Harsingar gives relief in joint swelling and pain.
नई दिल्ली।टीम डिजिटल :Ways to get relief from joint swelling and pain : ठंड के मौसम में जोडों में सूजन और दर्द में राहत (Remedies to get relief from joint swelling and pain ) पाना आसान नहीं है। इसके लिए विशेष एहतिहात बरतनी पडती है। स्थिति बिगडने पर दवाइयां भी लेनी पड सकती है। ऐसी नौबत न आए इसके लिए उपाए करने की जरूरत पडती है। हम आपको एक ऐसे गुणकारी पौधे के बारे में आज जानकारी (Plant with special properties that are beneficial in joint pain and swelling) दे रहे हैं, जिसका नाम ज्यादातर लोगों ने सुना होगा लेकिन इस पौधे को दर्द और सूजन से निजात के लिए कैसे इस्तेमाल किया जाता है इसकी जानकारी कम ही लोगों को है।
जोडों में सूजन और सूजन की रामबाण दवा है हरसिंगार
हरसिंगार का पौधा आसानी से मिल सकता है। खासकर ठंड की शुरूआत के साथ ही इसमें फूल लगने शुरू हो जाते हैं। इसकी सुगंध से ही आसानी से यह पता लगाया जा सकता है कि पौधा आपके घर के आसपास कहीं है या नहीं। इसके पत्ते, छाल और फूल बडे गुणकारी होते हैं। जोडों के दर्द और सूजन से राहत पाने के अलावा भी हरसिंगार (पारिजात) अन्य कई समस्याओं में भी फायदेमंद हैं।
निगम पंचकर्मा अस्पताल दिल्ली के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरपी पाराशर के मुताबिक हरसिंगार का वानस्पतिक नाम (Botanical name of Harsingar) निक्टेन्थेस आर्बर-ट्रिस्टिस (nyctanthes arbor-tristis) है। पारिजात या हरसिंगार सुगंधित सफेद फूलों वाला छोटा सजावटी वृक्ष होता है। इसके खूबसूरत सफेद फूलों की सुखदायक और शांत सुगंध लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है।
आपको बता दें कि हरसिंगार की उपयोगिता (benefits of harsingar) पौराणिक काल से ही बनी हुर्ई है। पारिजात के फूल रात को ही खिलते हैं और सुबह तक पौधा अपने फूलों को जमीन पर गिरा देता है। यह हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित एक पवित्र वृक्ष भी माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण अपनी प्यारी पत्नी सत्यभामा के लिए इस वृक्ष को स्वर्ग से लेकर आए थे। यह स्वर्ग में मौजूद पंच वृक्षों में से एक है।
हरसिंगार की उपयोगिता
‘हरसिंगार विभिन्न तरह के स्वास्थ्य लाभ (Various health benefits of Harsingar) के लिए जाना जाता है। हरसिंगार में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। पुराने बुखार, अर्थराइटिस, जोड़ों का दर्द, साइटिका के इलाज में इसके पत्ते बडे फायदेमंद साबित होते हैं।
हेल्थ रिपोर्ट 2022 : हेल्थ के मामले में दुनिया में किस तरह की रही हलचल
सर्दियों में इन ब्ल्ड ग्रुप वालों को हार्ट अटैक का रहता है जोखिम
सफेद बाल से परेशान हैं तो आजमाएं यह तरीका
मोबाइल जरूरी है लेकिन बढा रहा है जीवन में तनाव
नपुंसकता खत्म कर देगी 8 टांगों वाली यह मकड़ी
दुनिया भर में सिर्फ 45 लोगों के पास ही है अनमोल ब्लड ग्रुप
डेंगू के इस खतरनाक स्ट्रेन से बच के रहना, पहुंचा सकता है अस्पताल
जोडों और मांसपेशियों में रहती है सूजन कहीं यह वजह तो नहीं
साइटिका का दर्द बेहद दुखदाई होता है। हरसिंगार के पत्तों और फूलों में एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण और विशिष्ट एसेंशियल आयल होते हैं। जो इसे साइटिका और अर्थराइटिस के उपचार में उपयोगी बनाते हैं।
साइटिका के लिए ऐेसे तैयार करें सामग्री
हरसिंगार के पत्ते- 3-4
पानी- 1 गिलास
विधि
पहले पत्तों को अच्छी तरह से धो लें।
फिर इसे पीसकर पानी में उबालें और फिर छान लें।
दिन में 2 बार खाली पेट इसका सेवन करें।
इससे दर्द में राहत मिलेगी।
अर्थराइटिस के लिए ऐसे तैयार करें सामग्री
हरसिंगार के पत्ते, फूल और छाल- 5 ग्राम
पानी- 200 ग्राम
विधि
लगभग 5 ग्राम पत्ते, छाल, फूल लेकर पानी का काढ़ा तैयार करें।
पानी के 1/4 मात्रा बचने पर काढा तैयार हो जाता है।
सूजन और दर्द के ऐसे तैयार करें सामग्री
हरसिंगार के पत्ते- 3-4
पानी- 2 गिलास
विधि
पत्तों को पानी में तब तक उबालें जब तक पानी 1/4 न बच जाए।
फिर इस काढे का सेवन करें।
अस्विकरण : हमने इस लेख को विशेषज्ञों से बातचीत और राय के आधार पर जागरूकता के लिहाज से तैयार किया है। पाठकों से निवेदन है कि बताए गए किसी भी विधि या सलाह पर अमल करने से पहले अपने स्तर पर भी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य करें।
Read : Latest Health News|Breaking News |Autoimmune Disease News |Latest Research | on https://caasindia.in | caas india is a Multilanguage Website | You can read news in your preferred language. Change of language is available at the beginning of the post (before the highlights). Photo ; freepik
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण:caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट
Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.