐसे में जिन मरीजों को जान का अधिक जोखिम होगा, उनके उपचार में विशेषज्ञ और अधिक फोकस कर सकेंगे। डॉ गुप्ता के मुताबिक उनके पास आए हार्ट अटैक के कई मामलों में एमईआरसी मॉडल (Artifical Intelligence )के जरिए यह पता लगाया गया कि मरीज के जिंदा रहने की कितनी प्रतिशत संभावना है।
दो वर्षों में चार हजार मरीजों पर अध्ययन के बाद विकसित किया है मॉडल :
विशेषज्ञों ने दो वर्षो की मेहनत के बाद इस मॉडल (Artifical Intelligence ) को विकसित करने में सफलता हासिल की है। बताया गया है कि इस मॉडल से संबंधित अध्ययन के दौरान हार्ट अटैक के चार हजार मरीजों पर बाकायदा अध्ययन किया गया। इसके बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से इस मॉडल को विकसित किया गया। यह 32 पैरामिटर के आधार पर मरीजों की स्थिति का आकलन कर चंद मिनटों में उसकी स्थिति के बारे में जानकारी शेयर कर देता है।
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देश में हार्ट अटैक के मरीजों की तादाद चिंताजनक :
विशेषज्ञों के मुताबिक देश में हार्ट के मरीजों की तादाद लगातार बढती जा रही है। यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि देश में प्रत्येक वर्ष हार्ट अटैक के करीब 14 लाख मामले सामने आते हैं। इसमें से लगभग चार लाख लोगों की जान चली जाती है। रिपोर्टस के मुताबिक रोजाना करीब 1100 लोगों की मौत हार्ट अटैक के कारण होती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि हार्ट अटैक के 100 मामलों में से करीब 30 ऐसे होते हैं, जिनमें मरीज की उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच होती है।
डॉक्टरों के मुताबिक यह स्थिति जीवनशैली में गडबडी, तनाव और शारीरिक श्रम में कमी के कारण हो रही है। लोगों के खानपान का स्तर बिगड गया है और प्रतिपर्धा की होड के कारण लोगों के जीवन में तनाव ने ले लिया है। इस स्थिति से बचने के लिए संतुलित आहर, नियमित व्यायाम करने के साथ मेंटल रिलेक्स के तरीकों को अपनाना चाहिए।
Artifical Intelligence : हार्ट अटैक से मरीज बचेगा या जाएगी जान, बताएगा विशेष मॉडल
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