हेल्थ रिपोर्ट 2022 : हेल्थ के मामले में दुनिया में किस तरह की रही हलचल
लिवर पर उम्र बढने का असर नहीं होता लेकिन अगर आपका खानपान सही और कोई बुरी आदत नहीं पाल रखी है तो आपका लिवर जवान रहेगा। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि एक ताजा स्टडी में इस बात की पुष्टि हुई है।
नई दिल्ली : जर्मनी की ड्रेसडन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञों की स्टडी में लिवर के बारे में यह नई जानकारी सामने आई है। विशेषज्ञों ने स्टडी में मेथमेटिकल मॉडलिंग और रेट्रोस्पेकटिव रेडियोकार्बन वर्थ डेटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए यह जानकारी उजागर की है।
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दरअसल, 20 वीं शताब्दी में एक परमाणु परीक्षण की गई थी। इस दौरान वातावरण में कार्बन आइसोटॉप्स फैल गए थे। विशेषज्ञों ने इस स्थिति को ही आधार बनाते हुए अपनी स्टडी को अंजाम दिया। जिसके बाद यह पता चला कि हमारी उम्र जरूर बढती है लेकिन बढती हुई उम्र का लिवर कोई असर नहीं होता है।
यहां यह स्पष्ट कर दें कि लिवर मानव शरीर का सबसे बडा और महत्पूर्ण अंग है, जिसमें खुद के नुकसान की भारपाई करने की क्षमता होती है लेकिन अगर लिवर ज्यादा क्षतिग्रस्त हो जाए तो कई मामलों में यह खुद को दोबारा विकसित नहीं कर पाता। जिसके कारण इसकी कार्यप्रणाली ठप हो जाती है और शरीर में विषैले तत्वों की अधिकता के चलते इंसान की मौत हो जाती है।
ड्रेसडन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट डॉ. ओलाफ बर्गमैन (Dr. Olaf Bergmann) के मुताबिक इससे फर्क नहीं पडता कि इंसान की उम्र क्या है। व्यक्ति भले ही अस्सी साल का क्यों न हो लिवर की उम्र औसतन तीन वर्ष बरकरार रहती है लेकिन इसके लिए यह जरूरी है कि वह शराब आदि का सेवन न करता हो। यह कन्क्लूजन विशेंषज्ञों ने 20 से 84 साल की उम्र के 50 से अधिक लोगों का पोस्टमार्टम और टिशूज बायोप्सी रिपोर्ट के विश्लेषण के जरिए निकाला है।
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दरअसल, शरीर का लिवर के द्रव्यमान (Liver mass) पर कड़ा नियंत्रण रहता है। विशेषज्ञों को यह जानकारी मिली कि लिवर का एक छोटा अंश 10 साल तक जीवित रह सकता है। जब विशिष्ट लिवर कोशिकाओं की तुलना डीएनए की समृद्ध कोशिकाओं वाले लिवर से करते हैं, तो रिन्यूवल में भूलभूत अंतर मिलता है।
बर्गमैन के मुताबिक विशिष्ट कोशिकाओं का साल में करीब एक बार ही निर्माण हो पाता है। जबकि, डीएनए की समृद्ध कोशिकाएं 10 साल तक लिवर में मौजूद रहती है।
जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढती है, इन कोशिकाओं में दोबारा खुद की मरम्मत करने की क्षमता कम होने लगती है। इस नई स्टडी में यह पता चला है कि ये लिवर सेल्स में हेपेटोसाइट्रस पर लागू नहीं होता है1 वहीं जानवरों पर की गई स्टडी के परिणाम इंसानों पर किए गए अध्ययन के विपरीत पाए गए हैं।