क्या मंकीपॉक्स (Monkeypox)सेक्सुअल कॉन्टैक्ट से भी फैल सकता है। यह सवाल पहेली बनकर अब विशेषज्ञों के सामने है। यूरोप में हुई एक ताजा रिसर्च के बाद से यह सवाल उठ रहा है। मंकीपॉक्स आउटब्रेक की शुरूआत में डब्ल्यूएचओ पहले ही इस मामले को लेकर आशंका व्यक्त कर चुका है।
नई दिल्ली: मंकीपॉक्स (Monkeypox) नई चुनौती के रूप में दुनिया के सामने है। पिछले एक महीने के दौरान ही यह वायरस 29 देशों में फैल चुका है। विश्वभर में इसके 1088 मामले सामने आ चुके हैं। इसी बीच यूरोप में की गई एक ताजा स्टडी ने पूरी दुनिया के विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है। साथ ही अब एक नया सवाल खडा हो गया है, जिसे लेकर दुनियाभर के विशेषज्ञ कवायद में जुटे हुए हैं।
इस बीमारी की शुरूआत में ही डब्ल्यूएचओ ने आशंका जताई थी कि शायद यह वायरस सेक्सुअल कॉन्टेक्ट के जरिए एमएसएम पुरूषों को संक्रमित कर रहा है। इसके बाद यूरोप में हुई एक ताजा स्टडी में ऐसे सबूत भी मिले हैं।
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यूरोसर्विलांस जर्नल में प्रकाशित हुई इस रिसर्च में इटली में मंकीपॉक्स से पीडित 4 मरीजों की जांच की गई। सभी MSM पुरुष हैं (वे पुरुष जो पुरुषों के साथ सेक्सुअल रिलेशन बनाते हैं)। इनकी उम्र लगभग 30 साल है। इनमें से 3 मरीज मई मे स्पेन में आयोजित रेव पार्टी में शामिल हुए थे। जबकि, चौथे शख्स ने सेक्स वर्क के लिए यात्रा की थी। चारों पुरुषों में यौन रोग, यानी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (STI) से पीडित होने की मेडिकल हिस्ट्री का भी पता चला है। वहीं इनमें से दो लोगों को एचआईवी भी है।
विशेषज्ञों के मुताबिक इन पुरुषों के वीर्य में मंकीपॉक्स वायरस की मौजूदगी पाई गई है। यहां बता दें कि दुनियाभर में पाए जा रहे मंकीपॉक्स के ज्यादातर पुरूष मरीजों के यौनांग में मवाद वाले दाने निकलने की समस्या सामने आ रही है। यह इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में से है।
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क्या है मंकीपॉक्स :
मंकीपॉक्स वायरस के जरिए फैलने वाला एक वायरल संक्रमण है। यह वायरस पहली बार 1958 में एक बंदर में पाया गया था। जिसे कैद किया गया था। 1970 में इंसान के इस वायरस से संक्रमित होने का पहला मामला सामने आया था। यह वायरस इंसान के जख्म के जरिए मुंह, नाक, आंख के जरिए शरीर के अंदर प्रवेश करता है। यह संक्रमित जानवर के काटने या उनके शरीर से निकलने वाले फ्लूड से भी हो सकता है।
इसके लक्षण 5 से 21 दिनों के अंदर प्रकट होते हैं। मवाद से भरे हुए दाने, सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों और कमर में दर्द, कंपकपी, थकान और लिम्फनोड में सूजन इसके प्रमुख लक्षण हैं। डब्ल्यूएच ओ के मुताबिक स्मॉलपॉक्स वैक्सीन मंकीपॉक्स के मामलों पर 85 प्रतिशत तक कारगर है।
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