गुरुग्राम : अवैध लिंग जांच के अरोप में डॉक्टर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक डॉक्टर भी शामिल है। इन सभी पर अवैध तरीके से भ्रूण लिंग जांच को अंजाम देने का अरोप है। जानकारी के मुताबिक शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस टीम ने सक्रियता दिखाते हुए इस मामले में कार्यवाई की।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रविवार को पटौदी रोड पर स्थित एक क्लीनिक पर छापेमारी कर प्रसव पूर्व लिंग जांच (भ्रूण जांच) के रैकेट का खुलासा किया। पुलिस द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक यह रैकेट का दायरा दिल्ली, झज्जर, पटौदी और अन्य पड़ोसी क्षेत्रों तक फैला हुआ था। जिसके तहत महिलाओं से प्रति जांच के लगभग 75000 रुपए लिए जाते थे और रजिस्टर में रेकॉर्ड के नाम पर उनके फर्जी नामों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
पुलिस के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग को भ्रूण जांच करने वाले इस रैकेट के बारे में जानकारी प्राप्त हुई थी। जिसके बाद क्लीनिक पर दबिश डालने के लिए एक टीम गठित की गई। स्वास्थ्य विभाग ने एक महिला को भ्रूण जांच के लिए भेजा एक क्लर्क को उसका पति बनाकर साथ भेजा गया। जैसे भी भ्रूण जांच की प्रक्रिया पूरी हुई, विभाग ने तत्काल क्लीनिक पर छोपेमारी कर रंगे हाथ डॉक्टर और तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
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मामले को खंगाल रही है पुलिस :
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार डॉक्टर की पहचान पुनीत गुप्ता के रूप में की गई है। जो कथित तौर पर क्लिनिक के अंदर गर्भवती महिलाओं की अल्ट्रासोनोग्राफी करता था। जबकि महेश और अभिमन्यू महिलाओं को क्लीनिक लाने के लिए उसके दलाल के रूप में सक्रिय थे। पटौदी थाने के थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार के मुताबिक संदिग्धों को पूछताछ के लिए एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी हुई है कि ये लोग इस काम को कब से अंजाम दे रहे थे और अब तक उन्होंने कितनी संख्या में भ्रूण जांच किया है।
डिप्टी सिविल सर्जन सह प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीएनडीटी) अधिनियम के नोडल अधिकारी की शिकायत पर आरोपियों पर आइपीसी की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक इस मामले में दो संदिग्ध अभी फरार हैं। इनमें से एक डॉक्टर के रूप में किसी और के लाइसेंस का उपयोग कर रहा था। आरोपी फर्रूख नगर में मुख्य बस स्टैंड के पास एक क्लीनिक में प्रैक्टिस करता था।
पुलिस के मुताबिक महेश ने महिला के पति को पहले फर्रूख नगर आने के लिए कहा। बाद में भ्रूण जांच करने वाले डॉक्टर से उसकी मुलाकात करवाई। यहां 70 हजार में जांच करने पर रजामंदी हुई। फर्जी डॉक्टर ने महिला के पति को एक नंबर दिया और डिप्टी सर्जन से निर्देश प्राप्त करने के बाद उस पर टोकन मनी के तौर पर 13 जून को 25000 भेजने के लिए कहा। शेष भुगतान 45000 रुपए का 23 जून को क्लीनिक पर ही किया गया।
डमी गर्भवती महिला को शनिवार को झज्जर के याकूबपुर आने के लिए कहा गया। जहां से डॉक्टर उसे हैलीमंडी के पास एक क्लीनिक में लेकर गए। इस दौरान महेश और अभिमन्यू एक मोटरसाइकिल पर उनका पीछा कर रहे थे। डॉक्टर पुनीत गुप्ता ने गर्भवती महिला की अल्टासोनोग्राफी की और बताया कि उसके पेट में लड़की है। चेकअप के बाद क्लीनिक से बाहर आने पर महिला ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को इशारा किया। जिसके बाद टीम ने मौके से दलालों और डॉक्टर को दबोच लिया।
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