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इन्फ्लामेट्री बीमारियों से राहत में ये विटामिन हैं बेहद फायदेमंद

 इन्फ्लामेट्री बीमा​रियों से निपटना आसान नहीं है। खासकर के जब ये क्रॉनिक श्रेणी की हो। इस तरह की बीमारियों में मरीजों को दर्द का सामना करना पडता है। इससे राहत के लिए लोग पेनकिलर का इस्तेमाल करते हैं लेकिन पेनकिलर का अत्यधिक इस्तेमाल आपको अन्य शारीरिक परेशानियों में डाल सकता है ”  


 New Delhi : हमारी धरती पर फल और सबि्जयों के रूप में कई ऐसे खाद्य पदार्थ दिए हैं। उनमें से कई बेहद औषधिय गुणों वाले हैं। इनमें कुछ खास विटामिनों की मौजूदगी होती है, जिससे इन्फ्लामेट्री रोगों में काफी आराम मिलता है। आहार विशेषज्ञों की मानें तो खास विटामिन वाले खादृय पदार्थों के नियमित इस्तेमाल से इन रोगों के लक्षणोें में सुधार की उम्मीद की जा सकती है लेकिन ज्यादातर लोग कुछ दिन के इस्तेमाल के बाद उबकर छोड देते हैं। जिससे उन्हें इनके लाभ का पता ही नहीं चल पाता है। हम आपको यहां ऐसे 6 विटामिनों की जानकारी दे रहे हैं, जिन्हें इन्फ्लामेट्री बीमारियों में फायदेमंद माना जाता है। इनमें बाकायदा एंटी इन्फ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं। इनमें से कई पर तो बाकायदा अध्ययन भी की गई है : 

विटामिन ए 

अलग-अलग अध्ययनों में पाया गया है कि विटामिन ए प्रतिरक्षा प्रणाली को जरूरत से अधिक सक्रिय होने और सूजन पैदा करने से रोक सकता है। यह दो रूपों में पाया जाता है। इनमें से एक है बीटा-कैरोटिन। यह एक प्रो विटामिन है जो शरीर में जाकर विटामिन ए रूप में बदल जाता है। जबकि, विटामिन ए एंटीऑक्सिडेंट है, जो फ्री रेडिकल्स से शरीर की रक्षा करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बीटाकैरोटिन और विटामिन ए से भरपूर आहार लिया जाए तो इससे सूजन और दर्द में आराम मिल सकता है और इससे सूजन कम करने में भी मदद मिलती है।

इनमें पाया जाता है विटामिन ए : गाजर केल सिंहपर्णी, कोलार्ड साग, पालक और विभिन्न तरह की पत्तेदार सब्जियों में।

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बी विटामिन

कई अध्ययनों में इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि जिन लोगों में विटामिन बी की कमी होती है, उनमें विटामिन बी 6 की कमी वाले लोगों में अक्सर सी-रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर उच्च् होता है। यहां बता दें कि यह सूजन के लिए जिम्मेदार कारकों में से एक है। रूमेटाइड ऑथराइटिस के मरीजों में सी रियेकि्टव प्रोटीन का स्तर अक्सर बढा हुआ पाया जाता है।विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर में सूजन को कम करने के लिए विटामिन बी 6 की मात्रा बढाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

इनमें होती है विटामिन बी 6 की मात्रा : केल, बेल मिर्च, मशरूम, कैंटालूप, टूना और पोल्ट्री शामिल हैं।

 

फॉलिक एसिड :

एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि फॉलिक एसिड की खुराक अगर रोजाना ली जाए तो यह सूजन कम करने में लाभदायक है। इसे फोलेट ए और बी विटामिन भी कहते हैं।

इमनें पाई जाती है फॉलिक एसिड : काली आंखों वाले मटर, गहरे रंग के पत्तेदार साग, शतावरी और यकृत शामिल हैं।

 

विटामिन सी

विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखने के साथ उसकी कार्यप्रणाली को भी बेहतर रखने वाला माना जाता है। शोध में यह पाया गया है कि विटामिन सी सूजन पैदा करने वाले फ्री रैडिकल्स (मुक्त कणों) को शरीर से निकालने में सक्षम है। इसके अलावा यह विटामिन बी तरह ही सी रियेक्टिव प्रोटीन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

इनमें पाई जाती है विटामिन सी की मात्रा : विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों में।

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विटामिन डी

फूड एंड न्यूट्रिशन रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक 41.6 फीसदी अमेरिकियों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है। लंबे समय तक किए गए 5 अध्ययनों में विटामिन डी का कम स्तर और विभिन्न प्रकार की सूजन से संबंधित बीमा​रियों के बीच गहरा संबंध पाया गया है। साथ ही यह भी स्पष्ट हुआ कि अगर शरीर में कम पड चुके विटामिन डी की मात्रा बढाई जाए तो सूजन को कम करने में मदद मिलती है।

द जर्नल ऑफ इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित एक अन्य रिपोर्ट से भी यह जानकारी मिलती है कि विशिष्ट आणविक और सिग्नलिंग घटनाएं विटामिन डी की सूजन को रोकने की क्षमता के लिए जिम्मेदार हैं। इसके अलावा, जिन लोेगोें में विटामिन डी की कमी है वह अगर सूजन से संबंधित किसी बीमारी से पीडित हैं तो इसकी मात्रा बढाकर राहत पा सकते हैं।

विटामिन डी के निम्न स्तर वाले लोग निश्चित रूप से विटामिन डी पूरकता से लाभान्वित हो सकते हैं। विटामिन डी प्राकृतिक रूप से सूर्य के संपर्क में आने के बाद शरीर द्वारा भी निर्मित होता है, लेकिन सभी को इस तरह से विटामिन डी जरूरत के मुताबिक मिल ही जाए यह जरूरी नही है।

इनमें होती है विटामिन डी की भरपूर मात्रा : मछली, अंडे की जर्दी, ऑर्गन मीट और दूध

 

विटामिन ई

विटामिन ई भी एंटीऑक्सीडेंट तत्व वाला होता है। यह भी सूजन को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। यूरोपियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन की ओर से 2015 में किए गए अध्ययन के रिपोर्ट की जब मेटा विश्लेषण की गई तब विटामिन ई में सूजन रोधी गुण होने की जानकारी मिली।

इनमें होती है विटामिन ई : बादाम और सूरजमुखी के बीज सहित नट्स और अन्य बीजों में प्राकृतिक रूप से विटामिन ई पाया जाता है। इसके अलावा कई फल और सब्जियां भी विटामिन ई से भरपूर होती हैं। इनमें एवोकाडो और पालक प्रमुख रूप से शामिल हैं।

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विटामिन K

जर्नल मेटाबॉलिज्म में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार विटामिन के सूजन पैदा करने वाले मार्करों के स्तर को कम कर सकता है। इसके अलावा यह बोन हेल्थ के मामले में भी फायदेमंद है। यह विटामिन अधिकांश लोगों को अपने आहार से पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता है। एक वयस्क पुरुष को प्रतिदिन 120 माइक्रोग्राम (एमसीजी) विटामिन लेने की जरूरत होती है। जबकि महिलाओं को 90 एमसीजी विटामिन के की जरूरत पडती है। विटामिन K दो प्रकार के होते हैं: विटामिन K1 और K2

इनमें पाई जाती है इस विटामिन की मात्रा : केल, पालक, ब्रोकली और पत्ता गोभी सहित पत्तेदार सब्जियों में विटामिन K1 पाया जाता है, जबकि K2 चिकन, लीवर और अंडे में पाया जाता है।

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