नई दिल्ली : दुर्लभ बीमारी से पीडित भाई बहन को जटिल सर्जरी के जरिए डॉक्टरों ने संकट से उबार लिया। खासबात यह रही कि इस जटिल सर्जरी को डॉक्टरों ने रोबोटिक तकनीक का उपयोग करते हुए अंजाम दिया है। हाल ही में उत्तराखंड के अल्मोड़ा से भाई-बहन दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उपचार के लिए लाए गए। उन्हें 200/120 मि.मी. एच.जी. (mm Hg) के हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) के साथ-साथ मस्तिष्क में दौरे सहित अन्य कठिनाईयां थी।
दुर्लभ बीमारी से पीडित भाई बहन का उपचार डिपार्टमेंट ऑफ यूरोलॉजी के विशेषज्ञों की देखरेख में शुरू किया गया। विशेषज्ञों ने पहले दोनों की स्थिति का मूल्यांकन किया। जांच के दौरान विशेषज्ञों ने पाया कि 8 साल के मनन जोशी को लेफ्ट एड्रिनल ग्लैन्ड (Left Adrenal Gland) में 4.5 सेमी के आकार का एक बड़ा ट्यूमर है। आश्चर्यजनक रूप से उसकी 15 वर्षीय बहन दिशा भी ऐसे ही दो ट्यूमर से पीडित थी। बड़ा ट्यूमर राइट एड्रिनल ग्लैन्ड (Right Adrenal Gland) में 5.5 सेमी और दूसरा ट्यूमर लेफ्ट एड्रिनल ग्लैन्ड (Left Adrenal Gland) में 2.5 सेमी का था।
दुर्लभ बीमारी से पीडित भाई बहन की सर्जरी करने वाले डिपार्टमेंट ऑफ यूरोलॉजी में यूरोलॉजिस्ट एण्ड रोबोटिक सर्जन डॉ. अश्विन माल्या के मुताबिक जटिल सर्जरी करने से पहले दोनों बच्चों के हाई ब्लड प्रेशर को स्थिर करना था। ट्यूमर को हटाने और एड्रिनल ग्लैन्ड (Adrenal Gland) के सामान्य हिस्से को बचाने की योजना बनाई क्योंकि एड्रेनल ग्लैंड्स (Adrenal Glands) शरीर के बहुत ही महत्वपूर्ण अंग हैं क्योंकि वे स्टेरॉयड (Steroids) का उत्पादन करते है और ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखते हैं। इसे ‘मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (minimally invasive surgery)’ का उपयोग करके ‘की-होल सर्जरी (Key Hole Surgery)’ के द्वारा ठीक किया गया।
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यूरोलॉजिस्ट एण्ड रोबोटिक सर्जन डॉ. अजय शर्मा के मुताबिक ट्यूमर के एड्रेनल ग्लैंड (Adrenal Gland) में अति कठिन जगह में होने के कारण उसे ऑपरेट करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण था। ये ग्लैंड्स छोटे और त्रिकोणीय आकार के होते हैं जो दोनों किड़नी (गुर्दों) के ऊपर स्थित होते हैं। ये प्रमुख रक्त धमनियों के बहुत ही नजदीक होते हैं। जो सर्जरी के दौरान ब्लड प्रेशर एवं हृदय गति में उतार-चढ़ाव होने की वजह से जीवन के लिए बहुत अधिक खतरा भी पैदा कर सकते है।
लेफ्ट एड्रिनल ट्यूमर (left adrenal tumor) को हटाने के लिए, सबसे पहले मनन को ‘लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (laparoscopic surgery)’ के लिए ले जाया गया। सर्जरी में 2 घंटे लग गए और 50 मिली खून की क्षति के साथ उसके ट्यूमर को हटा दिया गया और सामान्य एड्रेनल ग्लैंड (Adrenal Gland) को बचा लिया गया। सबसे बड़ी चुनौती थी ऑपरेशन के दौरान ब्लड प्रेशर एवं हृदय गति में उतार-चढ़ाव को सामान्य रखना था।
उसके बाद दिशा का ‘रोबोटिक तकनीक (Robotic Technology)’ से ऑपरेशन किया गया। उसकी ‘राइट एड्रिनल ग्लैन्ड (Right Adrenal Gland)’ में स्थित 5.5 सेमी वाले ट्यूमर को पूरी तरह से हटा दिया गया। ‘लेफ्ट एड्रिनल ग्लैन्ड (Left Adrenal Gland)’ में स्थित 2.5 सेमी वाले ट्यूमर को सामान्य ग्लैन्ड से अधिक से अधिक हटा दिया गया। उसकी सर्जरी में 3.5 घंटे लगे। दिशा का भी एड्रिनल ग्लैन्ड (Adrenal Gland) का अधिकतर हिस्सा बचाने में डॉक्टर सफल रहे।
ट्यूमर की बायोप्सी रिपोर्ट में फियोक्रोमोसाइटोमा, दुर्लभ एड्रिनल ट्यूमर (pheochromocytoma) का पता चला। भाई-बहनों के जेनेटिक अध्ययन से एक दुर्लभ पारिवारिक ट्यूमर सिंड्रोम का पता चला है जिसे ‘वी.एच.एल. सिंड्रोम (VHL syndrome)’ कहा जाता है। यह दुर्लभ सिंड्रोम पूरे शरीर में ट्यूमर बना सकता है। कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट डॉ. सचिन कथूरिया, के अनुसार, एनेस्थेटिस्ट, पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी और एंडोक्रिनोलॉजी की संयुक्त टीम की कार्यकुशलता के कारण इन दुर्लभ और जटिल बीमारी की सर्जरी सफलतापूर्वक कर ली गई। दोनों मरीज अब ठीक हो गए हैं और सर्जरी के 2 सप्ताह के अंदर स्कूल भी जाना फिर से शुरू कर देंगे।
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