उत्पाद को बढावा देने के लिए डॉक्टरों और मेडिकल पेशेेवरों को रिश्वत देने का आरोप
नई दिल्ली : कोरोना के दौरान बुखार उतारने की दवा के तौर पर काम आने वाली Dolo-650 बनाने वाली कंपनी को लेकर बडा खुलासा सामने आया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने डोलो-650 दवा बनाने वाली कंपनी के खिलाफ बडा आरोप लगाया है। सीबीडीटी के मुताबिक उत्पादों को बढ़ावा देने के बदले कंपनी ने डॉक्टरों और Medical Professionals को लगभग 1,000 करोड़ रुपये के मुफ्त गिफ्ट दिए। आयकर विभाग द्वारा छह जुलाई को बेंगलुरू स्थित माइक्रो लैब्स लिमिटेड के नौ राज्यों में 36 परिसरों पर छापेमारी के बाद यह दावा किया है।
सीबीडीटी ने बयान में कहा है कि दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के दौरान विभाग ने 1.20 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 1.40 करोड़ रुपये के सोने और हीरे के जेवरात जब्त किए हैं। इस संबंध में माइक्रो लैब्स की ओर से अभी तक किसी तरह की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। सीबीडीटी के मुताबिक तलाशी अभियान के दौरान दस्तावेजों और डिजिटल डाटा के रूप में पर्याप्त आपत्तिजनक सबूत प्राप्त हुए हैं।
सफदरजंग अस्पताल : रोबोटिक तकनीक से पहली बार डॉक्टरों ने किया किडनी प्रत्यारोपण
दिल्ली में केंद्र सरकार संचालित पहला अस्पताल बना सफदरजंग जहां हुई रोबोट से किडनी प्रत्यारोपित न
बोर्ड के मुताबिक, सबूतों से संकेत मिले हैं कि कंपनी ने अपने उत्पादों/ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए गैरकानूनी तरीकों को अपनाया। मुफ्त उपहारों की राशि को लगभग 1000 करोड के होने की आशंका जाहिर की जा रही है। हालांकि, सीबीडीटी ने अपने बयान में कंपनी का पहचान उजागर नहीं किया है लेकिन सूत्रों की ओर से माइक्रो लैब्स का नाम स्परष्ट किया गया है। सीबीडीटी के मुताबिक तलाशी अभियान के दौरान दस्तावेजों और डिजिटल डाटा के रूप में मिले सबूतों को जब्त किया गया है।
Read : Latest Health News|Breaking News |Autoimmune Disease News |Latest Research | on https://caasindia.in | caas india is a Multilanguage Website | You Can Select Your Language from Social Bar Menu on the Top of the Website.