देशभर में लगातार कोविड के मामले बढ रहे हैं। एक समय ऐसा भी आया था और लगा था कि कोविड संक्रमण से अब मुक्ति मिल जाएगी लेकिन वास्तव में ऐसा हुआ नहीं। मामले के एकबार फिर बढ रहे हैं और सतर्क रहने की आवश्यकता अधिक है। विशेषज्ञों का कहना है कि पैनिक होने के बजाए इससे बचने की जानकारी रखें। वर्तमान में कोविड प्रोटॉकाल से संबंधित नियमों का पालन करें। यहां हम बता रहे हैं कि अगर अभी किसी को कोविड संक्रमण होता है, तो उन्हें किन नियमों का पालन करना होगा।
नई दिल्ली : आईआईटी के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि 22 जून के बाद कोरोना की चौथी लहर आ सकती है। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि कोविड से संबंधित वर्तमान प्रोटोकॉल को समझ लिया जाए। यह जानना जरूरी है कि फिलहाल कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) होने पर क्वेरेंटीन या आइसोलेशन (Isolation) से संबंधित नियम क्या हैं।
कोविड से संक्रमित होने पर कितने दिन के लिए आइसोलेशन की अनिवार्यता है और किन लक्षणों के उभरने पर अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है।
यहां बता दें कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसी साल 9 जनवरी 2022 को अपडेटेड गाइडलाइंस जारी किया था। जिसमें कोविड केयर से संबंधित दिशानिर्देशों की जानकारी दी गई है।
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माइल्ड केस :
रिवाइज्ड पॉलिसी के मुताबिक कोविड के माइल्ड लक्षण वाले मरीजों को कोविड केयर सुविधा में या होम आइसोलशन में भर्ती रहना होगा। इस दौरान मरीज की नियमित रूप से हेल्थ मॉनिटरिंग होगी। कोविड टेस्ट पॉजिटिव आने के 7 दिनों के बाद मरीज को होम आईसोलेशन या कोविड केयर सेंटर से बाहर आने की इजाजत मिलेगी। इस दौरान यह सुनिश्चित करना होगा कि मरीज को बुखार न हो। डिसचार्ज करने के लिए मरीज को दोबारा कोविड टेस्ट करवाने की बाध्यता नहीं होगी।
मॉडरेट केस :
ऐसे मरीजों को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती करवाने के निर्देश हैं। मरीज का ऑक्सीजन स्तर 93 से कम है और उसमें गंभीर लक्षण हैं, तो ऐसे मरीजों का उपचार अस्पताल में ही करवाना होगा। उपचार मिलने के बाद अगर मरीज का ऑक्सीजन स्तर लगातार तीन दिनों तक बिना सपोर्ट के 93 प्रतिशत से ऊपर रहा तो मेडिकल ऑफिसर की मंजूरी के बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है। ऐसे मरीजों को भी अस्पताल से छुट्टी के लिए दोबारा कोविड जांच नहीं करवानी पडेगी।
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गंभीर केस :
गंभीर केस वाले कोविड संक्रमित मरीज या इम्यूनोकॉम्प्रोमाज्ड मरीज (एचआईवी, मेलिग्नेंसी, अंग प्रत्यारोपण वाले, डायबिटीज, लिवर किडनी या कोई अन्य क्रॉनिक बीमारियों से पीडित) को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। इन्हें तबतक उपचार में रखना होगा, जबतक पूरी तरह क्लीनिकल रिकवरी नहीं हो जाती है। अस्पताल से डिस्चार्ज के लिए इन्हें मेडिकल ऑफिसर से मंजूरी की अनिवार्यता होगी। ऐसे मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलने के अगले 7 दिनों तक सेल्फ मानिटरिंग करने की सलाह स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई है। मरीजों को मास्क पहनने की भी सलाह दी गई है। अगर इन्हें बुखार, सर्दी’जुकाम, गले में दर्द या कोई अन्य समस्या होती है, तो इन्हें तत्काल चिकित्सक से संपर्क करने की सलाह दी गई है।
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Nyc
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