नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने सोमवार को दिल्ली के डॉक्टर अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आयोजित आयुर्विज्ञान में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) के 21वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। वह इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉक्टर भारती प्रवीण पवार विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद थीं।
दीक्षांत समारोह में 17467 विशेषज्ञों और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड, डॉक्टरेट ऑफ नेशनल बोर्ड और फेलो ऑफ नेशनल बोर्ड की डिग्रियां प्रदान की गईं। इसके अलावा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 210 डॉक्टरों को मेधावी पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। 21वें दीक्षांत समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि न्यू इंडिया के निर्माण में युवा डॉक्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उनकी सच्ची प्रतिबद्धता और समर्पण देश के विकास मेें महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेेगा।
केंद्रीय मंत्री ने उन सभी डॉक्टरों और उनके माता-पिता को बधाई दी, जिन्हें आयुर्विज्ञान में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड की सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा योग्यता के लिए डिग्रिया हासिल की है।
उन्होंने कहा कि देश सुलभ, सस्ती और रोगी के अनुकूल स्वास्थ्य प्रणाली विकसित करने की दिशा में आगे बढ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, केंद्र सरकार का लक्ष्य निवारक स्वास्थ्य देखभाल और आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के बीच तालमेल स्थापित करना है। साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र में समग्र रूप से कार्य भी करना है।
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उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और विकास आपस में जुड़े हुए हैं। हमारी सरकार स्वस्थ नागरिकों के मूल्य को समझती है। यह समझते हुए सरकार ने सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए), प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई), लक्ष्य कार्यक्रम और पीएम आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एडीएचएम) जैसी विभिन्न योजनाओं को शुरू किया है। ये सभी योजनाएं सुलभ, किफायती और रोगी के अनुकूल स्वास्थ्य प्रणाली के दृष्टिकोण से बेहतर साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी परिकल्पना की दिशा में काम करते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों की संख्या भी बढ़ाई है। अब सरकार हर जिले में एक चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण की योजना बना रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि दुर्गम और कठिन क्षेत्रों तथा खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आयुर्विज्ञान में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार का एक स्वायत्त निकाय है और इसे अखिल भारतीय आधार पर आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में परीक्षाएं आयोजित करने का काम सौंपा गया है। एनबीईएमएस पिछले 04 दशकों से चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा है। इसने विभिन्न अस्पतालों के बुनियादी ढांचे का उपयोग गुणवत्तापूर्ण स्नातकोत्तर और पोस्टडॉक्टोरल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया है।
एनबीईएमएस ने विभिन्न विशिष्टताओं में 12,000 से अधिक पीजी सीटों वाले 1100 से अधिक अस्पतालों को भी मान्यता दी है। इस अवसर पर अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. एम आर गिरिनाथ, एनबीईएमएस के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत शेठ और एनबीईएमएस की मानद कार्यकारी निदेशक डॉक्टर मीनू बाजपेयी भी मौजूद थे।
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Avinash